इंदौर। ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अब शिवराज सरकार के खिलाफ आक्रामक मुद्रा में है. इस मामले में पूर्व पंचायत मंत्री और ओबीसी नेता कमलेश्वर पटेल ने ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण नहीं मिलने को लेकर शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब सरकार रिपीटेशन का दिखावा कर रही है, लेकिन वास्तव में सरकार और आरएसएस नहीं चाहते कि ओबीसी और एससी एसटी वर्ग को हक और अधिकार मिले. (kamleshwar patel said bjp anti obc)
एससी-एसटी आरक्षण के साथ ही चुनाव कराने की अनुमति: मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता अब साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को चुनाव कराने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 5 साल में चुनाव करवाना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है. अदालत ने 2 हफ्ते में चुनाव की अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता. अभी सिर्फ एससी-एसटी आरक्षण के साथ ही चुनाव कराने होंगे. (supreme court result on obc reservation)
कांग्रेस नेता का बीजेपी पर आरोप: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी भी शुरू कर दी है. इंदौर आए कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा.
ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया है. हमेशा आधी अधूरी जानकारी दी क्योंकि ऐसा नहीं होता तो शिवराज सरकार और उसके नेता ओबीसी वर्ग के खिलाफ नए अध्यादेश नहीं लाते. सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय आया है, उससे बीजेपी सरकार का ओबीसी विरोधी चेहरा सामने आया है. बीजेपी सरकार अगर सही जानकारी सुप्रीम कोर्ट में समय पर दे देती तो यह स्थति नहीं होती. इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है. बीजेपी सरकार ओबीसी विरोधी है. कांग्रेस लोगों को बताएगी की ओबीसी को आरक्षण किसने दिया और किसने छीना है.
बीजेपी सरकार की रिपोर्ट को कोर्ट ने अधूरा माना: पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण के मामले में प्रदेश की बीजेपी सरकार की रिपोर्ट को कोर्ट ने अधूरा माना है. अधूरी रिपोर्ट होने की वजह से मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग को चुनाव में आरक्षण नहीं मिलेगा, इसलिए अब स्थानीय चुनाव 36 फीसदी आरक्षण के साथ ही होंगे. इसमें 20 फीसदी अनुसूचित जाति और 16 फीसदी अनुसूचित जाति का आरक्षण रहेगा. जबकि शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने के बात कही थी. (kamleshwar patel attack on shivraj government)