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परिसीमन पर 'घमासान': BJP ने नया परिसीमन किया निरस्त, पंचायत चुनाव से पहले कोर्ट जा सकती है कांग्रेस

पूर्व की कमलनाथ सरकार में जो परिसीमन कराया गया था, उसे मध्य प्रदेश सरकार ने निरस्त कर दिया है (delimitation for panchayat). अब इस मुद्दों को लेकर प्रदेश की सियासत गर्मा चुकी है. ऐसा कहा जा रहा है कि पंचायत चुनाव (panchayat chunav) से पहले कांग्रेस कोर्ट भी जा सकती है.

new delimitation for panchayat chunav canceled mp government
पंचायतों का नया परिसीमन परिसीमन
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Published : Nov 22, 2021, 4:27 PM IST

भोपाल/ग्वालियर। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने अपने हिसाब से पंचायतों का परिसीमन (delimitation for panchayat) कराया. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पंचायत चुनाव को अपने स्तर पर कराना चाहती हैं. इसका ताजा उदाहरण हाल ही के सरकार के अध्यादेश से साफ हो गया है. शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार का फैसला बदल दिया है, और पंचायतों का नया परिसीमन निरस्त कर दिया है. परिसीमन निरस्त करने के पीछे की रणनीति यह है कि पुराना जो परिसीमन बीजेपी ने किया था, उसी के हिसाब से चुनाव हो सकें. वहीं कमलनाथ जब आए थे तो उन्होंने अपने हिसाब से गणित बैठाया था.

कोर्ट जा सकती है कांग्रेस

कोर्ट जा सकती है कांग्रेस
बीजेपी ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर पुराना परिसीमन निरस्त किया है (MP Government). जिसपर अब राजनीतिक गहमागहमी भी शुरू हो गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि अब कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है. वहीं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि बीजेपी मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है, लेकिन इससे कुछ ऐसा नहीं होगा, पंचायत चुनाव (panchayat chunav) में जीत तो कांग्रेस की ही होगी.

बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा

बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी साफ कर दिया है कि जो पुराना परिसीमन था अब वही लागू होगा, और निकट भविष्य में पंचायत, जनपद और जिला पंचायतों के चुनाव इसी के आधार पर होंगे. बीजेपी के पूर्व मंत्री रामपाल सिंह का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने परिसीमन में बहुत तोड़फोड़ किया. 15 से 20 किलोमीटर दूर के गावों को अपने हिसाब से जोड़ा गया. जिसका विरोध बीजेपी ने शुरू से किया था. भौगोलिक दृष्टि को अपने समीकरणों के लिहाज से कांग्रेस ने फिट किया.

कांग्रेस के आरोपों पर प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का बयान भी सामने आया. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों को टालने का कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है, शिवराज सरकार अच्छे से जानती है कि अब प्रजातंत्र है और प्रजातंत्र में चुनाव से ही सारी बातें सामने आती हैं, ऐसे में जल्द चुनाव कराए जाएंगे. कांग्रेस के पास आरोप लगाने के अलावा कुछ बचा भी नहीं है.

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा

MP Panchayat Elections : पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट ! क्या कह रहे हैं राजनीतिक विश्लेषक और कांग्रेस, पढ़िए

क्या कहते हैं जानकार ?
जानकारों की मानें तो बीजेपी ने नया परिसीमन निरस्त कर यह संदेश दे दिया है कि वह अपने हिसाब से चुनावी पैंतरे बैठाएगी. यह भी हो सकता है कि फिलहाल बीजेपी परिस्थितियों को भांप रही हो और जब तक उसके पक्ष में माहौल नहीं बन जाता, वह पंचायत चुनाव नहीं कराए.

