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UP Election 2022: CM शिवराज ने 18 सीटों पर किया प्रचार, बीजेपी सिर्फ 8 में जीती, मप्र की सियासत पर क्या पड़ेगा असर ... पढ़ें पूरा विश्लेषण

हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से चार में बीजेपी ने एकतरफा विजय पताका फहराकर विपक्षी दलों के होश फाख्ता कर दिए हैं. मध्यप्रदेश बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने भी इन चुनावों में जमकर प्रचार किया. विशेषकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यूपी, उत्तराखंड के अलावा गोवा में चुनाव प्रचार किया. इन तीन राज्यों की कुल 18 विधानसभा सीटों पर सीएम शिवराज ने प्रचार किया. इनमें से भाजपा को केवल 8 सीटों पर जीत मिली. इसको लेकर मध्यप्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस सीएम शिवराज पर हमलावर हो गई है. यहां हम बताएंगे कि सीएम शिवराज के प्रचार वाली एक-एक सीट में क्या परिदृश्य रहा. इसका मध्यप्रदेश की सियासत पर कितना असर होगा.

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Published : Mar 11, 2022, 7:04 PM IST

assembly election 18 rally of cm shivraj
मप्र की सियासत

भोपाल। पांच राज्यों में से 4 में बंपर जीत के बाद बीजेपी में जोश और उत्साह का माहौल है. बीजेपी अब लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को अपनी झोली में करने की तैयारी में जुट गई. लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गुजरात आदि राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. मध्यप्रदेश में बीजेपी काफी हद तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निर्भर है. सीएम शिवराज मध्यप्रदेश में 15 से अधिक सालों से सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. जाहिर है वही इस बार भी मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से मुख्य चेहरा होंगे. सीएम शिवराज ने हाल के विधासनभा चुनावों में यूपी, उत्तराखंड के अलावा गोवा में चुनाव प्रचार किया. उन्होंने कुल 18 विधानसभा सीटों पर प्रचार किया. लेकिन बीजेपी की एकतरफा जीत के बाद भी इन 18 में से केवल 8 सीटों पर जीत हासिल कर सकी.

सीएम शिवराज ने कहां- कहां चुनाव प्रचार किया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उत्तर प्रदेश में घोसी, सिकंदरपुर, हाटा, मुंगरा बादशाहपुर, जफराबाद, मधुबन, देवरिया, जखनिया और अकबरपुर. उत्तराखंड में हल्दवानी, हरिद्वार ग्रामीण, ज्वालापुर, लालकुआ, लोहाघाट, काशीपुर, थराली, पुरालो, धानोल्टी व बाजपुर और गोवा में डाबोलिम व कार्टलिम जैसी प्रमुख विधानसभा सीटों पर प्रचार करने पहुंचे थे.

यूपी की घोसी सीट पर बीजेपी की करारी हार
बीजेपी के स्टार प्रचारक शिवराज सिंह चौहान ने यूपी में बीजेपी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने के लिए चुनावी रैलियां की. मऊ जिले की घोसी सीट पर समाजवादी पार्टी की जीत हुई. इस सीट पर सपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान ने जीत दर्ज की. दारा सिंह चौहान को 1 लाख 08 हजार 430 वोट मिले. वहीं बीजेपी के विजय कुमार राजभर को 86214 वोट मिले.

योगी की राह पर शिवराज: पहली बार दिया हार्डकोर हिंदुत्व की ओर बढ़ने का संकेत, लगाये जय श्रीराम के नारे

मघुबन सीट पर बीजेपी तो जाफराबाद पर सपा गंठबंधन जीता
मधुबन विधानसभा सीट से बीजेपी नेता रामबिलास चौहान ने 4109 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के उमेश पांडेय को हराया. रामबिलास चौहान को 31104 मत मिले, जबकि उमेश पांडेय को 26995 मत मिले. जौनपुर की जफराबाद विधानसभा सीट से सुभासपा से पूर्व मंत्री और लगातार तीन बार विधायक रहे जगदीश नारायण ने भाजपा के डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह को 6292 वोटों से हराया दिया है. जगदीश नारायण को 90620 वोट मिले हैं. वहीं भाजपा के डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह को 84328 वोट मिले.

रामपुरा खारखाना सीट पर बीजेपी जीती तो मुंगरा बादशाहपुरा में सपा
रामपुर कारखाना विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुरेंद्र चौरसिया जीते. इस सीट पर सुरेंद्र 14670 वोटों से जीते हैं. सुरेंद्र को 90742 वोट मिले हैं. वहीं सपा उम्मीदवार गजाला लारी को 76072 वोट मिले हैं. जौनपुर की मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा सीट से सपा के पंकज ने भाजपा के अजय शंकर दुबे को हरा दिया है. सपा नेता पंकज ने इस सीट पर 5230 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. पंकज को 92048 मत मिले जबकि बीजेपी के अजय शंकर दुबे को 86818 मत मिले.

सिंधिया के हाथ में है सीएम शिवराज का रिमोट कंट्रोल, वीडियो में देखें क्या है मामला ?

सीएम शिवराज जिन प्रमुख सीटों पर गए, वहां इस प्रकार रहे चुनाव परिणाम

उत्तर प्रदेशः-

  1. मधुबनः भाजपा
  2. देवरियाः भाजपा
  3. जखरियाः अन्य
  4. अकबरपुरः सपा
  5. धोसीः सपा
  6. सिकंदरपुरः सपा
  7. हाटाः भाजपा
  8. मुंगरा बादशाहपुरः भाजपा
  9. जफराबादः अन्य

उत्तराखंडः-

  1. लालकुआः भाजपा
  2. लोहाघाटः भाजपा
  3. काशीपुरः भाजपा
  4. बाजपुरः कांग्रेस
  5. हरिद्वार ग्रामीणः कांग्रेस
  6. ज्वालापुरः कांग्रेस
  7. हल्दवानीः कांग्रेस

गोवाः-

  1. डाबेलिमः भाजपा
  2. कार्टलिमः अन्य

सिंधिया को सीएम बनने का आशीर्वाद, क्या एमपी की जनता चाहती है यह बदलाव ?

