ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल अंचल में बारिश ने स्मार्ट सिटी (Gwalior Smart City) की पोल खोल दी है. शहर की एक दर्जन से अधिक ऐसी पॉश कॉलोनी और सड़कें हैं, जो पानी से पूरी तरह लबालब हो जाती हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह देखने को मिल रहा है कि, 100 से अधिक ऐसे जल निकास के स्रोत हैं जो धीरे-धीरे गायब होते जा रहे हैं. मतलब शहर के छोटे और बड़े नाले अतिक्रमण की चपेट में आने के कारण अपना अस्तित्व खो चुके हैं. (Gwalior Heavy Rain) (Gwalior Water Logging)
कॉलोनी और सड़कें पानी से लबालब: इसका सबसे बड़ा कारण है प्रशासन की अनदेखी और माफिया की सक्रियता. जल निकासी के स्थल पर माफिया काबिज हो चुका है. अब हालात यह है कि मानसून के मौसम में जल निकास के स्रोत ना होने के कारण शहर की पॉश कॉलोनी और सड़कें बारिश के पानी से भरा जाती हैं. (Gwalior Heavy Rain) इससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. शहर में कई बड़े नाले ऐसे हैं जो 80 से 100 फीट के थे वो अब महज 20 फीट के बचे हुए हैं. नगर निगम द्वारा जल भराव के शहर में 100 से 150 स्थान चिन्हित किए हैं, लेकिन जल निकास के लिए बनाई योजना पर अमल नहीं किया गया.
नाले अतिक्रमण की चपेट में: उपनगर की जल निकास के लिए रियासत काल के लगभग दो दर्जन से अधिक छोटे और बड़े नाले हैं. जो अब पूरी तरह गायब होते दिखाई दे रहे हैं. खास बात यह है कि, शहर में नालों की सफाई पर बीते 4 वर्षों में तकरीबन 3 करोड रुपए खर्च हो चुके हैं. इसके बाद भी शहर में जल निकास स्रोत के रूप में छोटे और बड़े नाले पूरी तरह अतिक्रमण की चपेट में है. (Gwalior Heavy Rain) (Gwalior Water Logging)
जिम्मेदारों की दलील: ऐसे कई बड़े नाले हैं. जिनमें माफियाओं ने कब्जा कर लिया है. इसको लेकर नगर निगम कमिश्नर किशोर कन्याल का कहना है कि, यह बात सही है कि बारिश के मौसम में जल निकासी के लिए कोई बड़ा विकल्प नहीं है, लेकिन शहर में जो छोटे और बड़े नाले हैं उनकी सफाई कराने के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है. साथ ही जो अतिक्रमण की बात सामने आई है उस पर भी जल्द कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही है.