छिंदवाड़ा। भले ही जनप्रतिनिधि विकास के लाख दावे करते हो लेकिन जब गांव में विकास नहीं हो रहा है तो जनता भी खुलकर विरोध कर रही है. इसी के नतीजे हैं कि लोग अब वोट डालना तो दूर की बात नामांकन पत्र भी दाखिल नहीं कर रहे हैं. इसकी बानगी देखी गई छिंदवाड़ा के पांढुर्णा में. यहां गुजरखेड़ी ग्राम पंचायत (Gujarkhedi panchayat election boycott) में विकास नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया है. इसके चलते ग्राम पंचायत से किसी ने भी सरपंच और पंच के लिए पर्चा दाखिल नहीं किया. इसलिए इस बार ग्राम पंचायत चुनावों के लिए वोट नहीं डाले जाएंगे. जिसे लेकर प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
सड़क न बनने से नाराज लोग : गुजरखेड़ी ग्राम पंचायत 3 गांवों को मिलाकर बनी है. इस ग्राम पंचायत में गुजरखेड़ी,अम्बाडाखुर्द और जूनापानी गांव में कुल 1266 मतदाता हैं. जिसमें 647 पुरुष और 619 महिला मतदाताओं की संख्या है. लेकिन इस बार यहां पर ग्राम पंचायत चुनाव के लिए वोट नहीं डाले जाएंगे. ग्रामीणों का कहना है कि करीब 15 साल पहले जूनापानी से गुजरखेड़ी तक 5 किलोमीटर सड़क बनी थी. लेकिन उसकी हालत जर्जर हो गई है. लगातार जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों से सड़क की मांग की गई. लेकिन किसी ने ध्यान (No road no vote) नहीं दिया. कई बार प्रशासन को भी चेताया गया लेकिन कोई हल नहीं निकला. आखिरकार ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया.
सड़क नहीं तो वोट नहीं : ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव में सड़क तो मूलभूत जरूरत है. लेकिन दूसरे विकास के काम भी नहीं होते हैं. जब ग्राम पंचायत के माध्यम से विकास काम नहीं होते हैं तो ऐसी सरकार चुनने का क्या फायदा. ग्रामीणों का साफ कहना है कि रोड नहीं तो वोट नहीं. वहीं इस मामले में स्थानीय विधायक नीलेश ऊइके का कहना है कि सड़क पहले बनी थी. लेकिन खराब हो गई है. ग्रामीणों की मांग के चलते प्रस्ताव भेजा गया था और सड़क बनाने के लिए स्वीकृति भी मिल चुकी है लेकिन चुनावी आचार संहिता लगने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया. जैसे ही चुनाव संपन्न होंगे सड़क का काम शुरू हो जाएगा.
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क्या कहना है जिला प्रशासन का : जब ग्राम पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल नहीं हुए हैं तो ऐसे में ग्राम पंचायत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा. इस मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि ऐसी ग्राम पंचायतें जहां पर नामांकन दाखिल नहीं हुए हैं उनकी सूची बनाकर निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी. निर्वाचन आयोग (MP Election Commission) इस मामले में जो भी निर्देश देगा उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. मुख्य चुनाव आयुक्त बीपी सिंह (MP Chief Election Commissioner BP Singh) का कहना है कि पूरे प्रदेश से जब ऐसी पंचायतों की सूची आएगी वहां पर फिर से चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने की कार्रवाई की जा सकती है या फिर संविधान विशेषज्ञों से राय लेकर इसका हल निकाला जाएगा. (chhindwara villagers boycott panchayat elections) (No road no vote in chhindwara)