ग्वालियर। मिलावटखोरी पर लगाम कसने के लिए हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश दिया है. ग्वालियर-चंबल संभाग में मिलावटखोरी को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कहा है कि सिर्फ रक्षाबंधन, होली, दीपावली पर कार्रवाई करने से कुछ नहीं होगा, बल्कि मिलावटखोरों के खिलाफ पर्मानेंट कार्रवाई करनी होगी, इसलिए टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाएं. कोर्ट ने ग्वालियर-चंबल संभाग के 9 कलेक्टरों को नोटिस भी जारी किया है. जो बताएंगे कि मिलावटखोरों के खिलाफ अभी तक उन्होंने क्या कार्रवाई की है.
कोर्ट ने कहा है कि शहर के एंट्री पॉइंट्स पर चेकप्वाइंट बनाए जाएं, जहां वेंडर्स के दूध की जांच हो सके. टेस्टिंग के लिए लैब भी स्थापित करने के आदेश कोर्ट ने दिए हैं. ग्वालियर चंबल संभाग के 9 कलेक्टरों को कड़ाई से इस आदेश का पालन करने को कहा गया है.
दरअसल, हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में मिलावटखोरों के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर है. जिसमें मध्य प्रदेश के हर जिले की सीमा पर चेक प्वाइंट और टेस्ट लैब बनाने की मांग की गई है. याचिका ने 9 बिंदू कोर्ट के सामने रखे गए हैं. याचिकाकर्ता उमेश्वरी ने इस संबंध में केंद्र और राज्य सरकार के 24 विभागों को पार्टी बनाया है. साथ ही केंद्र सरकार से पूछा है कि वह यह बताएं कि दूध का उत्पादन कम होने के बाद भी उसकी खपत ज्यादा कैसे है. क्योंकि देश में 14 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन है, लेकिन खपत 64 करोड़ लीटर हो रही है.