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फर्जी प्रमाण पत्र मामला: BJP सांसद केपी यादव को बड़ी राहत, SDM के फैसले पर HC ने लगाई रोक

बीजेपी सांसद केपी यादव को फर्जी प्रमाण पत्र मामले में हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने बीजेपी सांसद के खिलाफ एसडीएम ने जो आदेश दिए थे. उस पर स्थगन दे दिया है. जबकि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर भी रोक लगा दी है.

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Published : Dec 26, 2019, 5:16 PM IST

kp yadav, bjp mp
केपी यादव, बीजेपी सांसद

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने गुना लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद कृष्णपाल सिंह यादव और उनके बेटे को फर्जी प्रमाण पत्र मामले में बड़ी राहत दी है. हाल ही में अशोकनगर जिले के मुंगावली एसडीएम ने सांसद और उनके बेटे के जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए उसे निरस्त करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. इस पूरी कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. जिस पर सुनावाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस आदेश पर फिलहाल स्थगन दे दिया है.

फर्जी प्रमाण पत्र मामले में बीजेपी सांसद केपी यादव को मिली राहत

जबकि सांसद के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर भी किसी प्रकार की कार्रवाई न करने के निर्देश भी दिए हैं. बता दे कि पांच दिसंबर को मुंगावली एसडीएम ने सांसद केपी यादव को क्रीमी लेयर का केस मानते हुए उनका पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था. जिसे निरस्त करते हुए ये तर्क दिया गया था कि उन्होंने 2014 में अपनी आए क्रीमी लेयर से कम यानी 8 लाख से कम आय बताई थी. जबकि सांसद की ये इनकम 2019 के लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामें में उन्होंने अपनी आय 39 लाख रुपए बताई थी. इस आधार पर उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया था.

सांसद ने कहा जनरल कैटेगरी के तहत लड़ा था चुनाव
बीजेपी सांसद केपी यादव ने तर्क दिया था कि उन्होंने गुना लोकसभा सीट से जनरल कैटेगरी में लोकसभा चुनाव लड़ा था. उनके जाति प्रमाण पत्र संबंधी छानबीन का अधिकार सिर्फ राज्य स्तर पर गठित कमेटी को है, जिसे सुप्रीम कोर्ट माधुरी पाटिल के केस में साफ कर चुका है. एसडीएम को नियम विरुद्ध जाकर जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने को यादव की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.

हाईकोर्ट में सांसद के अधिवक्ता ने ये दलील भी दी कि उन्होंने पिछड़ा वर्ग के होने के बावजूद किसी भी तरह के लाभ नहीं लिए थे. एसडीएम ने गांव के कुछ लोगों के बयान के आधार पर ये कार्रवाई की है. इसी आधार पर मुंगावली में सांसद केपी यादव और उनके बेटे के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक याचिका लंबित है तब तक इस मामले में कोई अग्रिम कार्रवाई नहीं की जाए. कोर्ट ने यादव को अगली सुनवाई तक स्थगन दिया है. इसे यादव को बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है. खास बात ये है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने के बाद केपी यादव चर्चा में आए थे.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने गुना लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद कृष्णपाल सिंह यादव और उनके बेटे को फर्जी प्रमाण पत्र मामले में बड़ी राहत दी है. हाल ही में अशोकनगर जिले के मुंगावली एसडीएम ने सांसद और उनके बेटे के जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए उसे निरस्त करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. इस पूरी कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. जिस पर सुनावाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस आदेश पर फिलहाल स्थगन दे दिया है.

फर्जी प्रमाण पत्र मामले में बीजेपी सांसद केपी यादव को मिली राहत

जबकि सांसद के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर भी किसी प्रकार की कार्रवाई न करने के निर्देश भी दिए हैं. बता दे कि पांच दिसंबर को मुंगावली एसडीएम ने सांसद केपी यादव को क्रीमी लेयर का केस मानते हुए उनका पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था. जिसे निरस्त करते हुए ये तर्क दिया गया था कि उन्होंने 2014 में अपनी आए क्रीमी लेयर से कम यानी 8 लाख से कम आय बताई थी. जबकि सांसद की ये इनकम 2019 के लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामें में उन्होंने अपनी आय 39 लाख रुपए बताई थी. इस आधार पर उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया था.

