ग्वालियर। कोरोना कर्फ्यू के दौरान सबसे ज्यादा खराब माली हालत बेहद खराब हैं. रोज खाने कमाने वाले लोगों के बीच इस समय राशन की भारी किल्लत है. गरीब बस्तियों में जाकर नौनिहालों को स्कूल बंद होने के कारण पढ़ाने वाले रिटायर्ड शिक्षकों ने गरीब परिवारों को खाद्यान्न मुहैया करना शुरू किया है. इसमें गरीब परिवारों के बच्चों और उनके अभिभावकों को बुधवार को 50 से ज्यादा पैकेट बांटे गए, जिसमें आटा और चावल सहित अन्य सामग्री शामिल थी.
- 40 परिवारों को दे रहे सहारा
दरअसल साइंस कॉलेज के किनारे रहने वाले करीब 40 परिवारों के लोगों को यह सामग्री शिक्षा क्षेत्र में काम कर चुके लोगों और कुछ समाजसेवियों ने मिलकर बांटी है. उन्हें आटा चावल दिए गए हैं. इससे पहले मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों को पाठ्य पुस्तकें और पढ़ने का सामान भी मुहैया कराया गया था. इस बस्ती में रहने वाले लोग सड़क किनारे झोपड़ी नुमा रिहाईश बनाकर रहते हैं. परिवार के कई सदस्यों की हालत ऐसी है कि वे पूरी तरह दूसरों पर निर्भर है.
कोरोना संक्रमितों के परिजनों को फ्री में भोजन उपलब्ध करा रहे ग्रामीण
- मलिन बस्ती के बच्चों दे रहे शिक्षा
यहां रामा बाई नाम की पूर्ण रूप से नेत्र विहीन महिला भी रहती है. जिसका एक बेटा है. लेकिन कोरोना कर्फ्यू के चलते उसे मजदूरी नहीं मिल रही है इसलिए कई बार लोगों से मांगकर गुजर बसर करना पड़ता है. इसी तरह इस बस्ती में कुछ और लोग भी हैं. इन समाजसेवियों का कहना है कि गरीब बच्चों को शिक्षा के साथ उनका भरण पोषण सुचारू रूप से हो सके. इसलिए वह ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. यह रिटायर्ड शिक्षक और समाजसेवी शहर भर में गरीब और मलिन बस्तियों में जाकर 13 स्थानों पर क्लास देते हैं. उनका लक्ष्य है कि कोई भी गरीब बच्चा आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई से विमुख नहीं रहे.