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CM के गृह जिले में दो दिनों से कंकाल लिये भटक रहे परिजन, मेडिकल कॉलेज-जिला अस्पताल ने नहीं किया पोस्टमार्टम

मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में एक परिवार अपने मृतक सदस्य के कंकाल का पोस्टमार्टम करवाने के लिये भटकता रहा.

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Published : Jun 27, 2019, 6:11 PM IST

दो दिनों से कंकाल लिये भटक रहे परिजन

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में मानवता शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक परिवार मृतक का कंकाल लेकर 2 दिनों से पोस्टमार्टम कराने के लिए अस्पताल के चक्कर काट रहा है. इस घटना को लेकर संवेदनहीन डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.

CM के गृह जिले में दो दिनों से कंकाल लिये भटक रहे परिजन


मामला मुख्यमंत्री के गृह जिले छिंदवाड़ा का है, जहां 12 जून को बैतूल के बिछुआ गांव से साधुराम नाम के लापता युवक का कंकाल चौरई के जंगल में मिला था. पुलिस ने कंकाल का पीएम कराने के लिए परिजनों को मेडिकल कॉलेज भेजा था, लेकिन वहां सुविधायें नहीं होने का हवाला देकर परिजनों को जिला अस्पताल भेज दिया गया, जिला अस्पताल में भी पोस्टमार्टम नहीं किया गया और परिजन कंकाल बॉक्स में लिये भटकते रहे.


जिस जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज को मुख्यमंत्री कमलनाथ विश्वस्तरीय बनाने का दावा करते हैं, वहां पोस्टमार्टम के लिए लोगों को कंकाल लेकर घूमना पड़ रहा है. ये शर्मनाक घटना जन सुविधाओं की पोल खोलने वाली है.

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में मानवता शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक परिवार मृतक का कंकाल लेकर 2 दिनों से पोस्टमार्टम कराने के लिए अस्पताल के चक्कर काट रहा है. इस घटना को लेकर संवेदनहीन डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.

CM के गृह जिले में दो दिनों से कंकाल लिये भटक रहे परिजन


मामला मुख्यमंत्री के गृह जिले छिंदवाड़ा का है, जहां 12 जून को बैतूल के बिछुआ गांव से साधुराम नाम के लापता युवक का कंकाल चौरई के जंगल में मिला था. पुलिस ने कंकाल का पीएम कराने के लिए परिजनों को मेडिकल कॉलेज भेजा था, लेकिन वहां सुविधायें नहीं होने का हवाला देकर परिजनों को जिला अस्पताल भेज दिया गया, जिला अस्पताल में भी पोस्टमार्टम नहीं किया गया और परिजन कंकाल बॉक्स में लिये भटकते रहे.


जिस जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज को मुख्यमंत्री कमलनाथ विश्वस्तरीय बनाने का दावा करते हैं, वहां पोस्टमार्टम के लिए लोगों को कंकाल लेकर घूमना पड़ रहा है. ये शर्मनाक घटना जन सुविधाओं की पोल खोलने वाली है.

Intro:छिन्दवाड़ा। अपने परिजन का कंकाल लेकर 2 दिनों से पीएम कराने के लिए अस्पताल के चक्कर काट रहे परिजन लेकिन संवेदनहीन डॉक्टरों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।
Body:मामला मुख्यमंत्री के गृह जिले छिन्दवाड़ा है जहाँ पर 12 जून से बैतूल के बिछुआ गाँव से साधुराम नामक युवक लापता हुआ था,जिसका कंकाल चौरई के जंगल में मिला था पुलिस ने कंकाल के पीएम के लिए परिजनों को मेडिकल कॉलेज भेजा लेकिन वहाँ सुविधाओं ना होने का हवाला देकर परिजनों को जिला अस्पताल भेजा गया जहाँ पर भी पोस्टमार्टम नहीं किया गया और परिजन बक्से में कंकाल लेकर घूमते रहे।Conclusion:जिस जिले के अस्पताल और मेडिकल कॉलेज को मुख्यमंत्री कमलनाथ विश्वस्तरीय बनाने की बात कर रहे हैं वहाँ पोस्टमार्टम के लिए लोंगो को कंकाल लेकर घूमना पड़ रहा है तो समझिए कि विश्व स्तरीय सुविधा क्या होगी।
बाइट- साधराम,परिजन
बाइट-सुनील धुर्वे,आरक्षक
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