भिंड। बाल विवाह पर रोक लगाने और लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. भिंड में महिला एवं बाल विकास विभाग ने कंट्रोल रूम बनाया है. इस कंट्रोल रूम में दो अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही वॉट्सऐप नंबर भी जारी किया गया है. अधिकारियों ने क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि, अगर आसपास नाबालिग बच्चों की शादी होती है, तो वह सूचना दे कर रोक सकते हैं. वहीं लाडो अभियान के तहत महिला सशक्तिकरण विभाग ने आयोजक, सभी धर्मगुरू, समाज के मुखिया से भी बाल विवाह को रोकने और शासन को सहयोग प्रदान करने की अपील की है. (control room designed to stop child marriage in mp)
फोन या व्हाट्सअप पर दें जानकारी: महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी के मुताबिक अक्षय तृतीया यानी की 3 मई 2022 को विवाह के मुहूर्त हैं. ऐसे अवसर पर बाल विवाह पर रोकथाम के लिए जिला स्तर पर कन्ट्रोल रूम बनाया गया है. इसमें जितेन्द्र कुमार शर्मा और आनंद मिश्रा की ड्यूटी लगाई गई है. यदि बाल विवाह से संबंधित स्पष्ट जानकारी प्राप्त होती है, तो लोग इस 8319520549, 9977516253 मोबाइल नंबर पर फोन या व्हॉट्सएप के जारिए जानकारी दे सकते हैं.
16 साल की उम्र में रचाया जा रहा था बाल विवाह, प्रशासन ने रुकवाया
बाल विवाह रोकने के लिए लाडो अभियान: उन्होंने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए खण्ड स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है. सभी समितियां बाल विवाह रोकने का कार्य करेंगी. महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत लाडो अभियान भी चलाया जा रहा है. लाडो अभियान में जिले के सामूहिक विवाह कराने वाले आयोजकों, सभी धर्मगुरू, समाज के मुखिया, हलवाई, कैटरर, बैंडवाले, घोड़ी वाले, ट्रांसपोर्ट, प्रिंटिंग प्रेस के प्रबंधक, ब्यूटी पार्लर, संचालक मंगल भवन और अन्य संबंधितों से कहा गया है कि वे किसी विवाह या समारोह में शामिल होने से पहले यह अवश्य देख लें कि कहीं वो बाल विवाह तो नहीं है. यदि बाल विवाह हो, तो इसे रोकने में शासन को सहयोग प्रदान करें. (lado campaign in mp)
सजा का प्रावधान : बाल विवाह रोकना या इसे हतोत्साहित करना हर समझदार और कानूनप्रिय व्यक्ति की जिम्मेदारी है. इसलिए यह अवश्य सोचें कि कहीं आप 18 वर्ष से कम उम्र की लाडली बिटिया का विवाह करके उसकी जिंदगी अनजाने में जोखिम में डालने तो नहीं जा रहे हैं. जिला कार्यक्रम अधिकारी के मुताबिक बालिका की आयु 18 वर्ष और बालक की आयु 21 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम में दण्ड का प्रावधान है इसमें 2 वर्ष का कारावास और 1 लाख के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है. (Women Empowerment Department) (Women and Child Development Department mp)