ETV Bharat / city

ये अस्पताल डराता है! जानिए, 100 साल से भी ज्यादा पुराने हॉस्पिटल के बारे में क्या कहते हैं लोग - जयारोग्य अस्पताल की बिल्डिंग

ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल (Jayarogya Hospital Of Gwalior) की इमारत जर्जर हो चुकी है. लोग यहां आने से डरने लगे हैं. प्रशासन भी कई बार अस्पताल खाली करने को कह चुका है. लेकिन फिलहाल इसका कोई विकल्प नहीं है.

shabby building of hospital
ये अस्पताल डराता है
author img

By

Published : Oct 4, 2021, 5:15 PM IST

ग्वालियर । ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़ा जयारोग्य अस्पताल की (Jayarogya Hospital Of Gwalior) इमारत काफी खूबसूरत मानी जाती है. जिस इमारत में यह अस्पताल संचालित हो रहा है उसका निर्माण सिंधिया राजवंश ने करवाया था. आजादी के बाद से अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल चल रहा है. यहां छोटी बीमारी से लेकर कैंसर जैसी बीमारी तक का इलाज किया जाता है. लेकिन अब इस अस्पताल से मरीजों को डर लगने लगा है. अस्पताल प्रबंधन ने दीवारों पर लिखवा दिया है कि अस्पताल की जर्जर दीवार और टूटे हुए छज्जे कभी भी धराशाई हो सकते हैं.

ये अस्पताल डराता है! जानिए, 100 साल से भी ज्यादा पुराने हॉस्पिटल के बारे में क्या कहते हैं लोग

अस्पताल से डर लगता है साहब!

ग्वालियर में अंचल का सबसे बड़ा जयारोग्य अस्पताल है. इसकी इमारत काफी पुरानी है. 1899 में सिंधिया राजवंश ने इसका निर्माण कराया था. बाद में इसमें अस्पताल चलने लगा. जयारोग्य अस्पताल की इमारत जर्जर (Shabby building of Jayarogya Hospital) हो चुकी है. इमारत की छत और दीवारें जर्जर हैं. यह कभी भी गिर सकती है. कई बार मरीज के परिजन हादसे का शिकार हो चुके हैं. दीवारों की कई बार मरम्मत हो चुकी है. इसी के चलते जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन ने दीवारों पर सूचना लिखवा दी है. दीवारों पर लिखा है कि मरीज और उनके परिजन इमारत की दीवार, छज्जे और बालकनी से दूर रहें, किनारों पर न जाएं. यह कभी भी गिर सकते हैं.

जोखिम में मरीजों की जान

ग्वालियर चंबल अंचल का यह जयारोग्य अस्पताल (Shabby building of Jayarogya Hospital) काफी चर्चित है. इस अस्पताल में छोटी बीमारी से लेकर हार्ट और केंसर तक की बड़ी बीमारियों का इलाज किया जाता है. इस अस्पताल में अंचल की ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों राजस्थान और उत्तरप्रदेश से भी मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. उत्तर प्रदेश के ललितपुर,झांसी,औरैया, टीकमगढ़, अनूपपुर सहित कई जिलों से यहां मरीज आते हैं. यहां दिनभर की ओपीडी 1000 से ज्यादा होती है.

अस्पताल ने भी दीवारों पर लिखी चेतावनी

जयारोग्य अस्पताल की इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से कई बार अस्पताल प्रबंधक को नोटिस जारी हो चुका है, कि इस अस्पताल की बिल्डिंग को खाली कर दें. पीडब्ल्यूडी विभाग के (Shabby building of Jayarogya Hospital) इंजीनियर आरके गुप्ता का कहना है कि यह इमारत काफी पुरानी है, जर्जर हालत में है. बिल्डिंग के छज्जे, खिड़कियां, बाल्कनी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं. यह कभी भी गिर सकती हैं. अस्पताल प्रबंधक को कई बार बिल्डिंग खाली कराने का नोटिस दे दिया है.

जोबट बीजेपी में बगावत! सुलोचना रावत को टिकट देने की चर्चा से माहौल गर्माया, भाजयुमो नेता बोले-मैं भी मैदान में

2022 में तैयार होगी नई बिल्डिंग

जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक डॉ आर के एस धाकड़ का कहना है कि अस्पताल की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. इमारत बाहर की तरफ से सबसे ज्यादा जर्जर है. यही वजह है कि छज्जे और इमारत की बालकनी के नीचे किसी भी मरीज या परिजनों को (Shabby building of Jayarogya Hospital) नहीं बैठने दिया जाता है. नए अस्पताल के लिए दूसरा विकल्प नहीं मिल पा रहा है. लेकिन जल्द ही 1000 बिस्तर का अस्पताल तैयार हो रहा है. इसका एक ब्लॉक तैयार हो चुका है. साल 2022 तक ये तैयार हो जाएगा. तब अस्पताल को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा.

