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World Tribal Day 2022: आखिर क्यों मनाया जाता है आदिवासी दिवस? MP में आदिवासी सियासत का बंटवारा, बीजेपी-कांग्रेस के हैं अपने-अपने 'नायक'

विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day 2022) हर साल नौ अगस्त को मनाया जाता है. आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस दिन को पूरी दुनिया में त्योहार के रूप में मनाया जाता है. MP में कौन-कौन से आदिवासी समुदाय निवास करते हैं, जानने के लिए पढ़े पूरी रिपोर्ट....

World Tribal Day 2022
विश्व आदिवासी दिवस 2022
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Published : Aug 9, 2022, 8:58 AM IST

भोपाल। हर साल नौ अगस्त को आदिवासी समुदाय द्वारा विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस दिन को मनाया जाता है. दुनियाभर में आदिवासियों की 5 हजार तरह के आदिवासी समुदाय है. माना जाता है कि दुनियाभर में आदिवासियों की जनसंख्या 37 करोड़ से ज्यादा है.

क्या है विश्व आदिवासी दिवस का इतिहास? : दुनियाभर में आदिवासी समूह बेरोजगारी, बाल श्रम और अन्य समस्याओं का शिकार हो रहे थे. इसलिए संयुक्त राष्ट्र को आदिवासियों के हालात देखकर UNWGIP (स्वदेशी जनसंख्या पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह) संगठन बनाने की आवश्यकता पड़ी. दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पहली बार अंतरराष्ट्रीय जनजातीय दिवस मनाने का निर्णय लिया गया और साल 1982 में स्वदेशी जनसंख्या पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की पहली बैठक के दिन को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाने के लिए चिह्नित किया गया.

  • विश्व आदिवासी दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ।

    आदिवासी वर्ग हमारी वन संपदा और पर्यावरण के प्रथम प्रहरी के रूप में सदैव जाने जाते है।

    आदिवासी वर्ग के उत्थान और उन्हें उनका हक़ दिलाने के लिये कांग्रेस सदैव संकल्पित रही है।

    pic.twitter.com/Q8Te8UK4dc

    — Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 9, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भारत में जनजातियां: भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत भारत में जनजातीय समुदायों को मान्यता दी गई है. इसलिए संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त जनजातियों को 'अनुसूचित जनजाति' के रूप में जाना जाता है. भारत में लगभाग 645 प्रकार की अलग-अलग जनजातियां हैं. देश के हर राज्य में आदिवासियों की अलग-अलग जनजातियां पाई जाती है.

मध्य प्रदेश की जनजातियां: 2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में आदिवासियों की जनसंख्या प्रदेश की कुल आबादी की 20 फीसदी है. आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में आदिवासी समुदाय के डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग निवास करते हैं. मध्य प्रदेश में 43 प्रकार के आदिवासी समूह निवास करते हैं. मध्य प्रदेश में भील भिलाला आदिवासी समूह की जनसंख्या 60 लाख से ज्यादा है, वहीं गोंड समुदाय के आदिवासियों की जनसंख्या भी 60 लाख से ज्यादा है. भील-भिलाला, गोंड के अलावा मध्य प्रदेश में कोलस कोरकू सहरिया आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं.

आदिवासियों को लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने: मध्य प्रदेश में 2 करोड़ आबादी वाले आदिवासियों (Tribal) को लुभाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस इन दिनों आमने-सामने है. हाल ही में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) पर एमपी सरकार (MP Government) ने छुट्टी का ऐलान नहीं किया, तो कांग्रेस ने बीजेपी पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाकर खूब माहौल बनाया. लेकिन शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा (Birsa Munda) के नाम पर जनजाति गौरव दिवस मनाने का ऐलान किया है.

World Tribal Day: झारखंड की सत्ता में रहकर भी धरती पुत्र के सपने हैं अधूरे, जानिए क्या है वजह

100 विधानसभा सीटों पर आदिवासियों का प्रभाव:आदिवासियों में खासी पकड़ रखने वाले पूर्व मंत्री बाला बच्चन (Bala Bachchan) ने कमलनाथ (kamalnath) के सीएम रहते हुए उन्हें एक रिपोर्ट सौपीं थी. जिसमें बताया गया कि प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर 39 प्रतिशत से ज्यादा आबादी आदिवासियों की है. इसी रिपार्ट को देखते हुए सीएम कमलनाथ ने 9 अगस्त को आदिवासी दिवस पर छुट्टी दिए जाने का ऐलान किया था. शिवराज सरकार के आते ही आदिवासी दिवस के सार्वजनिक अवकाश को ऐच्छिक अवकाश में बदल दिया गया.

