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गैस चेम्बर में रखी है संविधान की मूल प्रति, हर साल होती है जांच

भारतीय संविधान की मूल प्रति को भारत की संसद की (Indian Constitution original copy) लाइब्रेरी में विशेष हीलियम से भरे चैम्बर में रखा गया है, ताकि लम्बे समय तक सुरक्षित रहे. इस चैंबर को हर दो महीने पर चेक किया जाता है. यह मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी में लिखी गई है.

original copy of the constitution kept in a gas chamber
गैस चेम्बर में रखी है संविधान की मूल प्रति
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Published : Jan 24, 2022, 6:01 AM IST

भोपाल। भारत हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाता है. इस दिन भारत का (Indian Constitution original copy) संविधान लागू हुआ था. संविधान को लेकर एक रोचक जानकारी ये भी है कि भारतीय संविधान की मूल प्रति को एक गैस चैंबर में फलालेन के कपड़े में लपेटकर एक नेफ्थलीन बॉल्स के साथ रखा गया था. साल 1994 में अमेरिका की तरह भारत ने भी संविधान की मूल प्रति को गैस चेंबर में रखने का फैसला किया. भारत की 'नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी' और अमेरिका के गेट्टी इंस्टीट्यूट के बीच करार के बाद भारत में भी इसी तरह का एक गैस चेंबर बनाया गया. संसद भवन के पुस्तकालय में वैज्ञानिक विधि से तैयार गैस चेम्बर में संविधान को सुरक्षित रखा गया है.

Indian Constitution original copy
हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लिखी है संविधान की मूल प्रति

मूल प्रति गैस चेम्बर में क्यों रखी गयी है?

भारतीय संविधान को काली स्याही से लिखा गया है. स्याही आसानी से उड़ जाती है यानी ऑक्सीडाइज हो जाती है. इसे बचाने के लिए ह्युमिडिटी 50 ग्राम प्रति घन मीटर के आसपास रखने की जरूरत थी. इसलिए भारतीय संविधान के लिए एयरटाइट चेंबर बनाया गया. ये गैस चैंबर संसद भवन के पुस्तकालय में बनाया गया है. इसे वैज्ञानिक विधि से तैयार किया गया था।

कड़ी निगरानी के बीच रखी कॉपी
संविधान की सेहत की जांच के लिए गैस चेंबर में ह्युमिडिटी बनाए रखने के लिए मॉनिटर लगाए गए हैं. हर साल चेंबर की गैस खाली की जाती है फिर नई हीलियम गैस भरी जाती है. इस चेम्बर की हर 2 महीने में चेकिंग भी की जाती है. CCTV से इस पर लगातार निगरानी रखी जाती है.

Constitution Day of india
भारतीय संविधान की मूल प्रति

हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में हाथ से लिखी गई मूल प्रति

  • 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने देश के संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया था. इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया. संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हाथ से लिखी गई है. इसमें किसी भी तरह की टाइपिंग या प्रिंट नहीं है.
  • मेरठ कॉलेज की लाइब्रेरी में अंग्रेजी में लिखी गई मूल प्रति की फोटो कॉपी रखी गई है. जिसे प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था. रायजादा ने पेन होल्डर निब से संविधान के हर पन्ने को बहुत ही खूबसूरत इटैलिक अक्षर में लिखा है. संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे, लेकिन उसे लिखने में 6 महीने लगे.

सुभाष चंद्र बोस जयंती: नेताजी संग्राहलय का हुआ उद्घाटन, अब आम लोग भी कर सकेंगे दीदार

संविधान लिखने कोई पारिश्रमिक नहीं लिया
संविधान लिखने के लिए रायजादा ने कोई पारिश्रमिक नहीं लिया था. हर पेज पर नाम लिखने की शर्त रखी थी, जो सभी पेजों पर दिखता है. हाथ से लिखे संविधान के हर पन्ने पर प्रेम लिखा है. दुनिया में भारत का ही संविधान है, जो हाथ से बने कागज पर हाथ से लिखा हुआ है.

