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World No Tobacco Day : कुछ ने किया 'तौबा' तो कुछ ने कहा- हम नहीं सुधरेंगे

कोरोना काल में डॉक्टर लगातार लोगों को समझा रहे हैं कि तंबाकू से हमारे शरीर की इम्यूनिटी कम होती है और हम इस महामारी के शिकार हो जाते हैं, बावजूद इसके नशे के लत में युवाओं ने अपने स्वास्थ्य को दर किनार कर दिया है. शहर हो या गांव सभी जगह युवा नशे के मकड़ जाल में फंसे हुए हैं.

World No Tobacco Day
विश्व तंबाकू निषेध दिवस
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Published : May 31, 2021, 6:09 AM IST

Updated : May 31, 2021, 7:49 AM IST

भोपाल। इन दिनों ज्यादातर युवा नशे को स्टेटस सिंबल समझते हैं. वह नशे में इस कदर डूबे हुए हैं कि डॉक्टर और सरकार की तमाम चेतावनी का उन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर एक बार फिर युवाओं में घुलते नशे पर चर्चा तो जरूर हो रही है, लेकिन खुद युवा इससे बाहर नहीं निकलना चाहते हैं.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस

कोरोना काल में डॉक्टर लगातार लोगों को समझा रहे हैं कि तंबाकू से हमारे शरीर की इम्यूनिटी कम होती है और हम इस महामारी के शिकार हो जाते हैं, बावजूद इसके नशे के लत में युवाओं ने अपने स्वास्थ्य को दर किनार कर दिया है. शहर हो या गांव सभी जगह युवा नशे के मकड़ जाल में फंसे हुए हैं.

युवतियां भी अब पीछे नहीं

तंबाकू और धूम्रपान की चपेट में अब लड़कों के साथ लड़कियां भी बड़ी संख्या में शामिल हैं. इस मामले में लड़कियां पीछे नहीं हैं. उन पर डॉक्टर की समझाइश और चेतावनी का असर बिल्कुल नजर नहीं आता. भोपाल में रहकर पढ़ाई करने वालीं कुछ युवतियों का कहना है कि आज के समय में लड़का और लड़की दोनों बराबर है. पहले का समय था जब स्मोकिंग करना बेकार माना जाता था और स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को गलत ही समझा जाता था, लेकिन आज के समय में हर क्लब पब और पार्टी में महिलाएं सिगरेट के साथ ही वाइन भी पीती हैं, जो आम बात हो गई है. आज के समय में यह स्टेटस सिंबल भी है. उनका कहना है कि वे अपनी मर्जी की मालिक हैं।

डॉक्टर का क्या कहना है

कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्याम अग्रवाल बताते हैं कि धूम्रपान और गुटके की गिरफ्त में देश के 70 फीसदी से अधिक युवा हैं. तंबाकू कैंसर का प्रमुख कारण तो है ही कोरोना के खिलाफ जंग को भी कमजोर कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, तंबाकू को किसी भी रूप में लेने पर इम्यूनिटी तेजी से घट जाती है. ऐसे वक्त में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से कोरोना आसानी से अपना शिकार बना सकता है.

World No Tobacco Day: समय की मांग, तंबाकू के विनाशकारी प्रभाव से दूर रहें लोग

दरअसल, तंबाकू सेवन करने वालों के शरीर में एंटीबॉडी बनना बंद हो जाती है, इसे खाकर थूकने से एरोसॉल के जरिए भी कोरोना संक्रमण का खतरा है, इसीलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर प्रतिबंध लगा दिया. ताजा शोध में यह भी पता चला है कि धूम्रपान करने वाले लोगों में कोरोना से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में कैंसर के साथ-साथ कोरोना से जंग जीतने के लिए भी तंबाकू और धूम्रपान छोड़ दें, इससे आपकी सेहत को वरदान मिलेगा, क्योंकि देखा गया है कि स्मोकिंग करते समय युवा मास्क को हटा देते हैं और आसपास के संक्रमण से घिर जाते हैं.

World No Tobacco Day 2021: जानिए इससे जुड़ी 10 विशेष बातें

गुटखा खाने से किया तौबा

35 साल के फहीम भोपाल में ऑटो चलाने का काम करते हैं. इनके परिवार में इनके एक भाई के अलावा सिर्फ मां हैं. पिता का देहांत बहुत पहले हो चुका है. ऐसे में फहीम की कमाई पर ही घर का गुजर-बसर होता था।. फहीम को बचपन से ही गुटखा खाने का शौक था और 2 साल पहले वह कैंसर के शिकार हो गए. जितनी पूंजी कमाई थी वह सारी इलाज में लग गई. ऑपरेशन के बाद फहीम ठीक हैं और अब गुटखा खाने से सीधे तौबा करते हैं.

