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39 साल बाद ग्वालियर में दोहराया जा रहा इतिहास, बीजेपी-कांग्रेस में किसका राजतिलक करेगी जनता - बीजेपी-कांग्रेस

ग्वालियर लोकसभा सीट पर 39 साल बाद इतिहास दोहराया जा रहा है. दरअसल, इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी विवेक शेजवलकर और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह के पिता भी 39 साल पहले एक दूसरे के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके है.

बीजेपी प्रत्याशी विवेक शेजवलकर और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह
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Published : Apr 18, 2019, 9:59 PM IST

Updated : Apr 19, 2019, 6:36 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश की सबसे हाइप्रोफाइल सीट ग्वालियर में 39 साल बाद इतिहास दोहराने जा रहा रहा. जहां एक बार फिर दो परिवार चुनावी घमासान में आमने-सामने है. जिनमें एक उम्मीदवार कांग्रेस का है तो दूसरा बीजेपी का. जी हां हम बात कर रहे बीजेपी प्रत्याशी विवेक शेजवलकर और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह की, आज से ठीक 39 साल पहले इन दोनों प्रत्याशियों के पिता भी ग्वालियर लोकसभा सीट से एक-दूसरे के आमने सामने थे.

39 साल बाद ग्वालियर में दोहराया जा रहा इतिहास

1980 के चुनाव में विवेक शेजवलकर के पिता नारायण शेजलवकर ने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह के पिता राजेंद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था. जिसमें जीत शेजवलकर की हुई थी. 39 साल पहले दोनों के पिता के बीच की लड़ाई अब दोनों नेताओं के बेटों के बीच है. खास बात यह है कि दोनों ही राजनीतिक परिवार सियासत में एक दूसरे के विरोधी है. लेकिन उनके व्यक्तिगत संबंध आज भी मधुर हैं. बीजेपी प्रत्याशी विवेक शेजवलकर कहते हैं कि इस बार संयोग से वो कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह के सामने हैं लेकिन अशोक सिंह उनके अच्छे मित्र भी हैं.

अशोक सिंह कहते हैं यह चुनाव कांग्रेस के कार्यकर्ता लड़ रहे हैं. हमें केवल कांग्रेस को जीत दर्ज कराना है. दोनों ही प्रत्याशियों को ग्वालियर में शांत सरल स्वभाव का माना जाता है. जहां देखना दिलचस्प होगा कि 39 साल बाद फिर आमने-सामने आए इन दोनों परिवारों में, ग्वालियर की जनता किस पर भरोसा जताती है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश की सबसे हाइप्रोफाइल सीट ग्वालियर में 39 साल बाद इतिहास दोहराने जा रहा रहा. जहां एक बार फिर दो परिवार चुनावी घमासान में आमने-सामने है. जिनमें एक उम्मीदवार कांग्रेस का है तो दूसरा बीजेपी का. जी हां हम बात कर रहे बीजेपी प्रत्याशी विवेक शेजवलकर और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह की, आज से ठीक 39 साल पहले इन दोनों प्रत्याशियों के पिता भी ग्वालियर लोकसभा सीट से एक-दूसरे के आमने सामने थे.

39 साल बाद ग्वालियर में दोहराया जा रहा इतिहास

1980 के चुनाव में विवेक शेजवलकर के पिता नारायण शेजलवकर ने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह के पिता राजेंद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था. जिसमें जीत शेजवलकर की हुई थी. 39 साल पहले दोनों के पिता के बीच की लड़ाई अब दोनों नेताओं के बेटों के बीच है. खास बात यह है कि दोनों ही राजनीतिक परिवार सियासत में एक दूसरे के विरोधी है. लेकिन उनके व्यक्तिगत संबंध आज भी मधुर हैं. बीजेपी प्रत्याशी विवेक शेजवलकर कहते हैं कि इस बार संयोग से वो कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह के सामने हैं लेकिन अशोक सिंह उनके अच्छे मित्र भी हैं.

अशोक सिंह कहते हैं यह चुनाव कांग्रेस के कार्यकर्ता लड़ रहे हैं. हमें केवल कांग्रेस को जीत दर्ज कराना है. दोनों ही प्रत्याशियों को ग्वालियर में शांत सरल स्वभाव का माना जाता है. जहां देखना दिलचस्प होगा कि 39 साल बाद फिर आमने-सामने आए इन दोनों परिवारों में, ग्वालियर की जनता किस पर भरोसा जताती है.

Intro:ग्वालियर
12 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव में ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से एक बार फिर शेजवलकर और सिंह परिवार आमने सामने हैं। 39 साल पहले भाजपा प्रत्याशी विवेक नारायण शेजवलकर के पिता स्वर्गीय नारायण कृष्ण शेजवलकर और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह के पिता स्वर्गीय राजेंद्र सिंह आमने सामने थे। उस समय शेजवलकर 25000 वोटों से चुनाव जीते थे। खास बात यह है कि दोनों ही राजनीतिक परिवार पुराने हैं और उनके व्यक्तिगत संबंध आज भी मधुर हैं।


Body:ग्वालियर संसदीय क्षेत्र एक बार फिर अपना इतिहास दोहरा रहा है। 1980 में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री स्वर्गीय राजेंद्र सिंह और जनता पार्टी के नेता स्वर्गीय नारायण कृष्ण शेजवलकर लोकसभा चुनाव लड़े थे। यह चुनाव शेजवलकर जीते थे ।2019 में पूर्व सांसद स्वर्गीय शेजवलकर के बेटे और ग्वालियर के महापौर विवेक नारायण शेजवलकर और पूर्व मंत्री स्वर्गीय राजेंद्र सिंह के बेटे अशोक सिंह आमने सामने है। खास बात यह है कि दोनों ही स्वभाव से शालीन है। लोगों ने उन्हें किसी से ऊंची आवाज में बात करते नहीं देखा है ।इसी कारण दोनों की लोकप्रियता बराबर है। दोनों ही पुराने राजनीतिक घरानों से हैं इसलिए वह विचारधारा की लड़ाई लड़ने मे विश्वास रखते हैं।


Conclusion:भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी विवेक शेजवलकर का कहना है किइस बार संयोग से वे कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह के सामने हैं और वे आपस में अच्छे मित्र भी हैं। उन्होंने कहा कि पहले विचारधारा की लड़ाई होती थी राजनीतिक विद्वेष अथवा वैमनस्यता आज की तरह पहले हावी नहीं थी। इस कारण लोगों में प्रेम भाव बना रहता था। उन्होंने दोहराया है कि यह लड़ाई उनकी या अशोक सिंह की नहीं है बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच है। इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि जनता उन्हें आशीर्वाद देगी। ताकि देश की बागडोर सुरक्षित हाथों में रहे बाइट विवेक शेजवलकर भाजपा प्रत्याशी बाईट अशोक सिंह कांग्रेस प्रत्याशी ग्वालियर
Last Updated : Apr 19, 2019, 6:36 PM IST
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