ग्वालियर। इस समय मध्यप्रदेश में बिजली विभाग आम लोगों पर बिजली बिल की बकाया राशि वसूलने में सख्त है, लेकिन दूसरी तरफ यह सरकारी विभागों पर वसूली में फिसड्डी साबित हो रहा है. खुद ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर के गृह नगर ग्वालियर में बिजली कंपनी का 15 सरकारी विभागों पर 32 करोड़ रुपए का बिल बकाया है, जिन्हें वसूलने में बिजली कंपनी को पसीने पसीने आ रहे हैं. यही वजह है कि बिजली कंपनी के ऐसे रवैया से प्रतीत होता है कि सारे नियम कानून से आम लोगों पर लागू हो रहे हैं.
बिजली कंपनी राजस्व वसूली के लिए अभियान चला रही है, जो भी आम उपभोक्ता 2 महीने तक बिजली बिल जमा नहीं कर पाता है या उस पर 5 से लेकर 10 हजार रुपए तक का बिल बकाया हो जाता है. बिजली कंपनी उसके घर पर कनेक्शन काटने पहुंच जाती है. लेकिन ग्वालियर शहर में कुल 15 सरकारी विभागों पर बिजली कंपनी का 32 करोड़ रुपए से अधिक का बिजली बिल बकाया है, लेकिन इसके बावजूद भी बिजली विभाग उन पर मेहरबान हो रहा है.
किस सरकारी विभाग पर कितना बकाया है
- नगर निगम : 26 करोड़ 80 लाख 76 हजार रुपए
- पुलिस विभाग : 2 करोड़ 21 लाख 50 हजार 205 रुपए
- बीएसएनएल : 70 लाख 11 हजार 35 रुपए
- स्वास्थ्य विभाग : 72 लाख 15 हजार रुपय
- कलेक्ट्रेट कार्यालय : 43 लाख 44 हजार 830 रूपये
- कृषि विभाग : 3 लाख 34 हजार
- स्कूल शिक्षा विभाग : 44 लाख 85 हजार 96 रुपए
- उच्च शिक्षा विभाग : 22 लाख 71 हजार
- चिकित्सा शिक्षा विभाग : 58 लाख 95 हजार
- जल संसाधन विभाग : 8 लाख 60 हजार रुपए
- वन विभाग : 5 लाख 70 हजार 280 रुपए
- पीएचई विभाग : 6 लाख 44 हजार
- राजस्व विभाग : 10 लाख 74 हजार
कुल मिलाकर 15 सरकारी विभागों का 32 करोड़ 36 लाख 49 हजार रुपये विजली का बिल बचा है, जो बिजली विभाग को बसूलना है. इसके बावजूद बिजली विभाग इन पर कार्रवाई करने से बच रहा है.
बिजली विभाग के उप महाप्रबंधक ने दी सफाई
ग्वालियर बिजली विभाग के उप महाप्रबंधक पीके हलेजा ईटीवी भारत को सफाई दी कि समय-समय पर सरकारी विभागों पर भी कार्रवाई होती है. इन को कई बार नोटिस दिया गया है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते कई विभागों के पास पैसे की दिक्कत है. इस वजह से बिल भरने में सक्षम नहीं है. साथ ही कई विभाग ऐसे हैं जिनकी हम बिजली नहीं काट सकते क्योंकि यह सीधे जनता से जुड़े हैं.
कांग्रेस लगाया आम जनता के साथ पक्षपात करने का आरोप
ग्वालियर जिले के 15 सरकारी विभागों पर बकाया बिजली राशि को लेकर कांग्रेस ने ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर और उनके विभाग पर पक्षपात का आरोप लगाया है. कांग्रेस प्रवक्ता आरती सिंह का कहना है, क्या जनता के साथ पक्षपात कर रहे हैं. अगर किसी गरीब व्यक्ति का बिल 2 महीने नहीं आता है तो उसकी लाइट काट दी जाती है, लेकिन सरकारी विभागों पर करोड़ों रुपए बकाया होने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
अभी हाल में ही बिजली बिल वसूलने को लेकर एक व्यक्ति ने की थी आत्महत्या
अभी हाल में ही छतरपुर बिजली बिल को लेकर आत्महत्या की थी, क्योंकी बिजली विभाग ने उस पर कार्रवाई की थी. सुसाइड नोट में लिखा था कि 'मेरे अंग बेचकर बिजली बिल चुकाया जाए'. इससे साबित होता है कि बिजली विभाग आम लोगों पर ही अत्याचार करने में लगा हुआ है, लेकिन सरकारी विभागों पर करोड़ों रुपए वसूली में चुप्पी साधे हुए हैं.
बरहाल सरकारी विभागों पर करोड़ों रुपए का बिजली बिल बकाया है. वह इलाका मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर का गृह नगर है. ऐसे में बिजली विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आखिर विद्युत वितरण कंपनी सरकारी विभागों पर क्यों मेहरबान है.