ग्वालियर । ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़ा जयारोग्य अस्पताल की (Jayarogya Hospital Of Gwalior) इमारत काफी खूबसूरत मानी जाती है. जिस इमारत में यह अस्पताल संचालित हो रहा है उसका निर्माण सिंधिया राजवंश ने करवाया था. आजादी के बाद से अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल चल रहा है. यहां छोटी बीमारी से लेकर कैंसर जैसी बीमारी तक का इलाज किया जाता है. लेकिन अब इस अस्पताल से मरीजों को डर लगने लगा है. अस्पताल प्रबंधन ने दीवारों पर लिखवा दिया है कि अस्पताल की जर्जर दीवार और टूटे हुए छज्जे कभी भी धराशाई हो सकते हैं.

ये अस्पताल डराता है! जानिए, 100 साल से भी ज्यादा पुराने हॉस्पिटल के बारे में क्या कहते हैं लोग

अस्पताल से डर लगता है साहब!

ग्वालियर में अंचल का सबसे बड़ा जयारोग्य अस्पताल है. इसकी इमारत काफी पुरानी है. 1899 में सिंधिया राजवंश ने इसका निर्माण कराया था. बाद में इसमें अस्पताल चलने लगा. जयारोग्य अस्पताल की इमारत जर्जर (Shabby building of Jayarogya Hospital) हो चुकी है. इमारत की छत और दीवारें जर्जर हैं. यह कभी भी गिर सकती है. कई बार मरीज के परिजन हादसे का शिकार हो चुके हैं. दीवारों की कई बार मरम्मत हो चुकी है. इसी के चलते जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन ने दीवारों पर सूचना लिखवा दी है. दीवारों पर लिखा है कि मरीज और उनके परिजन इमारत की दीवार, छज्जे और बालकनी से दूर रहें, किनारों पर न जाएं. यह कभी भी गिर सकते हैं.

जोखिम में मरीजों की जान

ग्वालियर चंबल अंचल का यह जयारोग्य अस्पताल (Shabby building of Jayarogya Hospital) काफी चर्चित है. इस अस्पताल में छोटी बीमारी से लेकर हार्ट और केंसर तक की बड़ी बीमारियों का इलाज किया जाता है. इस अस्पताल में अंचल की ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों राजस्थान और उत्तरप्रदेश से भी मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. उत्तर प्रदेश के ललितपुर,झांसी,औरैया, टीकमगढ़, अनूपपुर सहित कई जिलों से यहां मरीज आते हैं. यहां दिनभर की ओपीडी 1000 से ज्यादा होती है.

अस्पताल ने भी दीवारों पर लिखी चेतावनी

जयारोग्य अस्पताल की इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से कई बार अस्पताल प्रबंधक को नोटिस जारी हो चुका है, कि इस अस्पताल की बिल्डिंग को खाली कर दें. पीडब्ल्यूडी विभाग के (Shabby building of Jayarogya Hospital) इंजीनियर आरके गुप्ता का कहना है कि यह इमारत काफी पुरानी है, जर्जर हालत में है. बिल्डिंग के छज्जे, खिड़कियां, बाल्कनी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं. यह कभी भी गिर सकती हैं. अस्पताल प्रबंधक को कई बार बिल्डिंग खाली कराने का नोटिस दे दिया है.

जोबट बीजेपी में बगावत! सुलोचना रावत को टिकट देने की चर्चा से माहौल गर्माया, भाजयुमो नेता बोले-मैं भी मैदान में

2022 में तैयार होगी नई बिल्डिंग

जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक डॉ आर के एस धाकड़ का कहना है कि अस्पताल की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. इमारत बाहर की तरफ से सबसे ज्यादा जर्जर है. यही वजह है कि छज्जे और इमारत की बालकनी के नीचे किसी भी मरीज या परिजनों को (Shabby building of Jayarogya Hospital) नहीं बैठने दिया जाता है. नए अस्पताल के लिए दूसरा विकल्प नहीं मिल पा रहा है. लेकिन जल्द ही 1000 बिस्तर का अस्पताल तैयार हो रहा है. इसका एक ब्लॉक तैयार हो चुका है. साल 2022 तक ये तैयार हो जाएगा. तब अस्पताल को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.