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Hindu mahasabha: महात्मा गांधी की हत्या में शामिल नारायण आप्टे की मूर्ति स्थापित करने की तैयारी में हिंदू महासभा

हिंदू महासभा (Hindu mahasabha) नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) के बाद अब महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या में शामिल दूसरे दोषी नारायण आप्टे (Narayan Apte) की मूर्ति उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) में स्थापित करने की तैयारी में है.

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Published : Sep 12, 2021, 6:55 PM IST

Updated : Sep 12, 2021, 7:03 PM IST

ग्वालियर। हिन्दू महासभा (Hindu mahasabha) नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) के बाद अब महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या में शामिल एक और दोषी नारायण आप्टे (Narayan Apte) की भी मूर्ति स्थापित करने जा रही है.

उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थापना के लिए भेजी गई नारायण आप्टे की मूर्ति

नारायण आप्टे की मूर्ति ग्वालियर (Gwalior) में तैयार की गई है और इसे तैयार करने में लगभग 2 महीने का समय लगा है. मूर्ति को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) में स्थापना के लिए भेजा गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी खबर किसी को नहीं लग पाई. मूर्ति के मेरठ रवाना होने के बाद इसका खुलासा हुआ है.

वहीं, इस मामले में ग्वालियर के SP अमित सांघी का कहना है कि पुलिस को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है, पुलिस विभाग जानकारी जुटाने में लगा हुआ है.

गांधी@150: वर्धा सेवाग्राम आश्रम में हुई थी गांधीजी के हत्या की कोशिश

अक्टूबर के महीने में आप्टे की मूर्ति को मेरठ में स्थापित करने का प्लान

लगभग 45 हजार रुपये में तैयार की गई महात्मा गांधी के हत्यारे की मूर्ति को अक्टूबर महीने में मेरठ में स्थापित की जाएगी. बता दें कि हिन्दू महासभा इससे पहले भी पुलिस और प्रशासन को चकमा देती रही है. जब नाथूराम गोडसे के मंदिर और ज्ञानशाला की स्थापना हुई थी तब भी प्रशासन को भनक नहीं लगी थी. मामले ने जब तूल पकड़ा तब प्रशासन ने मूर्ति जब्त कर लिया था.

नाथूराम गोडसे ने यहां रची थी महात्मा गांधी की हत्या की साजिश

नारायण आप्टे का इतिहास
आपको बता दें महात्मा गांधी की हत्या के आरोप में पुलिस ने गोडसे, नारायण आप्टे सहित 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के समय नारायण आप्टे, नाथूराम गोडसे के साथ खड़ा था. मामले की सुनवाई में अदालत ने नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सजा सुनाई. वहीं, 6 अन्य आरोपियों को आजीवान कारावास और वीर सावरकर को सबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया था. गोडसे और नारायण आप्टे को 15 नवंबर 1949 को अंबाला जेल में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था.

ग्वालियर। हिन्दू महासभा (Hindu mahasabha) नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) के बाद अब महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या में शामिल एक और दोषी नारायण आप्टे (Narayan Apte) की भी मूर्ति स्थापित करने जा रही है.

उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थापना के लिए भेजी गई नारायण आप्टे की मूर्ति

नारायण आप्टे की मूर्ति ग्वालियर (Gwalior) में तैयार की गई है और इसे तैयार करने में लगभग 2 महीने का समय लगा है. मूर्ति को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) में स्थापना के लिए भेजा गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी खबर किसी को नहीं लग पाई. मूर्ति के मेरठ रवाना होने के बाद इसका खुलासा हुआ है.

वहीं, इस मामले में ग्वालियर के SP अमित सांघी का कहना है कि पुलिस को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है, पुलिस विभाग जानकारी जुटाने में लगा हुआ है.

गांधी@150: वर्धा सेवाग्राम आश्रम में हुई थी गांधीजी के हत्या की कोशिश

अक्टूबर के महीने में आप्टे की मूर्ति को मेरठ में स्थापित करने का प्लान

लगभग 45 हजार रुपये में तैयार की गई महात्मा गांधी के हत्यारे की मूर्ति को अक्टूबर महीने में मेरठ में स्थापित की जाएगी. बता दें कि हिन्दू महासभा इससे पहले भी पुलिस और प्रशासन को चकमा देती रही है. जब नाथूराम गोडसे के मंदिर और ज्ञानशाला की स्थापना हुई थी तब भी प्रशासन को भनक नहीं लगी थी. मामले ने जब तूल पकड़ा तब प्रशासन ने मूर्ति जब्त कर लिया था.

नाथूराम गोडसे ने यहां रची थी महात्मा गांधी की हत्या की साजिश

नारायण आप्टे का इतिहास
आपको बता दें महात्मा गांधी की हत्या के आरोप में पुलिस ने गोडसे, नारायण आप्टे सहित 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के समय नारायण आप्टे, नाथूराम गोडसे के साथ खड़ा था. मामले की सुनवाई में अदालत ने नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सजा सुनाई. वहीं, 6 अन्य आरोपियों को आजीवान कारावास और वीर सावरकर को सबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया था. गोडसे और नारायण आप्टे को 15 नवंबर 1949 को अंबाला जेल में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था.

Last Updated : Sep 12, 2021, 7:03 PM IST
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