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लो आ गई तीसरी लहर! ग्वालियर में 6 महीने से लेकर 16 साल तक के बच्चे कोरोना की चपेट में

ग्वालियर में 6 महीने से लेकर 16 साल तक के चार बच्चे कोरोना पॉजिटिव आए हैं. इस खबर ने लोगों को चिंता में डाल दिया है. पहले से ही कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है. खास तौर पर बच्चों के लिए इस तीसरी संभावित लहर को काफी खतरनाक बताया जा रहा है.

third wave of corona
लो आ गई तीसरी लहर!
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Published : Jul 20, 2021, 3:56 PM IST

ग्वालियर। कोरोना की तीसरी लहर का डर लोगों में खौफ पैदा कर रहा है. ग्वालियर में घर में रहने वाले चार बच्चे कोरोना का शिकार हो गए. यहां चार बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इस खबर से जिले में दहशत फैल गई है. संभावित तीसरी लहर में बच्चों को ही सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है. कहीं ये बच्चे उसी संभावित तीसरी लहर के तो शिकार नहीं हुए हैं.

लो आ गई तीसरी लहर!

सभी प्रार्थना कर रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर ना आ जाए. आशंका ये भी है कि तीसरी लहर बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी. ग्वालियर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जिसने लोगों के होश उड़ा दिए हैं. यहां घर में ही रहने वाले चार बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इनकी उम्र 8 महीने से लेकर 8 साल की है. हैरानी की बात ये है कि घर के बड़े लोगों में संक्रमण नहीं मिला है. लेकिन ये साफ है कि बच्चों को संक्रमण अपने बड़ों से ही मिला है. चार संक्रमित में से तीन के परिजन मजदूर है.

6 महीने से लेकर 16 साल तक के बच्चे कोरोना की चपेट में

ग्वालियर के भितरवार ब्लॉक के रई गांव में 14 महीने, मछरैया गांव की 8 महीने की बच्ची और मोहनगढ़ गांव का 6 महीने का बच्चा कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. इसके साथ ही ग्वालियर शहर के हजीरा में से 16 साल का किशोर भी कोरोना से संक्रमित हुआ है. जबकि 2 मरीज डिस्चार्ज किए गए हैं .शहर में कुल 2535 सैंपल की जांच की गई. 14 महीने की बच्ची को कमजोरी महसूस हुई. 8 महीने की बच्ची को बुखार और दस्त की शिकायत थी.


14 महीने के बच्चे को खांसी और सर्दी थी

ग्वालियर के भितरवार के कई गांव में 14 महीने की बच्ची के माता-पिता मजदूरी करते हैं .बच्ची कमजोर है. बच्चे को खांसी और सर्दी होने पर परिजन उसे लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे. डॉक्टर ने बच्ची का एंटीजन टेस्ट किया तो बच्ची कोरोना संक्रमित निकली. इसके बाद उसके परिजनों के भी टेस्ट किए गए. लेकिन वह संक्रमित नहीं निकले. बच्ची के माता-पिता को वैक्सीन लग चुकी है. बच्ची की हालत अभी ठीक नहीं है.


8 महीने की बच्ची को उल्टी दस्त हो रहे थे

ग्वालियर के मछरैया गांव में 8 महीने की बच्ची को भी कोरोना हुआ है. वो 15 दिन से घर से बाहर नहीं गई है. मां घर में रहती है. लेकिन पिता बाहर मजदूरी करते हैं. इन्होंने वैक्सीन की एक एक डोज लगावाई है. सवाल ये है कि बच्ची जब घर से बाहर ही नहीं निकली तो वह संक्रमित कैसे हो गई. उसे 2 दिन में उल्टी दस्त हो रहे थे. जब हॉस्पिटल दिखाने पहुंचे तो डॉक्टर ने कोरोना टेस्ट किया. जिसमें वह संक्रमित निकली. बच्ची के घर में कोई और कोरोना पॉजिटिव नहीं है.


6 महीने का बच्चा नानी के घर आया था

शिवपुरी के नरवर में रहने वाला 6 महीने का बच्चा मोहनगढ़ में अपनी नानी के घर आया था. यहां उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई. उसे अस्पताल लेकर गए. इलाज के दौरान उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया तो उसमें बच्चे को कोरोना संक्रमित बताया. उसे ग्वालियर में भर्ती कराया गया. बच्चे की मां, नाना, नानी और अन्य सदस्यों को कोरोना नहीं हुआ है. घरवाले बताते हैं कि ये बच्चा तो अपनी मां की गोद में ही रहा है. फिर इसे कोरोना कैसे हो गया.

कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं : विशेषज्ञ

16 साल के लड़के को दोस्तों ने दिया कोरोना

ग्वालियर के हजीरा में 16 साल का लड़का भी कोरोना की चपेट में आया है. बच्चे के पिता एक प्राइवेट जॉब करते हैं. मां घर पर ही रहती है. खांसी जुकाम की दवा लेने के लिए वो अस्पताल गया. डॉक्टर ने पहले कोरोना टेस्ट किया. उसकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई. बच्चे के माता-पिता को वैक्सीन लगचुकी है. घरवालों ने बताया कि वो दोस्तों के साथ बाहर खेलने गया था. उसके बाद से तबीयत खराब हुई.

