छिंदवाड़ा। केंद्रीय अर्धसैनिक बल (Central Paramilitary Forces) में कॉन्सटेबल के पद पर भर्ती होने के लिए छात्र जद्दोजहद कर रहे हैं. परीक्षा पास करने के बाद भी करीब 5000 छात्रों को जॉइनिंग नहीं दी गई. इसको लेकर छात्र नागपुर के संविधान चौक से दिल्ली के जंतर-मंतर तक पैदल मार्च कर रहे हैं. छिंदवाड़ा पहुंचे युवाओं में 6 युवतियां और 40 से ज्यादा युवक हैं जो पैदल दिल्ली के लिए निकले हैं. छात्रों का कहना है कि सारी परीक्षाएं पास करने के बाद भी अभी तक उनकी नियुक्ति नहीं की जा रही.
कॉन्स्टेबल की 7,210 भर्तियां निकली थीं: भारत सरकार द्वारा अर्धसैनिक बल के लिए साल 2018 को 7,210 कॉन्स्टेबल की भर्ती निकाली थी. यहां भर्ती पूरे देश में एसएससी स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के तरफ से की गई. 21 जनवरी 2021 को सिलेक्शन हुआ, लेकिन उनके 55,500 लड़के-लड़कियों की नियुक्ति हुई और बचे हुए 5 हजार पद अभी तक भरे नहीं गए. उसी 5,000 पद के लिए पिछले 16 महीने से सैनिक आंदोलन कर रहे हैं.
एक साल दिल्ली के जंतर मंतर पर आंदोलन: नियुक्ति नहीं होने से नाराज छात्र पिछले एक साल से बारिश और कड़ाके की धूप के बीच दिल्ली के जंतर-मंतर पर आंदोलन करते रहे. हर स्तर पर जाकर भर्ती करने की गुहार लगाई. तीन बार संसद भवन में आवाज भी उठाई. फिर भी जॉइनिंग के मुद्दे पर आज तक सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की. छात्रों का कहना है कि जब तक जॉइनिंग नहीं होती तब तक वह आंदोलन करते रहेंगे.
पैरों में पड़ गए छाले, लेकिन पस्त नहीं हुए हौसले: चिलचिलाती धूप में नागपुर से पैदल निकले युवाओं और कई लड़कियों के पैर में छाले पड़ गए हैं. आलम यह है कि इस गर्मी में कई लड़कियों को डायरिया की शिकायत भी हो रही है. लेकिन उनके हौसले कमजोर नहीं हुए. उनका कहना है कि वह अपने हक के लिए लड़ाई कर रही हैं. उनके साथियों को जॉइनिंग दे दी गई है लेकिन उन्हें नहीं. आखिर सरकार दोगला व्यवहार क्यों कर रही है. एक दिन में भी करीब 40 किलोमीटर चल रहे हैं और 1000 से अधिक ज्यादा किलोमीटर पैदल चलकर जंतर मंतर में धरना देंगे.(Students Foot march reached Chhindwara) (Youth started foot march from Nagpur to delhi)