देवास(Dewas)। जिला अस्पताल (District Hospital) की लापरवाही एक बार फिर देखने को मिली. जहां अस्पताल स्टाफ (Hospital Staff) ने प्रेग्नेंट महिला (Pregnant Woman) को यह कहकर वापस भेज दिया कि अभी डिलीवरी (Delivery) का समय नहीं है. लेकिन जब वह वापस अपने घर के लिए लौटी, तो बीच रास्ते में उसे काफी पीड़ा होने लगी. लिहाजा त्रिलोक नगर में रहवासियों की मदद से महिला ने बीच रास्ते में बच्चे को जन्म दिया. रोड पर साड़ी और चादर से पीड़ित महिला को कवर कर डिलीवरी की गई.
बीच सड़क पर महिला की डिलीवरी
इटावा के शिवाजी नगर में रहने वाली महिला पीपा बाई अपने पति मुकेश के साथ एक दिन पहले जिला अस्पताल पहुंची थी. वह अपने तीसरे बच्चे को जन्म देने के लिए भर्ती हुई थी. महिला को 13 सितंबर को देवास जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वहीं 14 सितंबर को जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला को यह कहकर भेज दिया कि अभी डिलीवरी का समय नहीं आया है. घर वापस लाते वक्त अचानक से महिला को तेज दर्द शुरू हो गया. जहां त्रिलोक नगर में रहवासियों की मदद से बीच सड़क पर पर्दा लगाकर महिला की डिलीवरी की गई. गनीमत रही कि इस दौरान महिला और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है.
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डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के बाद जैसे-तैसे महिला ने बच्चे को जन्म दिया. जिसके बाद महिला के पति मुकेश ने कहा, 'हम गरीब लोग हैं, हमारी कोई सुन नहीं रहा था, आज हमें डॉक्टर ने बोल दिया जाओ छुट्टी कर दी, जिस वजह से बीच रास्ते में ही पत्नी की डिलीवरी करनी पड़ी. अगर कुछ लापरवाही होती तो पत्नी और बच्चे की जान भी जा सकती थी. मेरी प्रशासन से मांग है कि डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई हो'.
मामले की जांच की जाएगी, जिसकी भी वजह से ये लापरवाही हुई है. उस डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
- एमपी शर्मा, सीएमएचओ