भोपाल। एम्स भोपाल (Bhopal AIIMS) में अब ₹50 से कम की जांचे फ्री में होंगी. जिसके चलते अस्पताल प्रबंधन पर साल भर में 8 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेग. भोपाल एम्स के प्रेसिडेंट वाई.के. गुप्ता ने यह जानकारी दी. दिल्ली से 1 दिन के दौरे पर भोपाल एम्स आए गुप्ता ने बताया कि सीनियर सिटीजन के लिए वॉलिंटियर्स रखे जा रहे हैं. अति आवश्यक दवाओं की नई लिस्ट भी केंद्र जल्द जारी करने वाला है. वाई.के. गुप्ता से खास बातचीत की संवाददाता आदर्श चौरसिया ने.
AIIMS भोपाल में 50 रु तक की जांच फ्री
रिसर्च के मामले में भोपाल एम्स अब दूसरे नंबर पर आ गया है. केंद्र की ओर से आए भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) के प्रेसिडेंट वाई.के. गुप्ता ने एम्स का निरीक्षण किया. गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि निरीक्षण के दौरान उनको जो समस्याएं मिली है, उनका जल्द समाधान किया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि अब जल्द ही ₹50 से कम की जांचें एम्स भोपाल में मुफ्त की जाएंगी. इसके चलते एम्स भोपाल पर 8 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आएगा. गुप्ता ने बताया कि बुजुर्ग और सीनियर सिटीजंस के लिए अब अलग से सोशल वर्कर रखे जा रहे हैं. जो उन्हें लाइन में लगाने और ले जाने में मदद करेंगे. साथ ही ओपीडी में रजिस्ट्रेशन का समय भी अब बढ़ाया जा रहा है. अतिरिक्त काउंटरों की व्यवस्था भी की जाएगी.
वाई.के गुप्ता ने बताया कि साथ ही एम्स भोपाल (Bhopal AIIMS) अब जल्द ही स्कूल ऑफ पैरामेडिकल शुरू करने जा रहा है. जिसके माध्यम से स्टूडेंट्स को फायदा होगा और उन्हें डिग्रियां भी जल्द मिल जाएंगी..
एम्स के डायरेक्टर सरमन सिंह ने बताया कि जल्द ही आयुर्वेदिक दवाओं पर भी रिसर्च करने जा रहा है. रिसर्च के मामले में बेहतर काम एम्स भोपाल कर रहा है. अब एम्स भोपाल में लगभग 24 OT चालू किए जा चुके हैं. इनमें ऑपरेशन हो रहे हैं. कुछ में कम तो कुछ में ज्यादा.
कोविड के दौरान मौतें
करोना की फर्स्ट वेव और सेकंड वेव के दौरान कितनी मौतें हुई. इसको लेकर एम्स के डॉक्टरों का कहना था कि दोनों वेव के दौरान लगभग 911 मौतें एम्स भोपाल में कोविड के कारण हुई हैं. इसमें अट्ठारह सौ मरीज ओपीडी में आए थे. 26 सौ मरीज एडमिट हुए थे. कुल 20 हजार से अधिक मरीज ओपीडी में शामिल थे. जिनमें से दोनों वेव में कुल मिलाकर 911 लोगों की मौत हुई है.