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बाढ़ पीड़ितों के साथ भद्दा मजाक! मदद के नाम पर प्रशासन ने बांटे फटे पुराने कपड़े

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Published : Aug 28, 2021, 12:49 PM IST

मध्य प्रदेश सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद करने की बात कही थी, लेकिन प्रशासन ने मदद के नाम पर बाढ़ पीड़ितों को पुराने कपड़े बांट दिए, जिसका विरोध महिलाओं ने किया है.

lewd jokes with flood victims
बाढ़ पीड़ितों के साथ भद्दा मजाक

ग्वालियर। जिले के भितरवार इलाके में बाढ़ ने कुछ दिन पहले तबाही मचाई थी, जिनकी मदद के लिए राहत बचाव दल भी लगा हुआ था, इस दौरान सीएम शिवराज ने बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद करने की भी बात कही थी, चार दिन पहले प्रशासन ने ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर के हाथ से नजरपुर गांव के बाढ़ पीड़ितों को कपड़े और चप्पल-जूते बंटवाएं थे, जब गांव वालों ने कपड़ों की पोटली खोली, तो उसमें फटे और पुराने कपड़े निकले.

बाढ़ पीड़ितों के साथ भद्दा मजाक

बाढ़ पीड़ितों की मदद या मजाक ?

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है, मदद करनी थी, तो प्रशासन मदद करती, फटे कपड़े और जूते देकर उनके साथ मजाक किया गया है, आक्रोशित ग्रामीण अपनी शिकायत लेकर SDM ऑफिस पहुंचे और उन्होंने मदद के नाम पर दिए गए फटे पुराने कपड़ों को वापस लौटा दिया.

बाढ़ में बह गए थे 3 हजार से ज्यादा मकान

बता दें कि लगभग एक महीने पहले ग्वालियर-चंबल अंचल में भीषण बाढ़ आई थी, इसमें ग्वालियर जिले के डबरा-भितरवार के इलाकों के करीब 49 गांव के हजारों लोग बेघर हो गए थे, तीन हजार से ज्यादा मकान बह गए थे, यह मकान अब किसी लायक नहीं बचे हैं, लोगों का पैसे, गहने, गृहस्थी का सामान और मवेशी तक बह गए थे, हालत यह है कि कई गांव में लोगों के पास पहनने के लिए दूसरी जोड़ी कपड़े तक नहीं हैं.

ग्रामीणों ने लौटाए फटे और पुराने कपड़े

उसके बाद चार दिन पहले ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर भितरवार के बाढ़ प्रभावित गांव नजरपुर में पहुंचे थे, यहां उन्होंने गांव की महिलाओं,बच्चों और पुरुषों को कपड़े और जूते चप्पल भेंट किए थे, जब उनके जाने के बाद कपड़ों की पोटरी को खोला, तो उसमें फटे-पुराने कपड़े, जूते, चप्पल देखकर हैरान रह गए, उसके बाद पीड़ितों ने भितरवार SDM अश्वनी कुमार के दफ्तर पहुंचकर कपड़े और जूते फेंक दिए हैं.

जरपुर गांव की सुशीला देवी ने कहा: बाढ़ में हमारा सब कुछ बर्बाद हो गया है, लेकिन प्रशासन और नेता हमारी मदद करने की बजाय फटे कपड़े और फटे जूते-चप्पल देकर हमारा मजाक उड़ा रहे हैं.

बाढ़ के बाद महामारी का खतरा! बढ़ने लगी डेंगू, मलेरिया, डायरिया के मरीजों की संख्या

प्रशासन का कहना है कि यह सामाजिक संस्था द्वारा भेजे गए कपड़े और जूते हैं, मामले में भितरवार एसडीएम अश्विनी रावत इस मामले की जांच करने की बात कर रहे है।

ग्वालियर। जिले के भितरवार इलाके में बाढ़ ने कुछ दिन पहले तबाही मचाई थी, जिनकी मदद के लिए राहत बचाव दल भी लगा हुआ था, इस दौरान सीएम शिवराज ने बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद करने की भी बात कही थी, चार दिन पहले प्रशासन ने ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर के हाथ से नजरपुर गांव के बाढ़ पीड़ितों को कपड़े और चप्पल-जूते बंटवाएं थे, जब गांव वालों ने कपड़ों की पोटली खोली, तो उसमें फटे और पुराने कपड़े निकले.

बाढ़ पीड़ितों के साथ भद्दा मजाक

बाढ़ पीड़ितों की मदद या मजाक ?

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है, मदद करनी थी, तो प्रशासन मदद करती, फटे कपड़े और जूते देकर उनके साथ मजाक किया गया है, आक्रोशित ग्रामीण अपनी शिकायत लेकर SDM ऑफिस पहुंचे और उन्होंने मदद के नाम पर दिए गए फटे पुराने कपड़ों को वापस लौटा दिया.

बाढ़ में बह गए थे 3 हजार से ज्यादा मकान

बता दें कि लगभग एक महीने पहले ग्वालियर-चंबल अंचल में भीषण बाढ़ आई थी, इसमें ग्वालियर जिले के डबरा-भितरवार के इलाकों के करीब 49 गांव के हजारों लोग बेघर हो गए थे, तीन हजार से ज्यादा मकान बह गए थे, यह मकान अब किसी लायक नहीं बचे हैं, लोगों का पैसे, गहने, गृहस्थी का सामान और मवेशी तक बह गए थे, हालत यह है कि कई गांव में लोगों के पास पहनने के लिए दूसरी जोड़ी कपड़े तक नहीं हैं.

ग्रामीणों ने लौटाए फटे और पुराने कपड़े

उसके बाद चार दिन पहले ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर भितरवार के बाढ़ प्रभावित गांव नजरपुर में पहुंचे थे, यहां उन्होंने गांव की महिलाओं,बच्चों और पुरुषों को कपड़े और जूते चप्पल भेंट किए थे, जब उनके जाने के बाद कपड़ों की पोटरी को खोला, तो उसमें फटे-पुराने कपड़े, जूते, चप्पल देखकर हैरान रह गए, उसके बाद पीड़ितों ने भितरवार SDM अश्वनी कुमार के दफ्तर पहुंचकर कपड़े और जूते फेंक दिए हैं.

जरपुर गांव की सुशीला देवी ने कहा: बाढ़ में हमारा सब कुछ बर्बाद हो गया है, लेकिन प्रशासन और नेता हमारी मदद करने की बजाय फटे कपड़े और फटे जूते-चप्पल देकर हमारा मजाक उड़ा रहे हैं.

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प्रशासन का कहना है कि यह सामाजिक संस्था द्वारा भेजे गए कपड़े और जूते हैं, मामले में भितरवार एसडीएम अश्विनी रावत इस मामले की जांच करने की बात कर रहे है।

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