छिंदवाड़ा। मक्का का रिकॉर्ड उत्पादन कर जिले को कॉर्न सिटी (Corn City Chindwada) का तमगा दिलाने वाले किसानों के लिए मक्का की फसल घाटे का सौदा साबित हो रही है. इस साल जिले में मक्का का रकबा ढाई लाख 59 हजार हेक्टेयर में है और 11 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है. यदि समर्थन मूल्य (MSP) पर मक्का की खरीदी नहीं होती है, तो वर्तमान कीमतों के अनुसार किसानों को लगभग 132 करोड़ रुपए का नुकसान भुगतना पड़ेगा.
एमएसपी के बाद भी मध्यप्रदेश सरकार नहीं कर रही खरीदी
केंद्र सरकार के द्वारा मक्के का समर्थन मूल्य 1870 रुपये प्रति क्विंटल (MSP of Maize 1870 Rupees per quintal) घोषित किया गया है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार समर्थन मूल्य पर मक्के की खरीदी करने के लिए पंजीयन ही नहीं करा रही जब पंजीयन ही नहीं होगा तो मक्का समर्थन मूल्य पर कैसे खरीदा जाएगा. किसान संगठनों से लेकर राजनीतिक दल भी लगातार सरकार से मक्के को समर्थन मूल्य पर खरीदी करने के लिए मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने मक्के की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए कोई भी आदेश जारी नहीं किया है.
मक्का की फसल पर सैनिक कीट का प्रकोप, कृषि वैज्ञानिक ने दी बचाव की सलाह
11 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा उत्पादन की उम्मीद
छिंदवाड़ा में मक्का का उत्पादन औसत लगभग 43 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है इस हिसाब से इस साल भी किसानों को लगभग 11 लाख मीट्रिक टन मक्का उत्पादन होने का अनुमान है. जिले में मक्के की कटाई शुरू हो गई है कुछ जगह मक्के की आवक भी शुरू हो गई है. छिंदवाड़ा की स्थानीय कृषि उपज मंडी में मक्के की आवक शुरू हो गई है, न्यूनतम दाम 1,605 और अधिकतम 1,815 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं. इस लिहाज से मक्के के मॉडल भाव 1,730 चल रहा है, जबकि समर्थन मूल्य 1,870 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है. ऐसे में अगर सरकार के द्वारा खरीदी नहीं की जाती है, तो प्रति टन लगभग 1200 का नुकसान होगा इस प्रकार लगभग जिले के किसानों को 132 करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका है.