ग्वालियर। इस साल की अंतिम लोक अदालत में बिजली बिल की समस्या को लेकर बड़ी संख्या में उपभोक्ता पहुंचे. लोक अदालत में पहुंचे कई उपभोक्ताओं का आरोप है कि उन पर बिजली चोरी का प्रकरण बनाया गया है जबकि उनके पास ना तो कोई चेंक करने आया और ना ही उन्होंने बिजली चोरी की फिर क्यों उनके ऊपर बिजली चोरी का केस बनाकर बिजली बिल बढ़ा कर दिया जा रहा है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने राजनेताओं की घोषणा के कारण बिल जमा नहीं किए थे. अब उनका बिजली का बिल पेनल्टी लग कर हजारों में पहुंच गया है. वे लोग 40 परसेंट छूट की मांग कर रहे थे. पर छूट देने से बिजली विभाग के अफसरों ने साफ तौर पर इंकार कर दिया. बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि छूट सिर्फ उसी मामले में मिलेगी जिसका मामला कोर्ट में चल रहा है, लेकिन नियमित बिलों की राशि में यह छूट प्रदान नहीं की जाएगी.
लोक अदालत पहुंचे उपभोक्ताओं ने बिजली घर के अफसरों पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक कोरोना काल में आ रहे बिजली के बिलों की वसूली को लेकर रोक लगाई गई थी और बिल को आधा किया गया था, लेकिन बिजली घर में कोई भी अधिकारी इस बात को मानने को तैयार नहीं है. लोगों को बिजली के बिल अनाप-शनाप आ रहे है. गौरतलब है कि कोर्ट में करीब 3500 प्रकरणों को निराकरण के लिए रखा गया था. इसमें मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय द्वारा एक सर्कुलर भी जारी किया गया था. इसमें कहा गया था कि जिन मामलों में याचिका कोर्ट में लंबित नहीं है उनका आपसी समझौते से निराकरण किया जाए. लेकिन लोक अदालत में पहुंचे उपभोक्ता बढ़े हुए बिजली बिल को लेकर परेशान होते रहे.