ग्वालियर। कोरोना महामारी में जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कांड में ग्वालियर STF को एक और सफलता मिली है. STF की टीम ने महाराष्ट्र के नागपुर में एक प्राइवेट हॉस्पिटल से महिला नर्स संगीता को गिरफ्तार किया है. यह नर्स हॉस्पिटल की आड़ में रेमडेसिविर इंजेक्शन का रैकेट चला रही थी. इसका नाम एसटीएफ को 24 दिन पहले रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने सिवनी से ग्वालियर आए कमलेश्वर प्रसाद से मिला था, उसे संगीता ही इंजेक्शन उपलब्ध कराती थी. अब यह नर्स कहां से इंजेक्शन अरेंज करती थी यह एसटीएफ पता कर रही है.
कमलेश्वर प्रसाद दीक्षित को किया था गिरफ्तार
STF ग्वालियर की टीम ने 24 दिन पहले 8 मई को ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर रेमडेसिविर इंजेक्शन को ब्लैक में बेचने आए सिवनी के कमलेश्वर प्रसाद दीक्षित को गिरफ्तार किया था. उसके पास से 5 इंजेक्शन मिल थे. STF की टीम ने ही सोशल मीडिया पर कस्टमर बनकर इसे फंसाया था. जब इससे पूछताछ की तो पता लगा कि वह इंजेक्शन की कालाबाजारी के रैकेट का एक मोहरा मात्र है. वह नागपुर, बालाघाट व मंडला के कुछ अस्पताल कर्मचारियों के संपर्क में था. वही उसको इंजेक्शन उपलब्ध कराते थे. कमलेश्वर प्रसाद के बारे में पता लगा था कि वह वर्ष 2018 में सिवनी से विधायक का चुनाव भी लड़ चुका था. उसने बालाघाट निवासी संगीता कुमारी का नाम STF को बताया था.
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महाराष्ट्र की रहने वाली नर्स है पूरे रैकेट की गैंगस्टर
संगीता अभी महाराष्ट्र के नागपुर में एक मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में बतौर नर्स पदस्थ है. वहीं से पूरे रैकेट को चला रही है. उससे मिली सूचना के बाद STF की टीम ने नागपुर में दबिश देकर आरोपी नर्स को गिरफ्तार किया है. उसे ग्वालियर में लाकर कोर्ट में पेश किया और दो दिन की पुलिस रिमांड पर ले लिया है. पकड़ी गई नर्स ने कुबूल कर लिया है कि कमलेश्वर प्रसाद को वही रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराती थी.