ग्वालियर। कोरोना की तीसरी लहर का डर लोगों में खौफ पैदा कर रहा है. ग्वालियर में घर में रहने वाले चार बच्चे कोरोना का शिकार हो गए. यहां चार बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इस खबर से जिले में दहशत फैल गई है. संभावित तीसरी लहर में बच्चों को ही सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है. कहीं ये बच्चे उसी संभावित तीसरी लहर के तो शिकार नहीं हुए हैं.

लो आ गई तीसरी लहर!

सभी प्रार्थना कर रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर ना आ जाए. आशंका ये भी है कि तीसरी लहर बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी. ग्वालियर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जिसने लोगों के होश उड़ा दिए हैं. यहां घर में ही रहने वाले चार बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इनकी उम्र 8 महीने से लेकर 8 साल की है. हैरानी की बात ये है कि घर के बड़े लोगों में संक्रमण नहीं मिला है. लेकिन ये साफ है कि बच्चों को संक्रमण अपने बड़ों से ही मिला है. चार संक्रमित में से तीन के परिजन मजदूर है.

6 महीने से लेकर 16 साल तक के बच्चे कोरोना की चपेट में

ग्वालियर के भितरवार ब्लॉक के रई गांव में 14 महीने, मछरैया गांव की 8 महीने की बच्ची और मोहनगढ़ गांव का 6 महीने का बच्चा कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. इसके साथ ही ग्वालियर शहर के हजीरा में से 16 साल का किशोर भी कोरोना से संक्रमित हुआ है. जबकि 2 मरीज डिस्चार्ज किए गए हैं .शहर में कुल 2535 सैंपल की जांच की गई. 14 महीने की बच्ची को कमजोरी महसूस हुई. 8 महीने की बच्ची को बुखार और दस्त की शिकायत थी.


14 महीने के बच्चे को खांसी और सर्दी थी

ग्वालियर के भितरवार के कई गांव में 14 महीने की बच्ची के माता-पिता मजदूरी करते हैं .बच्ची कमजोर है. बच्चे को खांसी और सर्दी होने पर परिजन उसे लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे. डॉक्टर ने बच्ची का एंटीजन टेस्ट किया तो बच्ची कोरोना संक्रमित निकली. इसके बाद उसके परिजनों के भी टेस्ट किए गए. लेकिन वह संक्रमित नहीं निकले. बच्ची के माता-पिता को वैक्सीन लग चुकी है. बच्ची की हालत अभी ठीक नहीं है.


8 महीने की बच्ची को उल्टी दस्त हो रहे थे

ग्वालियर के मछरैया गांव में 8 महीने की बच्ची को भी कोरोना हुआ है. वो 15 दिन से घर से बाहर नहीं गई है. मां घर में रहती है. लेकिन पिता बाहर मजदूरी करते हैं. इन्होंने वैक्सीन की एक एक डोज लगावाई है. सवाल ये है कि बच्ची जब घर से बाहर ही नहीं निकली तो वह संक्रमित कैसे हो गई. उसे 2 दिन में उल्टी दस्त हो रहे थे. जब हॉस्पिटल दिखाने पहुंचे तो डॉक्टर ने कोरोना टेस्ट किया. जिसमें वह संक्रमित निकली. बच्ची के घर में कोई और कोरोना पॉजिटिव नहीं है.


6 महीने का बच्चा नानी के घर आया था

शिवपुरी के नरवर में रहने वाला 6 महीने का बच्चा मोहनगढ़ में अपनी नानी के घर आया था. यहां उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई. उसे अस्पताल लेकर गए. इलाज के दौरान उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया तो उसमें बच्चे को कोरोना संक्रमित बताया. उसे ग्वालियर में भर्ती कराया गया. बच्चे की मां, नाना, नानी और अन्य सदस्यों को कोरोना नहीं हुआ है. घरवाले बताते हैं कि ये बच्चा तो अपनी मां की गोद में ही रहा है. फिर इसे कोरोना कैसे हो गया.

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16 साल के लड़के को दोस्तों ने दिया कोरोना

ग्वालियर के हजीरा में 16 साल का लड़का भी कोरोना की चपेट में आया है. बच्चे के पिता एक प्राइवेट जॉब करते हैं. मां घर पर ही रहती है. खांसी जुकाम की दवा लेने के लिए वो अस्पताल गया. डॉक्टर ने पहले कोरोना टेस्ट किया. उसकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई. बच्चे के माता-पिता को वैक्सीन लगचुकी है. घरवालों ने बताया कि वो दोस्तों के साथ बाहर खेलने गया था. उसके बाद से तबीयत खराब हुई.

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