ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पूर्व मंत्री गोविंद सिंह का चुनाव शून्य करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है. पूर्व विधायक और भाजपा नेता रसाल सिंह ने गोविंद सिंह के खिलाफ यह कहते हुए हाईकोर्ट में चुनाव याचिका पेश की थी कि उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन भरते समय अपनी संपत्ति का ब्यौरा और आपराधिक रिकॉर्ड छुपाया था, जबकि गोविंद सिंह का कहना था कि सम्मिलित संपत्ति का ब्यौरा देना नामांकन में जरूरी नहीं है.
कोर्ट में गोविंद सिंह के वकील ने कहा कि जिस अपराध की बात की जा रही है उसमें वह पहले ही बरी हो चुके हैं, इसलिए उसका जिक्र भी नामांकन में होना जरूरी नहीं था. हाईकोर्ट ने गोविंद सिंह के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए रसाल सिंह की चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है. कांग्रेस नेता गोविंद सिंह, लहार विधानसभा क्षेत्र से लगातार विधायक चुने जाते रहे हैं और कमलनाथ सरकार में सहकारिता मंत्री रहे थे. अगर रसाल सिंह की याचिका खारिज नहीं होती तो गोविंद सिंह की मुश्किलें बढ़ जातीं.
बता दें कि रसाल सिंह रौन विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं, अपने क्षेत्र में दबदबा कायम रखने वाले रसाल सिंह को बीजेपी ने गोविंद सिंह के विरुद्ध चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन लहार विधानसभा सीट से गोविंद सिंह के खिलाफ रसाल सिंह का कोई जादू नहीं चला और वो चुनाव हार गए. इससे पहले गोविंद सिंह ने रमाशंकर को भी चुनाव में हराया था.