सांसद ने कहा जनरल कैटेगरी के तहत लड़ा था चुनाव
बीजेपी सांसद केपी यादव ने तर्क दिया था कि उन्होंने गुना लोकसभा सीट से जनरल कैटेगरी में लोकसभा चुनाव लड़ा था. उनके जाति प्रमाण पत्र संबंधी छानबीन का अधिकार सिर्फ राज्य स्तर पर गठित कमेटी को है, जिसे सुप्रीम कोर्ट माधुरी पाटिल के केस में साफ कर चुका है. एसडीएम को नियम विरुद्ध जाकर जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने को यादव की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.

हाईकोर्ट में सांसद के अधिवक्ता ने ये दलील भी दी कि उन्होंने पिछड़ा वर्ग के होने के बावजूद किसी भी तरह के लाभ नहीं लिए थे. एसडीएम ने गांव के कुछ लोगों के बयान के आधार पर ये कार्रवाई की है. इसी आधार पर मुंगावली में सांसद केपी यादव और उनके बेटे के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक याचिका लंबित है तब तक इस मामले में कोई अग्रिम कार्रवाई नहीं की जाए. कोर्ट ने यादव को अगली सुनवाई तक स्थगन दिया है. इसे यादव को बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है. खास बात ये है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने के बाद केपी यादव चर्चा में आए थे.

Intro:ग्वालियर
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने शिवपुरी गुना सांसद कृष्णपाल सिंह यादव और उनके बेटे को बड़ी राहत प्रदान की है। हाल ही में अशोकनगर के मुंगावली एसडीएम द्वारा उनके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए उसे निरस्त ही नहीं किया था बल्कि उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई गई थी। हाईकोर्ट ने नियम विरुद्ध की गई इस कार्रवाई पर फ़िलहाल स्थगन दिया है और एफ आई आर में आगे कोई भी कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए है।


Body:दरअसल इसी महीने पांच दिसंबर को मुंगावली एसडीएम ने सांसद कृष्णपाल सिंह यादव को क्रीमी लेयर का मानते हुए उनका पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था इसके पीछे तर्क दिया गया था कि उन्होंने 2014 में अपनी आए क्रीमी लेयर से कम यानी 8 लाख से कम बताई थी जबकि यह इनकम 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने 39 लाख रुपए बताई। इस आधार पर उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया था यादव का कहना था कि उन्होंने जनरल कैटेगरी में गुना से चुनाव लड़ा था और उनके जाति प्रमाण पत्र संबंधी छानबीन का अधिकार सिर्फ राज्य स्तर पर गठित कमेटी को है जिसे सुप्रीम कोर्ट माधुरी पाटिल के केस में साफ कर चुका है। एसडीएम को नियम विरुद्ध जाकर जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने को यादव की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।


Conclusion:हाईकोर्ट में यादव के अधिवक्ता ने यह दलील भी दी कि उन्होंने पिछड़ा वर्ग के होने के बावजूद किसी भी तरह के लाभ नहीं लिए थे। एसडीएम ने गांव के कुछ लोगों के बयान के आधार पर यह कार्रवाई की है। इसी आधार पर मुंगावली में यादव और उनके बेटे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक याचिका लंबित है तब तक इस मामले में कोई अग्रिम कार्रवाई नहीं की जाए। कोर्ट ने यादव को अगली सुनवाई तक स्थगन दिया है। इसे यादव को बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। खास बात यह है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने के बाद के पी यादव चर्चा में आए थे।
बाइट एमपीएस रघुवंशी... सांसद यादव के अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
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