छिन्दवाड़ा। पेंच टाइगर रिजर्व में 1 हफ्ते के भीतर दूसरे बाघ की मौत का मामला सामने आया है. प्रबंधन ने इसका कारण बाघों की आपसी लड़ाई बताया है. 01 मार्च को भी गश्ती दल को एक मादा शावक का शव, जिसकी आयु लगभग एक वर्ष थी. मृत अवस्था में मिला, पेंच प्रबंधन ने इसका कारण भी बाघों की आपसी लड़ाई बताया था. पेंच टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर ने बताया कि 08 मार्च 2022 को पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी में पेंच मोगली अभयारण्य, परिक्षेत्र कुरई के बीट पश्चिम खामरीठ के कक्ष क्रमांक आर.एफ. 630 में सुबह 9.20 बजे गश्ती दल को एक नर बाघ, आयु लगभग 12 वर्ष मृत अवस्था में मिला. जिसकी सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दी गयी और क्षेत्र की घेराबंदी कर क्षेत्र को सुरक्षित किया गया.
बाघ की मौत पर प्रबंधन का अजीब तर्क
कान्हा टाइगर रिजर्व और पश्चिम वनमण्डल छिंदवाड़ा से डॉग स्क्वाड को बुलाकर आस-पास के वन क्षेत्र का निरीक्षण कराया गया. जिसमें कोई संदिग्ध गतिविध नहीं पाई गई और बाघ के सभी अंग सुरक्षित पाये गये. परीक्षण के दौरान बाघ के दोनों अगले पैरों पर अन्य बाघ के कैनाईन मार्क स्पष्ट रूप से दिखाई दिये, अगले दाहिने पंजे की हड्डी भी टूटी मिली और साथ ही गर्दन पर गंभीर घाव मिले. वन्यप्राणी चिकित्सक और पशु चिकित्सक द्वारा मृत्यु का प्रथम दृष्टया कारण अन्य बाघ से संघर्ष होना बताया गया. शव परीक्षण उपरांत आवश्यक अवयवों को प्रयोगशाला परीक्षण हेतु संरक्षित किया गया. शव परीक्षण के बाद बाघ का अंतिम संस्कार किया गया.
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