भोपाल। राजधानी भोपाल में घरेलू हिंसा, तलाकशुदा और ज्यादती की शिकार महिलाएं अब शहर में ई-रिक्शा चलाती हुए नजर आएंगी. जिनके लिए 'गौरवी सखी वन स्टॉप संस्थान' आशा की नई किरण लेकर आया है. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार दिलाने के लिए यह संस्था ऐसी महिलाओं को ई-रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग दे रहा है. जो किसी न किसी वजह से परेशान हैं.
गौरवी संस्थान इन महिलाओं को ई-रिक्शा सिखाकर, लाइसेंस और परमिट भी बनाकर देंगा. इतना ही नहीं इन महिलाओं के नाम से ही इनका रिक्शा फाइनेंस करवाया जाएगा. ताकि इन महिलाओं को अपनी आगे की जिंदगी गुजराने में किसी प्रकार की परेशानियों का समाना ना करना पड़े, वे अपने और अपने परिवार की देखभाल कर सकें.
ई-रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग ले रही, इन महिलाओं की दास्तां दर्द भरी है. जिनमें किसी को उसके पति ने छोड़ दिया. तो किसी को परिवार से निकाल दिया गया है. कोई घरेलू हिंसा की शिकार है. इन महिलाओं ने अपनी परेशानी बताते हुए गौरवी समाज सेवा संस्थान का आभार जताते हुए कहा कि, ये संस्था हमें अपने दम पर कुछ करने का हौसला दिला रही है.
महिलाओं को ई-रिक्शा चलाना सिखा रही पूनम ने बताया कि, ये महिलाएं तेजी से रिक्शा चलाना सीख रही हैं. जो जल्द ही राजधानी की सड़कों पर भी ई-रिक्शा दौड़ते हुए नजर आएंगी. गौरवी संस्था की वजह से ये महिलाएं जल्द ही अपने जीवन की नई शुरुआत करेंगी. जिनकी खुद की अपनी एक पहचान होगी, नाम होगा. जो आगे चलकर अन्य महिलाओं के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकेंगी, कि जिंदगी रुकने का नहीं चलते रहने का नाम है.