ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दतिया जिला न्यायालय से 3 साल पहले सुनाए गए फांसी के फैसले को फिलहाल निरस्त कर दिया गया है, कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह 4 महीने के भीतर दोबारा इस मामले की सुनवाई करे, सभी पक्षों को अपनी बात रखने के लिए समय दे.
फांसी की सजा के फैसले को HC ने किया निरस्त
दतिया जिले के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र में 2 मार्च 2018 को एक 10 साल के बालक का नंदकिशोर उर्फ नंदू और उसके साथी रानू ने दुष्कर्म करने के बाद उसका कत्ल कर दिया था, इस मामले में पुलिस ने नंदकिशोर को गिरफ्तार कर लिया था, उसके खिलाफ 304 A और 302 आईपीसी के तहत मामला कोर्ट में पेश किया गया था.
जिसके खिलाफ लगातार सुनवाई चली और दतिया जिला न्यायालय ने आरोपी नंद किशोर को 13 अगस्त 2018 को इस मामले को गंभीरता अपराध मानते हुए फांसी की सजा से दंडित किया था, इसके खिलाफ नंदू ने हाईकोर्ट में अपील की, वहीं जिला न्यायालय ने अपने फैसले को हाईकोर्ट से कंफर्म करने के लिए भेजा. जहां से उसे निरस्त कर दिया गया साथ ही दोबारा सुनवाई करने की बात कही.
मामले फिर होगी जिला कोर्ट में सुनवाई
इस मामले में एमिकस क्यूरी डीआर शर्मा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एक ही दिन में गवाह करा लिए गए, उसी दिन डीएनए रिपोर्ट भी पेश होने के बाद स्वीकार कर ली गई, दो गवाह ऐसे थे जिन्हें आरोपी की अनुपस्थिति में सुना गया था, जबकि आरोपी को अपना पक्ष रखने के लिए अधिनस्थ कोर्ट ने कोई टाइम नहीं दिया था.
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4 महीने के अंदर होगी सुनवाई
इसलिए दतिया जिला न्यायालय को हाईकोर्ट ने निर्देशित किया है कि वह दोबारा इस मामले पर सुनवाई करें और 4 महीने के भीतर अपना फैसला सुनाए, खास बात यह है कि इस मामले में दूसरे आरोपी रानू की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो सकी है, वो अब भी फरार बताया जा रहा है.