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GST Fraud in Indore: 500 फर्जी कंपनियों से 700 करोड़ का घोटाला, आरोपियों के पास से जब्त हुआ आधार कार्ड का जखीरा

इंदौर में 500 फर्जी कंपनियों से 700 करोड़ के घोटाले का मामला (GST Fraud in Indore) सामने आया है, जिसमें सीजीएसटी इंदौर और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई के बाद सूरत से पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई. अब आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और इस दौरान कई चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. इनके पास से आधार कार्ड का जखीरा मिला है.

GST Fraud in Indore
इंदौर में जीएसटी धोखाधड़ी
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Published : May 31, 2022, 12:12 AM IST

इंदौर। सीजीएसटी आयुक्त कार्यालय इंदौर (CGST Commissioner Office Indore) और इंदौर राज्य साइबर सेल पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए फर्जी जीएसटी फॉर्म बनाकर 700 करोड़ रुपए का इनकम टैक्स फ्रॉड (GST Fraud in Indore) करने वाले गैंग के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से दो आरोपियों को सीजीएसटी पुलिस ने रिमांड पर लिया है, तो वहीं तीन आरोपियों को राज्य साइबर सेल पुलिस ने कार्रवाई कर गिरफ्तार किया है. इनके पास से कई आधार कार् इंदौर रहवासियों के जब्त हुए हैं, साथ ही अलग-अलग दस्तावेज मिले हैं. वहीं पूरे मामले में राज्य साइबर सेल जांच करने में जुटी हुई है.

इंदौर में जीएसटी धोखाधड़ी

सूरत से दबोचे गए पांच आरोपी: सीजीएसटी कार्यालय द्वारा एक लिखित आवेदन राज्य साइबर सेल को सौंपा गया था. इसमें बताया गया था कि सीजीएसटी ने ऐसे इनपुट निकले हैं, जिसमें टैक्स क्रेडिट आईटीसी बनाने और उन्हें पारित करने वाला एक रैकेट सक्रिय है. इन्होंने बड़ी संख्या में फर्जी जीएसटी फर्म बनाई है, और स्क्रैप और अन्य बिजनेस के आधार पर बदमाश इनपुट टैक्स क्रेडिट बना रहा है. पता चला था कि बदमाशों ने ना केवल इंदौर बल्कि देश के बड़ी-बड़ी फर्म का नाम का उपयोग कर फर्जी नाम नंबर और पता तकनीकि तौर पर फ्रॉड करते हुए उपयोग में लिया था. इसकी शिकायत के बाद राज्य साइबर सेल इंदौर और सीजीएसटी कार्यालय इंदौर में संयुक्त ऑपरेशन करते हुए गुजरात के सूरत से 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.

रिमांड पर लेकर आरोपियों से पूछताछ: घोटाला करने वाले गिरोह के मास्टर माइंड के पास इंदौर के लोगों की आईडी मिली है. आरोपियों ने पुलिस से सभी फर्जी कंपनियां बनाने की बात कबूली है. राज्य साइबर सेल ने फर्जी दस्तावेजों पर जीएसटी कंपनी बनाकर लोगों से इनपुट टैक्ट क्रेडिट बनाने और उन्हें पारित करने के नाम पर अबतक का ये सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा है. दो मुख्य आरोपी हाल ही में जीएसटी विभाग की गिरफ्त में रिमांड पर है, जिनकी रिमांड खत्म होने के बाद साइबर सेल पुलिस दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.

करोड़ों के घोटाले का खुलासा: जिस व्यक्ति के द्वारा इंदौर के लोगों के आईडी फर्जी फर्म बनाने में उपलब्ध करवाए गए थे, उसे साइबर सेल पुलिस तलाश कर रही है. पिछले दिनों जीएसटी विभाग ने 6 फर्म के फर्जी होने की शिकायत को लेकर राज्य साइबर सेल को सूचित किया था, जिसमें करोड़ों के घोटाले होने की बात सामने आई थी. दोनों विभाग के अधिकारियों ने एक साथ सूरत में कार्रवाई की तो 5 लोगों को पकड़ा था.

Fraud in Indore : स्वराज इंडिया रियल स्टेट के नाम पर 170 लोगों से 1.64 करोड़ की धोखाधड़ी, 7 आरोपियों की तलाश

ये सामान हुआ जब्त: पहले जांच में दोनों ही विभाग को लगभग 100 करोड़ रुपए से अधिक के इनपुट मिले थे, लेकिन जांच पूरी होते-होते यह आंकड़ा 700 करोड़ तक जा पहुंचा. पुलिस की दबिश के दौरान दोनों ही टीमों को सूरत में बदमाशों के फ्लैट से 500 से अधिक फर्जी फर्मों के दस्तावेज, बड़ी संख्या में लोगों के आधार कार्ड के डाटा, फर्जी पतों के डाक्यूमेंट्स, 300 से अधिक फर्जी फर्मों की सील और लेटर पैड, और फर्जी दस्तावेज प्राप्त हुए. इसी के साथ आरोपियों ने अलग-अलग मोबाइल नंबरों से जुड़े कई डिजिटल वॉलेट खातों के माध्यम से लेन-देन कर रहे थे, वे सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने के अलावा अपनी पहचान भी छुपा रहे थे.