भोपाल। इन दिनों ज्यादातर युवा नशे को स्टेटस सिंबल समझते हैं. वह नशे में इस कदर डूबे हुए हैं कि डॉक्टर और सरकार की तमाम चेतावनी का उन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर एक बार फिर युवाओं में घुलते नशे पर चर्चा तो जरूर हो रही है, लेकिन खुद युवा इससे बाहर नहीं निकलना चाहते हैं.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस

कोरोना काल में डॉक्टर लगातार लोगों को समझा रहे हैं कि तंबाकू से हमारे शरीर की इम्यूनिटी कम होती है और हम इस महामारी के शिकार हो जाते हैं, बावजूद इसके नशे के लत में युवाओं ने अपने स्वास्थ्य को दर किनार कर दिया है. शहर हो या गांव सभी जगह युवा नशे के मकड़ जाल में फंसे हुए हैं.

युवतियां भी अब पीछे नहीं

तंबाकू और धूम्रपान की चपेट में अब लड़कों के साथ लड़कियां भी बड़ी संख्या में शामिल हैं. इस मामले में लड़कियां पीछे नहीं हैं. उन पर डॉक्टर की समझाइश और चेतावनी का असर बिल्कुल नजर नहीं आता. भोपाल में रहकर पढ़ाई करने वालीं कुछ युवतियों का कहना है कि आज के समय में लड़का और लड़की दोनों बराबर है. पहले का समय था जब स्मोकिंग करना बेकार माना जाता था और स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को गलत ही समझा जाता था, लेकिन आज के समय में हर क्लब पब और पार्टी में महिलाएं सिगरेट के साथ ही वाइन भी पीती हैं, जो आम बात हो गई है. आज के समय में यह स्टेटस सिंबल भी है. उनका कहना है कि वे अपनी मर्जी की मालिक हैं।

डॉक्टर का क्या कहना है

कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्याम अग्रवाल बताते हैं कि धूम्रपान और गुटके की गिरफ्त में देश के 70 फीसदी से अधिक युवा हैं. तंबाकू कैंसर का प्रमुख कारण तो है ही कोरोना के खिलाफ जंग को भी कमजोर कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, तंबाकू को किसी भी रूप में लेने पर इम्यूनिटी तेजी से घट जाती है. ऐसे वक्त में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से कोरोना आसानी से अपना शिकार बना सकता है.

World No Tobacco Day: समय की मांग, तंबाकू के विनाशकारी प्रभाव से दूर रहें लोग

दरअसल, तंबाकू सेवन करने वालों के शरीर में एंटीबॉडी बनना बंद हो जाती है, इसे खाकर थूकने से एरोसॉल के जरिए भी कोरोना संक्रमण का खतरा है, इसीलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर प्रतिबंध लगा दिया. ताजा शोध में यह भी पता चला है कि धूम्रपान करने वाले लोगों में कोरोना से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में कैंसर के साथ-साथ कोरोना से जंग जीतने के लिए भी तंबाकू और धूम्रपान छोड़ दें, इससे आपकी सेहत को वरदान मिलेगा, क्योंकि देखा गया है कि स्मोकिंग करते समय युवा मास्क को हटा देते हैं और आसपास के संक्रमण से घिर जाते हैं.

World No Tobacco Day 2021: जानिए इससे जुड़ी 10 विशेष बातें

गुटखा खाने से किया तौबा

35 साल के फहीम भोपाल में ऑटो चलाने का काम करते हैं. इनके परिवार में इनके एक भाई के अलावा सिर्फ मां हैं. पिता का देहांत बहुत पहले हो चुका है. ऐसे में फहीम की कमाई पर ही घर का गुजर-बसर होता था।. फहीम को बचपन से ही गुटखा खाने का शौक था और 2 साल पहले वह कैंसर के शिकार हो गए. जितनी पूंजी कमाई थी वह सारी इलाज में लग गई. ऑपरेशन के बाद फहीम ठीक हैं और अब गुटखा खाने से सीधे तौबा करते हैं.

Last Updated : May 31, 2021, 7:49 AM IST
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