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आईएमए की स्ट्राइक को आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने बताया गैरवाजिब, कहा एकाधिकार छिनने पर है आक्रोश - Question on IMA strike

आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति के लिए अधिकृत करने के केंद्र सरकार और सेंट्रल काउंसिल फॉर इंडियन मेडिसिंस यानी सीसीआईएम के आदेश के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और आयुर्वेदिक चिकित्स आमने सामने आ गए हैं.

Ayurveda doctors call IMA strike unwarranted
आईएमए की स्ट्राइक पर सवाल
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Published : Dec 9, 2020, 11:12 PM IST

ग्वालियर। आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति के लिए अधिकृत करने के केंद्र सरकार और सेंट्रल काउंसिल फॉर इंडियन मेडिसिंस यानी सीसीआईएम के आदेश के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन शुक्रवार को 12 घंटे के लिए स्वास्थ्य सेवाएं को ठप करेंगे. लेकिन कोविड-19 की सेवाओं को चिकित्सकों द्वारा बहाल रखा जाएगा.

आईएमए की स्ट्राइक पर सवाल

आईएमए के सदस्यों का कहना है कि आयुर्वेदिक चिकित्सकों की पद्धति में सर्जरी का प्रावधान नहीं है. आयुर्वेदिक चिकित्स प्राथमिक स्तर की सर्जरी करने के लिए अधिकृत है, लेकिन अब एलोपैथिक पद्धति की तरह उन्हें जनरल सर्जरी की करने की अनुमति देने से ना सिर्फ वे मरीजों के लिए घातक साबित होंगे बल्कि वो अपने ऑपरेशन में सफल भी नहीं हो सकेंगे.

आईएमए ने इसी मिक्सोपैथी के खिलाफ शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं ठप करने का ऐलान किया है. एलोपैथिक चिकित्सकों का कहना है कि वह कड़ी ट्रेनिंग और मेहनत के बाद सर्जरी कर पाते हैं. इसके लिए उन्हें अलग-अलग स्टेप्स से गुजरना पड़ता है, लेकिन आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सिर्फ हर्बल दवाओं के बारे में ही जानकारी होती है. ऐसे में उनका सर्जरी करना कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता.

वहीं आयुर्वेदिक चिकित्सकों का कहना है कि मौजूदा दौर में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है. आईएमए की हड़ताल को लेकर उनका कहना है कि अभी तक सर्जरी में एलोपैथिक चिकित्सकों का एकाधिकार है. वह अपने एकाधिकार छिनने के कारण आक्रोशित हैं.

ग्वालियर। आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति के लिए अधिकृत करने के केंद्र सरकार और सेंट्रल काउंसिल फॉर इंडियन मेडिसिंस यानी सीसीआईएम के आदेश के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन शुक्रवार को 12 घंटे के लिए स्वास्थ्य सेवाएं को ठप करेंगे. लेकिन कोविड-19 की सेवाओं को चिकित्सकों द्वारा बहाल रखा जाएगा.

आईएमए की स्ट्राइक पर सवाल

आईएमए के सदस्यों का कहना है कि आयुर्वेदिक चिकित्सकों की पद्धति में सर्जरी का प्रावधान नहीं है. आयुर्वेदिक चिकित्स प्राथमिक स्तर की सर्जरी करने के लिए अधिकृत है, लेकिन अब एलोपैथिक पद्धति की तरह उन्हें जनरल सर्जरी की करने की अनुमति देने से ना सिर्फ वे मरीजों के लिए घातक साबित होंगे बल्कि वो अपने ऑपरेशन में सफल भी नहीं हो सकेंगे.

आईएमए ने इसी मिक्सोपैथी के खिलाफ शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं ठप करने का ऐलान किया है. एलोपैथिक चिकित्सकों का कहना है कि वह कड़ी ट्रेनिंग और मेहनत के बाद सर्जरी कर पाते हैं. इसके लिए उन्हें अलग-अलग स्टेप्स से गुजरना पड़ता है, लेकिन आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सिर्फ हर्बल दवाओं के बारे में ही जानकारी होती है. ऐसे में उनका सर्जरी करना कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता.

वहीं आयुर्वेदिक चिकित्सकों का कहना है कि मौजूदा दौर में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है. आईएमए की हड़ताल को लेकर उनका कहना है कि अभी तक सर्जरी में एलोपैथिक चिकित्सकों का एकाधिकार है. वह अपने एकाधिकार छिनने के कारण आक्रोशित हैं.

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