इंदौर। सीजीएसटी आयुक्त कार्यालय इंदौर (CGST Commissioner Office Indore) और इंदौर राज्य साइबर सेल पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए फर्जी जीएसटी फॉर्म बनाकर 700 करोड़ रुपए का इनकम टैक्स फ्रॉड (GST Fraud in Indore) करने वाले गैंग के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से दो आरोपियों को सीजीएसटी पुलिस ने रिमांड पर लिया है, तो वहीं तीन आरोपियों को राज्य साइबर सेल पुलिस ने कार्रवाई कर गिरफ्तार किया है. इनके पास से कई आधार कार् इंदौर रहवासियों के जब्त हुए हैं, साथ ही अलग-अलग दस्तावेज मिले हैं. वहीं पूरे मामले में राज्य साइबर सेल जांच करने में जुटी हुई है.

इंदौर में जीएसटी धोखाधड़ी

सूरत से दबोचे गए पांच आरोपी: सीजीएसटी कार्यालय द्वारा एक लिखित आवेदन राज्य साइबर सेल को सौंपा गया था. इसमें बताया गया था कि सीजीएसटी ने ऐसे इनपुट निकले हैं, जिसमें टैक्स क्रेडिट आईटीसी बनाने और उन्हें पारित करने वाला एक रैकेट सक्रिय है. इन्होंने बड़ी संख्या में फर्जी जीएसटी फर्म बनाई है, और स्क्रैप और अन्य बिजनेस के आधार पर बदमाश इनपुट टैक्स क्रेडिट बना रहा है. पता चला था कि बदमाशों ने ना केवल इंदौर बल्कि देश के बड़ी-बड़ी फर्म का नाम का उपयोग कर फर्जी नाम नंबर और पता तकनीकि तौर पर फ्रॉड करते हुए उपयोग में लिया था. इसकी शिकायत के बाद राज्य साइबर सेल इंदौर और सीजीएसटी कार्यालय इंदौर में संयुक्त ऑपरेशन करते हुए गुजरात के सूरत से 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.

रिमांड पर लेकर आरोपियों से पूछताछ: घोटाला करने वाले गिरोह के मास्टर माइंड के पास इंदौर के लोगों की आईडी मिली है. आरोपियों ने पुलिस से सभी फर्जी कंपनियां बनाने की बात कबूली है. राज्य साइबर सेल ने फर्जी दस्तावेजों पर जीएसटी कंपनी बनाकर लोगों से इनपुट टैक्ट क्रेडिट बनाने और उन्हें पारित करने के नाम पर अबतक का ये सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा है. दो मुख्य आरोपी हाल ही में जीएसटी विभाग की गिरफ्त में रिमांड पर है, जिनकी रिमांड खत्म होने के बाद साइबर सेल पुलिस दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.

करोड़ों के घोटाले का खुलासा: जिस व्यक्ति के द्वारा इंदौर के लोगों के आईडी फर्जी फर्म बनाने में उपलब्ध करवाए गए थे, उसे साइबर सेल पुलिस तलाश कर रही है. पिछले दिनों जीएसटी विभाग ने 6 फर्म के फर्जी होने की शिकायत को लेकर राज्य साइबर सेल को सूचित किया था, जिसमें करोड़ों के घोटाले होने की बात सामने आई थी. दोनों विभाग के अधिकारियों ने एक साथ सूरत में कार्रवाई की तो 5 लोगों को पकड़ा था.

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ये सामान हुआ जब्त: पहले जांच में दोनों ही विभाग को लगभग 100 करोड़ रुपए से अधिक के इनपुट मिले थे, लेकिन जांच पूरी होते-होते यह आंकड़ा 700 करोड़ तक जा पहुंचा. पुलिस की दबिश के दौरान दोनों ही टीमों को सूरत में बदमाशों के फ्लैट से 500 से अधिक फर्जी फर्मों के दस्तावेज, बड़ी संख्या में लोगों के आधार कार्ड के डाटा, फर्जी पतों के डाक्यूमेंट्स, 300 से अधिक फर्जी फर्मों की सील और लेटर पैड, और फर्जी दस्तावेज प्राप्त हुए. इसी के साथ आरोपियों ने अलग-अलग मोबाइल नंबरों से जुड़े कई डिजिटल वॉलेट खातों के माध्यम से लेन-देन कर रहे थे, वे सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने के अलावा अपनी पहचान भी छुपा रहे थे.

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