ग्वालियर। राज्य साइबर सेल पुलिस ने चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. यह लोग आयुष्मान और श्रम कार्ड के बहाने लोगों की फिंगरप्रिंट लेते थे. बाद में उसी फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल करके उनके अकाउंट से पैसे निकाल लेते थे. पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप, मोबाइल और थंब इंप्रेशन मशीन सहित अन्य डिवाइस बरामद की है. (fraud with fingerprint in gwalior)
फिंगर प्रिंट से साइबर ठगी: फिंगर प्रिंट चोरी करके ग्रामीणों के खाते से पैसा उड़ाने वाला यह गैंग के सभी सदस्य ई-गर्वेनेंस सर्विस के लिए सीएससी के रूप में रजिस्टर्ड थे. गांव-गांव में कैंप लगाकर आयुष्मान और ई-श्रम कार्ड बनाने के साथ डिजिटल साक्षरता अभियान से जुड़े हैं. आरोपी अब तक 2 दर्जन से ज्यादा लोगों को चूना लगाया है. राज्य साइबर सेल में ठगी का शिकार हुए 25 से ज्यादा लोगों रकी शिकायतों के आधार पर FIR दर्ज की है. इन लोगों ने किसानों के खातों से पांच लाख रुपये निकले हैं. आरोपियों के पास से पुलिस ने 982 लोगों का डेटा जब्त किया है. आरोपी फिंगरप्रिंट से ग्रामीणों के खातों से अपने खाते में पैसा ट्रांसफर कर ठगी करते थे.
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कई शिकायतों के बाद पुलिस ने लिया एक्शन: राज्य साइबर सेल के एसपी सुधील अग्रवाल को ग्रामीणों के खाते से पैसा निकलने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं. अधिकांश शिकायतें डबरा इलाके की थीं. इन शिकायतों में एक बात समान थी कि ग्रामीणों के फिंगरप्रिंट चोरी करके यह ठगी की जा रही थी. यह तय था कि कोई गैंग डबरा क्षेत्र में सक्रिय है, जो यह ठगी कर रहा है. इन शिकायतों की पड़ताल करने की जिम्मेदारी कार्यवाहक निरीक्षक जितेंद्र तोमर और उप निरीक्षक शैलेंद्र राठौर को सौंपी गई थी. जांच में पता चला कि आवेदकों के बैंक खातों से आधार इनबिल्ट पेमेंट सिस्टम के उपयोग कर राशि निकाली गई है. (gwalior accused transfer money by using fingerprint)