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दो साल से बस स्टैंड के फुटपाथ को महिला ने बनाया घर! सड़क पर जिंदगी गुजारने की मजबूरी जान रो देंगे आप

व्यापमं घोटाले ने कई लोगों का जीवन बर्बाद कर दिया है. उन्हीं में से एक हैं संजू उइके. वे ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज में रिकॉर्ड इंचार्ज थीं. 2019 में यह कहकर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था कि वह कॉलेज में अनुपस्थित रहती हैं. आज हालत यह है कि वो हाईकोर्ट के रास्ते में एक बस स्टॉप पर जिंदगी बिता रही हैं. (vyapam scam in mp)

Employee of GRMC living on footpath
व्यापमं फर्जीवाड़ा मध्यप्रदेश
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Published : Mar 24, 2022, 2:20 PM IST

Updated : Mar 24, 2022, 3:30 PM IST

ग्वालियर। एमपी के शिक्षा जगत का सबसे बड़ा घोटाला यानि व्यापमं फर्जीवाड़ा किसी से छिपा नहीं है. समय के साथ इस घोटले की फाइलें तो बंद हो रही हैं, लेकिन जख्म ऐसे हैं जिसने कई लोगों को सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है. लाखों युवाओं का भविष्य चौपट हो गया, साथ ही कई लोग जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. ऐसा ही मामला ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है जहां एक महिला कर्मचारी संजू उइके को गजराराजा मेडिकल कॉलेज से यह कहकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था कि उनकी अटेंडेंस कम है. संजू मेडिकल कॉलेज में रिकॉर्ड इंचार्ज थीं.

न्याय के लिए संजू उइके फुटपाथ पर व्यतीत कर रही हैं अपना जीवन

कहीं से नहीं मिली उम्मीद: संजू उइके गजराराजा मेडिकल कॉलेज की रिकॉर्ड इंचार्ज के साथ शॉर्ट हैंड टाइपिस्ट भी थीं. 2019 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था, जिसकी वजह कॉलेज में अनुपस्थिति बताई गई थी. उन्होंने हर स्तर पर दरवाजा खटखटाया. लेकिन कहीं से भी उम्मीद नहीं मिली. दो साल से वह हाईकोर्ट के रास्ते में एक बस स्टॉप पर जिंदगी बिता रही हैं. व्यापमं फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा केंद्र गजराराजा मेडिकल कॉलेज था. प्रबंधन द्वारा संजू को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था.

कॉलेज प्रबंधन पर प्रताड़ना के आरोप: अपनी बर्खास्तगी को लेकर संजू उइके के वकील ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक याचिका भी लगाई है. जिसमें उन्होनें कॉलेज प्रबंधन पर, उइके को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के साथ ही नौकरी से जबरदस्ती हटाने को लेकर सवाल उठाए हैं. ये भी कहा गया है कि संजू उइके को मेडिकल कॉलेज के अफसर फंसाना चाहते थे. उस पर गलत काम करने का दबाब बनाया जा रहा था. उसने इस सबसे इंकार किया तो कॉलेज प्रबंधन ने बोर्ड के जरिए बाहर का रास्ता दिखा दिया.

सावधान! मध्यप्रदेश में नया हनी ट्रैप गिरोह सक्रिय, कई युवकों को बनाया शिकार, गिरोह में वकील भी शामिल, पढ़ें - पीड़ितों की आपबीती

सिस्टम से उठा विश्वास: व्यापमं फर्जीवाड़े का दंश झेल रहीं संजू उइके की स्थिति ऐसी है कि वह हाईकोर्ट के नजदीक बने बस स्टॉप पर पिछले दो सालों से इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठी हैं. हालांकि उनका सिस्टम से विश्वास उठ गया है. उनका कहना है कि देश में सिस्टम और कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है. कोई भी कुछ भी कर सकता है, जैसा उसके साथ कर दिया गया. वहीं व्यापम फर्जीवाड़े के व्हिसल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी ने भी संजू की हालत पर चिंता जताई है.

