इंदौर। मध्यप्रदेश में गुम अथवा घर से भागे नाबालिग युवक-युवतियों को ढूंढने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस को टास्क दिया है. इसी के तहत इंदौर की बाणगंगा थाना पुलिस ने तकरीबन 8 से 10 वर्ष पुराने प्रकरणों में नाबालिग युवक युवतियों को बरामद करने में सफलता हासिल की है. पुलिस ने उन्हें बरामद कर उनके परिजनों तक पहुंचाने का काम किया है, हलाकि अभी भी 50 से अधिक मामले पेंडिंग हैं.
देश के कई शहरों से हुई बरामदगी
सीएम के निर्देश के बाद इंदौर की बाणगंगा पुलिस ने भी अपने थाना क्षेत्र से तकरीबन 23 युवक-युवतियों को ढूंढकर उनके घर तक पहुंचाया है. जिन 23 युवक और युवतियों को पुलिस ने ढूंढा है, वे अपने परिजनों से बिछड़कर देश के अलग-अलग शहरों में पहुंच गए थे. पुलिस ने इन्हें ललितपुर, झांसी, सागर, कानपुर से खोज निकाला है.
गुम हुई युवतियां अपने बच्चो के साथ मिली
बाणगंगा थाना पुलिस ने अपने थाना क्षेत्र से गुम हुई युवती को तलाश लिया, लेकिन जब वह मिली तो उनके साथ बच्चे थे. पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी. उसके बाद दोनों पक्षों में बात करवा के मामले का सेटलमेंट कराया.
सीएम ने दिया था टास्क
नाबालिक बच्चे बार घर से भाग जाते हैं या फिर बड़े शहरों में गुम हो जाती है. जिसके चलते कई दिनों तक अपने घर तक नहीं पहुंच पाते. कई बार इन घर से गुम हुई युवक और युवतियों के साथ के साथ अपराधिक घटनाएं हो जाती है. ऐसे मामलों को सीएम ने सख्ती दिखाते हुए पुलिस को टास्क दिया था.
अभी 50 से अधिक मामले है पेंडिंग
भले ही पुलिस ने 23 मामले निपटा लिए हो लेकिन अभी भी पुलिस के पास 50 से अधिक मामले पेंडिंग हैं. हलांकि पुलिस का कहना है कि टीम लगातार कार्रवाई कर रही है, जल्द ही इन मामलों को भी मिपटारा कर लिया जाएगा.