ग्वालियर। मध्यप्रदेश की सबसे हाइप्रोफाइल सीट ग्वालियर में 39 साल बाद इतिहास दोहराने जा रहा रहा. जहां एक बार फिर दो परिवार चुनावी घमासान में आमने-सामने है. जिनमें एक उम्मीदवार कांग्रेस का है तो दूसरा बीजेपी का. जी हां हम बात कर रहे बीजेपी प्रत्याशी विवेक शेजवलकर और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह की, आज से ठीक 39 साल पहले इन दोनों प्रत्याशियों के पिता भी ग्वालियर लोकसभा सीट से एक-दूसरे के आमने सामने थे.
1980 के चुनाव में विवेक शेजवलकर के पिता नारायण शेजलवकर ने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह के पिता राजेंद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था. जिसमें जीत शेजवलकर की हुई थी. 39 साल पहले दोनों के पिता के बीच की लड़ाई अब दोनों नेताओं के बेटों के बीच है. खास बात यह है कि दोनों ही राजनीतिक परिवार सियासत में एक दूसरे के विरोधी है. लेकिन उनके व्यक्तिगत संबंध आज भी मधुर हैं. बीजेपी प्रत्याशी विवेक शेजवलकर कहते हैं कि इस बार संयोग से वो कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह के सामने हैं लेकिन अशोक सिंह उनके अच्छे मित्र भी हैं.
अशोक सिंह कहते हैं यह चुनाव कांग्रेस के कार्यकर्ता लड़ रहे हैं. हमें केवल कांग्रेस को जीत दर्ज कराना है. दोनों ही प्रत्याशियों को ग्वालियर में शांत सरल स्वभाव का माना जाता है. जहां देखना दिलचस्प होगा कि 39 साल बाद फिर आमने-सामने आए इन दोनों परिवारों में, ग्वालियर की जनता किस पर भरोसा जताती है.