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नेमावर हत्याकांड: जांच के लिए CBI की टीम पहली बार पहुंची देवास, घटनास्थल का मुआयना कर लिए सैंपल

मध्यप्रदेश के बहुचर्चित नेमावर हत्याकांड की जांच करने सीबीआई की टीम नेमावर पहुंची. टीम ने साक्ष्य जुटाते हुए घटनास्थल का मुआयना कर सैंपल लिए. बता दें कि आरोपी सुरेंद्र ने अपनी प्रेमिका और उसके पूरे परिवार को एक-एक कर खेत पर बुलाया और मार डाला था. इसके बाद पांच लोगों के शव को खेत में गाड़ दिया था. एमपी का इस सबसे बड़े हत्याकांड को लेकर आंदोलन हुए और अब CBI ने जांच अपने हाथों में लेने के बाद साक्ष्य जुटाने का काम शुरु कर दिया है. (Nemawar murder case Dewas)

Nemawar murder case
CBI की टीम पहली बार पहुंची नेमावर
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Published : May 18, 2022, 1:34 PM IST

देवास। नेमावर में हुए दलित परिवार के जघन्य हत्याकांड की जांच कर रही CBI की टीम पहली बार नेमावर पहुंची. टीम ने सबूत जुटाते हुए घटनास्थल पर खेत से मिट्टी के सैंपल लिए और हर एंगल पर जांच शुरू कर दी है. इस हत्याकांड में CBI ने 9 नामजद आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की थी. आरोपियों ने घटना को इतना शातिर तरीके से अंजाम दिया था कि 2 महीने तक पुलिस परिवार के लापता सदस्यों को ढूंढ नहीं पाई थी.

CBI की टीम पहली बार पहुंची नेमावर

ये था नेमावर हत्याकांड का मामला: 29 जून को देवास के नेमावर में एक खेत से एक ही परिवार के 5 लोगों के कंकाल मिले. कंकाल को खेत के अंदर 10 फीट नीचे गहरे गड्ढे से निकाला गया था. ये कंकाल 13 मई से लापता चल रहे आदिवासी परिवार के सदस्यों के थे. मृतकों में ममता पति मोहनलाल कास्ते उम्र 45 वर्ष, 21 साल की रुपाली पिता मोहनलाल कास्ते, 14 साल की दिव्या पिता मोहनलाल कास्ते, 15 वर्ष पूजा पिता रवि ओसवाल और 14 साल का पवन पिता थे. जब मामले का खुलासा हुआ तो हर कोई हैरान रह गया. छानबीन में पता चला कि इस परिवार की एक युवती रुपाली का आरोपी सुरेन्द्र के साथ प्रेम संबंध था. सुरेन्द्र की कहीं और शादी तय हो गई थी. युवती जब आरोपी पर शादी का दबाव बनाने लगी, तो उसे रास्ते से हटाने के लिए सुरेन्द्र ने युवती सहित उसके परिवार की हत्या कर दी और शवों को खेत में 10 फीट नीचे गाड़ दिया था.

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मामले में अब तक क्या हुआ: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नेमावर हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार के लिए 41 लाख 25 हजार की सहायता राशि का ऐलान किया था. सीएम के निर्देश पर इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) में ले जाया गया, और 9 लोगों को अरोपी बनाते हुए CBI जांच के आदेश हुए. नेमावर हत्या कांड को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी सुरेंद्र सिंह और उसके भाई वीरेंद्र के मकान और दुकानों को प्रशासन ने JCB से ध्वस्त कर दिया था. नेमावर हत्याकांड के आरोपियों को फांसी की सजा की मांग को लेकर आदिवासी संगठनों ने रैलियां निकाली थीं. उन्होंने CBI जांच की मांग की. साथ ही आरोपियों को फांसी देने और मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की थी. (Nemawar murder case) (CBI team reached Nemavar)

देवास। नेमावर में हुए दलित परिवार के जघन्य हत्याकांड की जांच कर रही CBI की टीम पहली बार नेमावर पहुंची. टीम ने सबूत जुटाते हुए घटनास्थल पर खेत से मिट्टी के सैंपल लिए और हर एंगल पर जांच शुरू कर दी है. इस हत्याकांड में CBI ने 9 नामजद आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की थी. आरोपियों ने घटना को इतना शातिर तरीके से अंजाम दिया था कि 2 महीने तक पुलिस परिवार के लापता सदस्यों को ढूंढ नहीं पाई थी.

CBI की टीम पहली बार पहुंची नेमावर

ये था नेमावर हत्याकांड का मामला: 29 जून को देवास के नेमावर में एक खेत से एक ही परिवार के 5 लोगों के कंकाल मिले. कंकाल को खेत के अंदर 10 फीट नीचे गहरे गड्ढे से निकाला गया था. ये कंकाल 13 मई से लापता चल रहे आदिवासी परिवार के सदस्यों के थे. मृतकों में ममता पति मोहनलाल कास्ते उम्र 45 वर्ष, 21 साल की रुपाली पिता मोहनलाल कास्ते, 14 साल की दिव्या पिता मोहनलाल कास्ते, 15 वर्ष पूजा पिता रवि ओसवाल और 14 साल का पवन पिता थे. जब मामले का खुलासा हुआ तो हर कोई हैरान रह गया. छानबीन में पता चला कि इस परिवार की एक युवती रुपाली का आरोपी सुरेन्द्र के साथ प्रेम संबंध था. सुरेन्द्र की कहीं और शादी तय हो गई थी. युवती जब आरोपी पर शादी का दबाव बनाने लगी, तो उसे रास्ते से हटाने के लिए सुरेन्द्र ने युवती सहित उसके परिवार की हत्या कर दी और शवों को खेत में 10 फीट नीचे गाड़ दिया था.

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मामले में अब तक क्या हुआ: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नेमावर हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार के लिए 41 लाख 25 हजार की सहायता राशि का ऐलान किया था. सीएम के निर्देश पर इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) में ले जाया गया, और 9 लोगों को अरोपी बनाते हुए CBI जांच के आदेश हुए. नेमावर हत्या कांड को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी सुरेंद्र सिंह और उसके भाई वीरेंद्र के मकान और दुकानों को प्रशासन ने JCB से ध्वस्त कर दिया था. नेमावर हत्याकांड के आरोपियों को फांसी की सजा की मांग को लेकर आदिवासी संगठनों ने रैलियां निकाली थीं. उन्होंने CBI जांच की मांग की. साथ ही आरोपियों को फांसी देने और मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की थी. (Nemawar murder case) (CBI team reached Nemavar)

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