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अब जमीन में नहीं हवा में उगेंगे आलू! MP के इस शहर में खास तकनीक से होगा ये कमाल - madhya pradesh news in hindi

एरोपोनिक पद्धति में किसानों को आलू की उगाने के लिए अब मिट्‌टी की जरूरत नहीं पड़ेगी, अब से हवा में भी खेती की जा सकेगी. प्रदेश के ग्वालियर में इस खास तकनीक की पहली यूनिट स्थापित की जाएगी. (potato aeroponic technology) (MP First unit of potato aeroponic technology)

gwalior potato aeroponic technology
अब जमीन में नहीं हवा में उगेंगे आलू
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Published : May 6, 2022, 8:21 PM IST

ग्वालियर। एरोपोनिक एक ऐसी पद्धति जिसका प्रयोग करने वाले किसानों को आलू की फसल के लिए जमीन या मिट्टी की जरूरत नहीं होगी, इससे हवा में भी खेती की जा सकेगी और आलू के विभिन्न किस्म के बीज तैयार किया जा सकेंगे. इसके लिए ग्वालियर में पहली यूनिट ग्वालियर में स्थापित की जाएगी. (potato aeroponic technology) (MP First unit of potato aeroponic technology)

अब जमीन में नहीं हवा में उगेंगे आलू

ग्वालियर में स्थापित होगी पहली यूनिट: एरोपोनिक तकनीकी यूनिट के लिए मध्यप्रदेश सरकार के उद्यानिकी विभाग और इसे तैयार करने वाली एग्रीनोवेटेड इंडिया लिमिटेड के बीच दिल्ली के कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश के उद्यानिकी मंत्री भरत सिंह कुशवाहा की मौजूदगी में करार हो गया है. इसके बाद प्रदेश की पहली यूनिट ग्वालियर में स्थापित किए जाने काम शुरू होगा और प्रदेश भर के किसानों को यहां से विभिन्न किस्म के आलू बीज तथा एरोपोनिक तकनीक सांझा की जाएगी.

इतना बढ़ेगा उत्पादन: उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह के मुताबिक 'एयरोपोनिक तकनीक का उपयोग आलू बीज युवक के उत्पादन के लिए होगा, जिनसे मिलने वाले पौधों को किसान बिना मिट्टी के ही फसल में भी उपयोग कर सकेंगे और इस तकनीक से फसल का उत्पादन भी 10 से 12% तक बढ़ेगा. जिससे किसानों की लागत कम और आमदनी ज्यादा होगी.'

Hydroponic Farming: बिना मिट्टी के घर के अंदर ऐसे उगाएं केमिकल मुक्त सब्जियां

एमपी के किसानों को मिलेगा लाभ: उद्यानिकी मंत्री कुशवाहा ने यह भी बताया कि 'देश में आलू उत्पादन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश बड़ा स्थान है, लेकिन मांग के अनुरूप यहां उत्पादन नहीं हो पा रहा है. ज्यादातर किसान पारंपरिक स्रोतों से ही बीज लेते हैं, नतीजा किसानों को इतनी मेहनत के रूप में उत्पादन नहीं मिल पाता है. अब एरोपोनिक तकनीक से किसानों की यह समस्या खत्म हो जाएगी.

ग्वालियर। एरोपोनिक एक ऐसी पद्धति जिसका प्रयोग करने वाले किसानों को आलू की फसल के लिए जमीन या मिट्टी की जरूरत नहीं होगी, इससे हवा में भी खेती की जा सकेगी और आलू के विभिन्न किस्म के बीज तैयार किया जा सकेंगे. इसके लिए ग्वालियर में पहली यूनिट ग्वालियर में स्थापित की जाएगी. (potato aeroponic technology) (MP First unit of potato aeroponic technology)

अब जमीन में नहीं हवा में उगेंगे आलू

ग्वालियर में स्थापित होगी पहली यूनिट: एरोपोनिक तकनीकी यूनिट के लिए मध्यप्रदेश सरकार के उद्यानिकी विभाग और इसे तैयार करने वाली एग्रीनोवेटेड इंडिया लिमिटेड के बीच दिल्ली के कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश के उद्यानिकी मंत्री भरत सिंह कुशवाहा की मौजूदगी में करार हो गया है. इसके बाद प्रदेश की पहली यूनिट ग्वालियर में स्थापित किए जाने काम शुरू होगा और प्रदेश भर के किसानों को यहां से विभिन्न किस्म के आलू बीज तथा एरोपोनिक तकनीक सांझा की जाएगी.

इतना बढ़ेगा उत्पादन: उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह के मुताबिक 'एयरोपोनिक तकनीक का उपयोग आलू बीज युवक के उत्पादन के लिए होगा, जिनसे मिलने वाले पौधों को किसान बिना मिट्टी के ही फसल में भी उपयोग कर सकेंगे और इस तकनीक से फसल का उत्पादन भी 10 से 12% तक बढ़ेगा. जिससे किसानों की लागत कम और आमदनी ज्यादा होगी.'

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एमपी के किसानों को मिलेगा लाभ: उद्यानिकी मंत्री कुशवाहा ने यह भी बताया कि 'देश में आलू उत्पादन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश बड़ा स्थान है, लेकिन मांग के अनुरूप यहां उत्पादन नहीं हो पा रहा है. ज्यादातर किसान पारंपरिक स्रोतों से ही बीज लेते हैं, नतीजा किसानों को इतनी मेहनत के रूप में उत्पादन नहीं मिल पाता है. अब एरोपोनिक तकनीक से किसानों की यह समस्या खत्म हो जाएगी.

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