कमलनाथ ने की थी छुट्टी की मांग: इस साल आदिवासी दिवस से पहले कमलनाथ ने आदिवासी दिवस पर छुट्टी दिए जाने के लिए शिवराज सरकार पर दवाब बनाया था. छुट्टी का ऐलान नहीं होने पर कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाते हुए सरकार पर आदिवासी विरोधी होने के आरोप लगाए. आदिवासियों में अपनी छवि खराब होते देख शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी दिवस मनाने की नई तारीख ही घोषित कर दी थी.

बिरसा मुंडा की जंयती पर छुट्टी की घोषणा: शिवराज सरकार ने 9 अगस्त को आदिवासी दिवस के मौके पर छुट्टी का ऐलान तो नहीं किया, लेकिन 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजाति गौरव दिवस मनाने और शासकीय छुट्टी होने का ऐलान कर दिया. बीजेपी का दावा है कि यह अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस नहीं है, कांग्रेस प्रोपेगेंडा करती है.

कांग्रेस ने की आदिवासी अधिकार यात्रा की शुरुआत: इधर कांग्रेस ने भी आदिवासियों को रिझाने के लिए आदिवासी अधिकार यात्रा की शुरुआत कर दी है. कमलनाथ ने निमाड़ में बड़वानी में टंट्या मामा भील के स्थान से इस यात्रा की शुरुआत की, तो दूसरी तरह बीजेपी महाकौशल इलाक के क्रांतिकारी शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर कार्यक्रम आदिवासियों में पैठ बनाने की कोशिश में है. यानी बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने आदिवासी बांट लिए हैं.

कांग्रेस के भीमा नायक, बीजेपी के बिरसा मुंडा! : कांग्रेस नेताओं के भाषणों में भीमा नायक जैसे आदिवासी क्रांतिवीरों के नाम पहले आते हैं, तो बीजेपी नेताओं को भाषण में बिरसा मुंडा और शंकर शाह, रघुनाथ जैसे आदिवासी क्रांतिवीरों के नाम पहले आते हैं.

एमपी में 24% आबादी है आदिवासी: मध्य प्रदेश में आदिवासी वोट बैंक एक बड़ा वोट बैंक माना जाता है. प्रदेश में 47 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है. इसके अलावा प्रदेश की कुल आबादी में से 24 फीसदी आबादी आदिवासियों की है. आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश की एक लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव है. इसमें से खंडवा लोकसभा सीट और जोबट विधानसभा सीटों पर आदिवासी वोटर्स की बहुलता है. ऐसे में इन सीटों पर दोनों ही पार्टी फायदा उठाने की जुगत में लगी हुई है.

भोपाल। हर साल नौ अगस्त को आदिवासी समुदाय द्वारा विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस दिन को मनाया जाता है. दुनियाभर में आदिवासियों की 5 हजार तरह के आदिवासी समुदाय है. माना जाता है कि दुनियाभर में आदिवासियों की जनसंख्या 37 करोड़ से ज्यादा है.

क्या है विश्व आदिवासी दिवस का इतिहास? : दुनियाभर में आदिवासी समूह बेरोजगारी, बाल श्रम और अन्य समस्याओं का शिकार हो रहे थे. इसलिए संयुक्त राष्ट्र को आदिवासियों के हालात देखकर UNWGIP (स्वदेशी जनसंख्या पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह) संगठन बनाने की आवश्यकता पड़ी. दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पहली बार अंतरराष्ट्रीय जनजातीय दिवस मनाने का निर्णय लिया गया और साल 1982 में स्वदेशी जनसंख्या पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की पहली बैठक के दिन को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाने के लिए चिह्नित किया गया.

  • विश्व आदिवासी दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ।

    आदिवासी वर्ग हमारी वन संपदा और पर्यावरण के प्रथम प्रहरी के रूप में सदैव जाने जाते है।

    आदिवासी वर्ग के उत्थान और उन्हें उनका हक़ दिलाने के लिये कांग्रेस सदैव संकल्पित रही है।

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भारत में जनजातियां: भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत भारत में जनजातीय समुदायों को मान्यता दी गई है. इसलिए संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त जनजातियों को 'अनुसूचित जनजाति' के रूप में जाना जाता है. भारत में लगभाग 645 प्रकार की अलग-अलग जनजातियां हैं. देश के हर राज्य में आदिवासियों की अलग-अलग जनजातियां पाई जाती है.

