ग्वालियर। जीएनएम और एएनएम नर्सिंग कोर्स की वार्षिक परीक्षाएं इस बार जीवाजी विश्वविद्यालय में करवाई जा रही है. जिसके लिए विश्वविद्यालय कैंपस में चार सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें लगभग पचास हजार परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं. जीवाजी विश्वविद्यालय में इन परीक्षाओं को आयोजित करवाए जाने की सबसे बड़ी वजह नकल प्रकरण बताया जा रहा है क्योंकि नर्सिंग कोर्स की ये परीक्षाएं नकल प्रकरणों के लिए बदनाम रही हैं.
ग्वालियर-चंबल संभाग में 100 से अधिक प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज हैं. परीक्षा में नकल रोकने के लिए इंडियन नर्सिंग काउंसलिंग ने परीक्षा कराने की जिम्मेदारी जीवाजी विश्वविद्यालय को सौंपी है. जिसके लिए जीवाजी विश्वविद्यालय में सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए हैं. तीसरी आंख की जद में परीक्षा कराई जा रही है.
जीएनएम और एएनएम नर्सिंग कोर्स की परीक्षाओं में किस हद तक गड़बड़ी होती है. इसका एक उदाहरण तब देखने को मिला, जब परीक्षा में बैठने वाले एक छात्र को अपने विषय से संबंधित जानकारी तक नहीं थी. नर्सिंग परीक्षा के प्रभारी डॉक्टर शांतिदेव सिसोदिया का कहना है कि ये बात सही है कि परीक्षाओं में बड़े स्तर पर नकल होती थी और तमाम तरह की अनियमितताएं की जाती थी. इसी के चलते ये जिम्मेदारी जीवाजी विश्वविद्यालय को सौंपी गई है.
ग्वालियर-चंबल संभाग में 100 से अधिक नर्सिंग कॉलेज हैं. जिनमें बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली के छात्र दलालों के माध्यम से दाखिला लेते हैं और क्लास अटेंड नहीं करते, बल्कि सीधे परीक्षा देने ही पहुंचते हैं. इतना ही नहीं पहले ये कॉलेज संचालक अपने ही कॉलेज में परीक्षा आयोजित कराते थे. इन्हीं सब मामलों के बाद अब इन परीक्षाओं की जिम्मेदारी जीवाजी विश्वविद्यालय को सौंपी गई है.