क्या है पंचायतों का नया परिसीमन ?
ऐसी पंचायतें जहां परिसीमन तो हो गया, लेकिन उसके प्रकाशन से 1 साल के भीतर चुनाव नहीं कराए गए हैं, उस परिसीमन को निरस्त माना जाएगा. ऐसे में ठीक वैसी ही व्यवस्था लागू हो जाएगी जो परिसीमन के पहले थी. आरक्षण भी वैसा ही रहेगा जैसे पूर्व में था. यह व्यवस्था उन पंचायतों में लागू नहीं होगी जिसका क्षेत्र किसी नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित किया गया हो. कमलनाथ सरकार ने सितंबर 2019 में जिले से लेकर ग्राम पंचायत तक नया परिसीमन कर करीब 1200 नई पंचायतें बनाईं थीं, जबकि 102 ग्राम पंचायतों को समाप्त कर दिया था.

भोपाल/ग्वालियर। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने अपने हिसाब से पंचायतों का परिसीमन (delimitation for panchayat) कराया. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पंचायत चुनाव को अपने स्तर पर कराना चाहती हैं. इसका ताजा उदाहरण हाल ही के सरकार के अध्यादेश से साफ हो गया है. शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार का फैसला बदल दिया है, और पंचायतों का नया परिसीमन निरस्त कर दिया है. परिसीमन निरस्त करने के पीछे की रणनीति यह है कि पुराना जो परिसीमन बीजेपी ने किया था, उसी के हिसाब से चुनाव हो सकें. वहीं कमलनाथ जब आए थे तो उन्होंने अपने हिसाब से गणित बैठाया था.

कोर्ट जा सकती है कांग्रेस

कोर्ट जा सकती है कांग्रेस
बीजेपी ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर पुराना परिसीमन निरस्त किया है (MP Government). जिसपर अब राजनीतिक गहमागहमी भी शुरू हो गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि अब कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है. वहीं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि बीजेपी मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है, लेकिन इससे कुछ ऐसा नहीं होगा, पंचायत चुनाव (panchayat chunav) में जीत तो कांग्रेस की ही होगी.

बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा

बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी साफ कर दिया है कि जो पुराना परिसीमन था अब वही लागू होगा, और निकट भविष्य में पंचायत, जनपद और जिला पंचायतों के चुनाव इसी के आधार पर होंगे. बीजेपी के पूर्व मंत्री रामपाल सिंह का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने परिसीमन में बहुत तोड़फोड़ किया. 15 से 20 किलोमीटर दूर के गावों को अपने हिसाब से जोड़ा गया. जिसका विरोध बीजेपी ने शुरू से किया था. भौगोलिक दृष्टि को अपने समीकरणों के लिहाज से कांग्रेस ने फिट किया.

कांग्रेस के आरोपों पर प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का बयान भी सामने आया. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों को टालने का कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है, शिवराज सरकार अच्छे से जानती है कि अब प्रजातंत्र है और प्रजातंत्र में चुनाव से ही सारी बातें सामने आती हैं, ऐसे में जल्द चुनाव कराए जाएंगे. कांग्रेस के पास आरोप लगाने के अलावा कुछ बचा भी नहीं है.

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा

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क्या कहते हैं जानकार ?
जानकारों की मानें तो बीजेपी ने नया परिसीमन निरस्त कर यह संदेश दे दिया है कि वह अपने हिसाब से चुनावी पैंतरे बैठाएगी. यह भी हो सकता है कि फिलहाल बीजेपी परिस्थितियों को भांप रही हो और जब तक उसके पक्ष में माहौल नहीं बन जाता, वह पंचायत चुनाव नहीं कराए.

क्या है पंचायतों का नया परिसीमन ?
ऐसी पंचायतें जहां परिसीमन तो हो गया, लेकिन उसके प्रकाशन से 1 साल के भीतर चुनाव नहीं कराए गए हैं, उस परिसीमन को निरस्त माना जाएगा. ऐसे में ठीक वैसी ही व्यवस्था लागू हो जाएगी जो परिसीमन के पहले थी. आरक्षण भी वैसा ही रहेगा जैसे पूर्व में था. यह व्यवस्था उन पंचायतों में लागू नहीं होगी जिसका क्षेत्र किसी नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित किया गया हो. कमलनाथ सरकार ने सितंबर 2019 में जिले से लेकर ग्राम पंचायत तक नया परिसीमन कर करीब 1200 नई पंचायतें बनाईं थीं, जबकि 102 ग्राम पंचायतों को समाप्त कर दिया था.

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