मध्य प्रदेश की जनजातियां: 2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में आदिवासियों की जनसंख्या प्रदेश की कुल आबादी की 20 फीसदी है. आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में आदिवासी समुदाय के डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग निवास करते हैं. मध्य प्रदेश में 43 प्रकार के आदिवासी समूह निवास करते हैं. मध्य प्रदेश में भील भिलाला आदिवासी समूह की जनसंख्या 60 लाख से ज्यादा है, वहीं गोंड समुदाय के आदिवासियों की जनसंख्या भी 60 लाख से ज्यादा है. भील-भिलाला, गोंड के अलावा मध्य प्रदेश में कोलस कोरकू सहरिया आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं.

आदिवासियों को लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने: मध्य प्रदेश में 2 करोड़ आबादी वाले आदिवासियों (Tribal) को लुभाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस इन दिनों आमने-सामने है. हाल ही में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) पर एमपी सरकार (MP Government) ने छुट्टी का ऐलान नहीं किया, तो कांग्रेस ने बीजेपी पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाकर खूब माहौल बनाया. लेकिन शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा (Birsa Munda) के नाम पर जनजाति गौरव दिवस मनाने का ऐलान किया है.

World Tribal Day: झारखंड की सत्ता में रहकर भी धरती पुत्र के सपने हैं अधूरे, जानिए क्या है वजह

100 विधानसभा सीटों पर आदिवासियों का प्रभाव:आदिवासियों में खासी पकड़ रखने वाले पूर्व मंत्री बाला बच्चन (Bala Bachchan) ने कमलनाथ (kamalnath) के सीएम रहते हुए उन्हें एक रिपोर्ट सौपीं थी. जिसमें बताया गया कि प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर 39 प्रतिशत से ज्यादा आबादी आदिवासियों की है. इसी रिपार्ट को देखते हुए सीएम कमलनाथ ने 9 अगस्त को आदिवासी दिवस पर छुट्टी दिए जाने का ऐलान किया था. शिवराज सरकार के आते ही आदिवासी दिवस के सार्वजनिक अवकाश को ऐच्छिक अवकाश में बदल दिया गया.

कमलनाथ ने की थी छुट्टी की मांग: इस साल आदिवासी दिवस से पहले कमलनाथ ने आदिवासी दिवस पर छुट्टी दिए जाने के लिए शिवराज सरकार पर दवाब बनाया था. छुट्टी का ऐलान नहीं होने पर कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाते हुए सरकार पर आदिवासी विरोधी होने के आरोप लगाए. आदिवासियों में अपनी छवि खराब होते देख शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी दिवस मनाने की नई तारीख ही घोषित कर दी थी.

बिरसा मुंडा की जंयती पर छुट्टी की घोषणा: शिवराज सरकार ने 9 अगस्त को आदिवासी दिवस के मौके पर छुट्टी का ऐलान तो नहीं किया, लेकिन 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजाति गौरव दिवस मनाने और शासकीय छुट्टी होने का ऐलान कर दिया. बीजेपी का दावा है कि यह अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस नहीं है, कांग्रेस प्रोपेगेंडा करती है.

कांग्रेस ने की आदिवासी अधिकार यात्रा की शुरुआत: इधर कांग्रेस ने भी आदिवासियों को रिझाने के लिए आदिवासी अधिकार यात्रा की शुरुआत कर दी है. कमलनाथ ने निमाड़ में बड़वानी में टंट्या मामा भील के स्थान से इस यात्रा की शुरुआत की, तो दूसरी तरह बीजेपी महाकौशल इलाक के क्रांतिकारी शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर कार्यक्रम आदिवासियों में पैठ बनाने की कोशिश में है. यानी बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने आदिवासी बांट लिए हैं.

कांग्रेस के भीमा नायक, बीजेपी के बिरसा मुंडा! : कांग्रेस नेताओं के भाषणों में भीमा नायक जैसे आदिवासी क्रांतिवीरों के नाम पहले आते हैं, तो बीजेपी नेताओं को भाषण में बिरसा मुंडा और शंकर शाह, रघुनाथ जैसे आदिवासी क्रांतिवीरों के नाम पहले आते हैं.

एमपी में 24% आबादी है आदिवासी: मध्य प्रदेश में आदिवासी वोट बैंक एक बड़ा वोट बैंक माना जाता है. प्रदेश में 47 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है. इसके अलावा प्रदेश की कुल आबादी में से 24 फीसदी आबादी आदिवासियों की है. आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश की एक लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव है. इसमें से खंडवा लोकसभा सीट और जोबट विधानसभा सीटों पर आदिवासी वोटर्स की बहुलता है. ऐसे में इन सीटों पर दोनों ही पार्टी फायदा उठाने की जुगत में लगी हुई है.

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