पागल समझते हैं लोग: संजू उइके की आज हालत ऐसी है कि जो भी उसे बस स्टॉप के फुटपाथ पर देखता है तो पागल समझता है. लेकिन, संजू कॉलेज से जुड़े हर व्यक्ति और व्यापमं से जुड़े हर एक शख्स को अच्छे से जानती हैं. अब उनके वकील ने कोर्ट में मेडिकल परीक्षण, उसकी नौकरी और कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. अब देखना होगा कि संजू उइके को न्याय मिलेगा भी या नहीं, अगर मिलेगा तो कब तक ? (vyapam scam in mp) (Employee of GRMC Medical College living on footpath)

ग्वालियर। एमपी के शिक्षा जगत का सबसे बड़ा घोटाला यानि व्यापमं फर्जीवाड़ा किसी से छिपा नहीं है. समय के साथ इस घोटले की फाइलें तो बंद हो रही हैं, लेकिन जख्म ऐसे हैं जिसने कई लोगों को सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है. लाखों युवाओं का भविष्य चौपट हो गया, साथ ही कई लोग जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. ऐसा ही मामला ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है जहां एक महिला कर्मचारी संजू उइके को गजराराजा मेडिकल कॉलेज से यह कहकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था कि उनकी अटेंडेंस कम है. संजू मेडिकल कॉलेज में रिकॉर्ड इंचार्ज थीं.

न्याय के लिए संजू उइके फुटपाथ पर व्यतीत कर रही हैं अपना जीवन

कहीं से नहीं मिली उम्मीद: संजू उइके गजराराजा मेडिकल कॉलेज की रिकॉर्ड इंचार्ज के साथ शॉर्ट हैंड टाइपिस्ट भी थीं. 2019 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था, जिसकी वजह कॉलेज में अनुपस्थिति बताई गई थी. उन्होंने हर स्तर पर दरवाजा खटखटाया. लेकिन कहीं से भी उम्मीद नहीं मिली. दो साल से वह हाईकोर्ट के रास्ते में एक बस स्टॉप पर जिंदगी बिता रही हैं. व्यापमं फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा केंद्र गजराराजा मेडिकल कॉलेज था. प्रबंधन द्वारा संजू को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था.

कॉलेज प्रबंधन पर प्रताड़ना के आरोप: अपनी बर्खास्तगी को लेकर संजू उइके के वकील ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक याचिका भी लगाई है. जिसमें उन्होनें कॉलेज प्रबंधन पर, उइके को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के साथ ही नौकरी से जबरदस्ती हटाने को लेकर सवाल उठाए हैं. ये भी कहा गया है कि संजू उइके को मेडिकल कॉलेज के अफसर फंसाना चाहते थे. उस पर गलत काम करने का दबाब बनाया जा रहा था. उसने इस सबसे इंकार किया तो कॉलेज प्रबंधन ने बोर्ड के जरिए बाहर का रास्ता दिखा दिया.

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सिस्टम से उठा विश्वास: व्यापमं फर्जीवाड़े का दंश झेल रहीं संजू उइके की स्थिति ऐसी है कि वह हाईकोर्ट के नजदीक बने बस स्टॉप पर पिछले दो सालों से इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठी हैं. हालांकि उनका सिस्टम से विश्वास उठ गया है. उनका कहना है कि देश में सिस्टम और कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है. कोई भी कुछ भी कर सकता है, जैसा उसके साथ कर दिया गया. वहीं व्यापम फर्जीवाड़े के व्हिसल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी ने भी संजू की हालत पर चिंता जताई है.

पागल समझते हैं लोग: संजू उइके की आज हालत ऐसी है कि जो भी उसे बस स्टॉप के फुटपाथ पर देखता है तो पागल समझता है. लेकिन, संजू कॉलेज से जुड़े हर व्यक्ति और व्यापमं से जुड़े हर एक शख्स को अच्छे से जानती हैं. अब उनके वकील ने कोर्ट में मेडिकल परीक्षण, उसकी नौकरी और कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. अब देखना होगा कि संजू उइके को न्याय मिलेगा भी या नहीं, अगर मिलेगा तो कब तक ? (vyapam scam in mp) (Employee of GRMC Medical College living on footpath)

Last Updated : Mar 24, 2022, 3:30 PM IST
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