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परीक्षा संबंधी कार्यों के ठेके पर विवाद, निविदा में हिस्सा लेने वाली दूसरी कंपनियों ने कुलपति से की शिकायत

जीवाजी विश्वविद्यालय में परीक्षा संबंधी कार्य देखने वाली नागपुर की कंपनी के फेल होने के बाद, अब जिस कंपनी को चुना गया है, उस पर सवाल खड़े होने लगे हैं.

university dispute tender exam
जीवाजी विश्वविद्यालय में विवाद
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Published : Jan 10, 2020, 2:30 AM IST

Updated : Jan 10, 2020, 8:24 AM IST

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में परीक्षा संबंधी काम देखने वाली नागपुर की कंपनी के फेल होने के बाद अब जिस कंपनी को टेंडर की शर्तों के साथ चुना गया है. उस पर दूसरी कंपनियों ने सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं और उन्होंने अपनी शिकायत कुलपति को भेज दी है. कार्य परिषद सदस्य ने भी कंपनी के खिलाफ बैठक में आवाज उठाने की बात कही है.

जीवाजी विश्वविद्यालय में विवाद


दरअसल, जीवाजी विश्वविद्यालय में परीक्षाओं से संबंधित काम करने वाली अनुबंधित कंपनी के गैर जिम्मेदाराना रवैए को लेकर कार्यपरिषद की बैठक में कंपनी से अनुबंध खत्म करने का प्रस्ताव पारित हुआ था. तीन कंपनियों ने फिलहाल टेंडर डाले हैं, लेकिन टेंडर की शर्ते दूसरे निविदाकारों को गले नहीं उतर रही हैं.

निविदा कारों का कहना है कि, परीक्षा संबंधित काम करने में उपयोग होने वाली मशीन की खरीद की रसीद मांगी गई है. डेढ़ करोड़ के काम के लिए 5 करोड़ का टर्नओवर निविदा में आवश्यक किया गया है. वहीं 3 साल के एक्सपीरियंस को अलग- अलग हिस्सों में बांट दिया गया है. कार्य परिषद सदस्य को दूसरी निविदाकारी कंपनियों ने शिकायत भेजी है, जबकि विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि टेंडर फाइनल करने वाली समिति पूरे मामले को बारीकी से देख रही है.

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में परीक्षा संबंधी काम देखने वाली नागपुर की कंपनी के फेल होने के बाद अब जिस कंपनी को टेंडर की शर्तों के साथ चुना गया है. उस पर दूसरी कंपनियों ने सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं और उन्होंने अपनी शिकायत कुलपति को भेज दी है. कार्य परिषद सदस्य ने भी कंपनी के खिलाफ बैठक में आवाज उठाने की बात कही है.

जीवाजी विश्वविद्यालय में विवाद


दरअसल, जीवाजी विश्वविद्यालय में परीक्षाओं से संबंधित काम करने वाली अनुबंधित कंपनी के गैर जिम्मेदाराना रवैए को लेकर कार्यपरिषद की बैठक में कंपनी से अनुबंध खत्म करने का प्रस्ताव पारित हुआ था. तीन कंपनियों ने फिलहाल टेंडर डाले हैं, लेकिन टेंडर की शर्ते दूसरे निविदाकारों को गले नहीं उतर रही हैं.

निविदा कारों का कहना है कि, परीक्षा संबंधित काम करने में उपयोग होने वाली मशीन की खरीद की रसीद मांगी गई है. डेढ़ करोड़ के काम के लिए 5 करोड़ का टर्नओवर निविदा में आवश्यक किया गया है. वहीं 3 साल के एक्सपीरियंस को अलग- अलग हिस्सों में बांट दिया गया है. कार्य परिषद सदस्य को दूसरी निविदाकारी कंपनियों ने शिकायत भेजी है, जबकि विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि टेंडर फाइनल करने वाली समिति पूरे मामले को बारीकी से देख रही है.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में परीक्षा संबंधी कार्य देखने वाली नागपुर की कंपनी के फेल होने के बाद अब जिस कंपनी को टेंडर की शर्तों के साथ चुना गया है। उस पर दूसरी कंपनी ने सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं और उन्होंने अपनी शिकायत कुलपति को भेज दी है। कार्य परिषद सदस्य ने भी उसके खिलाफ बैठक में आवाज उठाने की बात कही है।


Body:दरअसल जीवाजी विश्वविद्यालय में परीक्षाओं से संबंधित काम करने वाली अनुबंधित कंपनी के गैर जिम्मेदाराना काम को लेकर कार्यपरिषद की बैठक में कंपनी का काम खत्म करने का प्रस्ताव पारित हुआ था ।डेढ़ करोड़ के परीक्षा संबंधी कार्य को टेंडर के जरिए दूसरी कंपनी को देने पर फैसला होने वाला है ।हालांकि तीन कंपनियों ने फिलहाल टेंडर डाले हैं लेकिन टेंडर की अनोखी शर्ते दूसरे निविदाकारों को गले नहीं उतर रही है।


Conclusion:निविदा कारों का कहना है कि परीक्षा संबंधित काम करने में उपयोग होने वाली मशीन की खरीद की रसीद मांगी गई है। डेढ़ करोड़ के काम के लिए 5 करोड़ का टर्नओवर निविदा में आवश्यक किया गया है वही 3 साल के एक्सपीरियंस को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया गया है कार्य परिषद सदस्य को दूसरी निविदाकारी कंपनियों ने शिकायत भेजी है जबकि विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि टेंडर फाइनल करने वाली समिति पूरे मामले को बारीकी से देख रही है ।
बाइट अनूप अग्रवाल... सदस्य कार्य परिषद जीवाजी विश्वविद्यालय
बाइट डॉक्टर केशव सिंह गुर्जर ...प्रवक्ता जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर
Last Updated : Jan 10, 2020, 8:24 AM IST
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