मूल प्रति में कई दुर्लभ तस्वीरें
संविधान की हस्तलिखित मूल प्रति में कई दुर्लभ तस्वीरें हैं. फंडामेंटल राइट के तृतीय भाग में राम, सीता और लक्षमण की तस्वीर है. अर्जुन को उपदेश देते भगवान श्रीकृष्ण की भी तस्वीर है. महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, टीपू सुल्तान, लक्ष्मीबाई की भी तस्वीर है. फंडामेन्टल राइट तृतीय भाग राम-लक्ष्मण, सीता जी की तस्वीर से शुरू होता है. भारतीय संविधान की मूल प्रति में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के भी हस्ताक्षर मौजूद हैं.

भोपाल। भारत हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाता है. इस दिन भारत का (Indian Constitution original copy) संविधान लागू हुआ था. संविधान को लेकर एक रोचक जानकारी ये भी है कि भारतीय संविधान की मूल प्रति को एक गैस चैंबर में फलालेन के कपड़े में लपेटकर एक नेफ्थलीन बॉल्स के साथ रखा गया था. साल 1994 में अमेरिका की तरह भारत ने भी संविधान की मूल प्रति को गैस चेंबर में रखने का फैसला किया. भारत की 'नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी' और अमेरिका के गेट्टी इंस्टीट्यूट के बीच करार के बाद भारत में भी इसी तरह का एक गैस चेंबर बनाया गया. संसद भवन के पुस्तकालय में वैज्ञानिक विधि से तैयार गैस चेम्बर में संविधान को सुरक्षित रखा गया है.

Indian Constitution original copy
हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लिखी है संविधान की मूल प्रति

मूल प्रति गैस चेम्बर में क्यों रखी गयी है?

भारतीय संविधान को काली स्याही से लिखा गया है. स्याही आसानी से उड़ जाती है यानी ऑक्सीडाइज हो जाती है. इसे बचाने के लिए ह्युमिडिटी 50 ग्राम प्रति घन मीटर के आसपास रखने की जरूरत थी. इसलिए भारतीय संविधान के लिए एयरटाइट चेंबर बनाया गया. ये गैस चैंबर संसद भवन के पुस्तकालय में बनाया गया है. इसे वैज्ञानिक विधि से तैयार किया गया था।

कड़ी निगरानी के बीच रखी कॉपी
संविधान की सेहत की जांच के लिए गैस चेंबर में ह्युमिडिटी बनाए रखने के लिए मॉनिटर लगाए गए हैं. हर साल चेंबर की गैस खाली की जाती है फिर नई हीलियम गैस भरी जाती है. इस चेम्बर की हर 2 महीने में चेकिंग भी की जाती है. CCTV से इस पर लगातार निगरानी रखी जाती है.

Constitution Day of india
भारतीय संविधान की मूल प्रति

हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में हाथ से लिखी गई मूल प्रति

  • 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने देश के संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया था. इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया. संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हाथ से लिखी गई है. इसमें किसी भी तरह की टाइपिंग या प्रिंट नहीं है.
  • मेरठ कॉलेज की लाइब्रेरी में अंग्रेजी में लिखी गई मूल प्रति की फोटो कॉपी रखी गई है. जिसे प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था. रायजादा ने पेन होल्डर निब से संविधान के हर पन्ने को बहुत ही खूबसूरत इटैलिक अक्षर में लिखा है. संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे, लेकिन उसे लिखने में 6 महीने लगे.

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संविधान लिखने कोई पारिश्रमिक नहीं लिया
संविधान लिखने के लिए रायजादा ने कोई पारिश्रमिक नहीं लिया था. हर पेज पर नाम लिखने की शर्त रखी थी, जो सभी पेजों पर दिखता है. हाथ से लिखे संविधान के हर पन्ने पर प्रेम लिखा है. दुनिया में भारत का ही संविधान है, जो हाथ से बने कागज पर हाथ से लिखा हुआ है.

मूल प्रति में कई दुर्लभ तस्वीरें
संविधान की हस्तलिखित मूल प्रति में कई दुर्लभ तस्वीरें हैं. फंडामेंटल राइट के तृतीय भाग में राम, सीता और लक्षमण की तस्वीर है. अर्जुन को उपदेश देते भगवान श्रीकृष्ण की भी तस्वीर है. महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, टीपू सुल्तान, लक्ष्मीबाई की भी तस्वीर है. फंडामेन्टल राइट तृतीय भाग राम-लक्ष्मण, सीता जी की तस्वीर से शुरू होता है. भारतीय संविधान की मूल प्रति में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के भी हस्ताक्षर मौजूद हैं.

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