एमपी में अगले साल चुनाव, सीएम शिवराज की साख दांव पर
मध्यप्रदेश में बीते 15 से अधिक सालों से मुख्यमंत्री पद संभाल रहे शिवराज सिंह चौहान की अगले साल अग्निपरीक्षा होगी. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सीएम शिवराज ही बीजेपी का मुख्य चेहरा होंगे. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सामने पस्त हुई भाजपा सरकार बनाने में नाकाम रही थी. करीब डेढ़ साल बाद ही भाजपा नेताओं ने कांग्रेस में तोड़-फोड़ कर फिर से अपनी सरकार बना ली थी. कांग्रेस से नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी टीम लेकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. तब से मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार काबिज है. अगले साल होने वाले चुनाव में सीएम शिवराज की साख दांव पर होगी.

मध्यप्रदेश में बीजेपी को कितनी टक्कर देगी कांग्रेस
अगले साल मध्यप्रदेश में होने वाले चुनाव को लेकर बीजेपी व कांग्रेस अपने-अपने दावे करती रहती है. गत विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने से कांग्रेस का उत्साहित होना स्वाभाविक है. उस समय कमलनाथ व सिंधिया की जोड़ी ने कमाल दिखाकर बीजेपी को सत्ता से हटा दिया था. लेकिन अब सियासी हालात बदले हुए हैं. सिंधिया अब प्रदेश बीजेपी का प्रमुख चेहरा हैं. सिंधिया गुट के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस की ताकत कमजोर पड़ चुकी है. इसके साथ ही प्रदेश में कांग्रेस संगठन मृतशैय्या पर पड़ा है. सभी जिलों में कांग्रेस संगठन नाम के लिए है. कांग्रेस कार्यकर्ता हताश और निराश हैं. कमलनाथ अपने पास विपक्ष के नेता का पद रखे हैं और वही प्रदेशाध्यक्ष भी हैं. पार्टी में सामंजस्य नाम की चीज नहीं है. ऊपर से गुटबाजी व असंतोष व्यापक स्तर पर है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार ने नेताओं को और हताश कर दिया है. इन हालातों में बड़ा सवाल यह है कि बेहद मजबूत संगठन वाली बीजेपी से कैसे मुकाबला करेगी.

सीएम शिवराज की राह में रोड़ा बन सकते हैं सिंधिया
इसमें कोई शक नहीं कि सीएम शिवराज को सियासी पटकनी देना बेहद कठिन है. गत विधासनभा चुनाव में कांग्रेस से पराजित होने के बाद बीजेपी हल्कों में खबरें तैरी थीं कि अब शिवराज सिंह प्रदेश में बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा नहीं होंगे. कांग्रेस तोड़कर जब फिर से बीजेपी की सरकार बनने वाली थी, तब सियासत के जानकारों ने कहा कि अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह नहीं बनेंगे. लेकिन सारे कयासों को किनारे कर सीएम का पद शिवराज के खाते में ही आया. तब से अब तक हरेक दो माह में खबर उड़ती है कि मध्यप्रदेश में सीएम का चेहरा बदलेगा. लेकिन हर बार ये अफवाह साबित होती है. शिवराज के लिए सबसे बड़ी व कड़ी टक्कर सिंधिया से मिल रही है. सियासी गलियारों में अक्सर ये बात तैरकर आती है कि पीएम मोदी व अमित शाह ने ये तय कर लया है कि मध्यप्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव में सिंधिया मुख्य चेहरा होंगे. सियासत के जानकार यह भी कहते हैं कि इसके बावजूद मोदी व शाह के लिए शिवराज सिंह से पार पाना आसान नहीं है.

कभी दुश्मन, अब दोस्त: कभी सिंधिया को गद्दार बताने वाले पवैया अब महाराज के दरबार में लगा रहे हाजिरी

मध्यप्रदेश का सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं शिवराज
मध्यप्रदेश की राजनीति में आज भी सीएम शिवराज सिंह चौहान सबसे बड़ा चेहरा हैं. प्रदेश में उनसे लोकप्रिय चेहरा बीजेपी के पास कोई और नहीं है. लंबे समय से मुख्यमंत्री रहने के बावजूद शिवराज सिंह चौहान संवेदनशील, सरल और सहज हैं. हालात कैसे भी हों, उन्हें क्रोध नहीं आता. इसके अलावा प्रदेश बीजेपी में वह इकलौते नेता हैं, जो सूबे के कोने-कोने से वाकिफ हैं. प्रदेश के कोने-कोने का वह कई बार दौरे कर चुके हैं. यही कारण है कि हर विधासनभा सीट पर उनके लोग मौजूद हैं. हर विधानसभा सीट में कम से कम 20 लोगों को वह नाम से जानते हैं.

सीएम शिवराज पर कांग्रेस का तंज
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी की जीत पर मामाजी यानी सीएम शिवराज काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. लेकिन उन्हें यह भी बताना चाहिए कि जिन सीटों पर वे प्रचार करने गए थे, उनका परिणाम क्या रहे. सलूजा ने कहा कि 2023 में मध्यप्रदेश में यही इतिहास दोहराया जाएगा. सलूजा ने तंज कसते हुए कहा कि जहाँ-जहाँ पैर पड़े संतन के, तहाँ-तहाँ बँटाधार. आगामी विधानसभा चुनावों का ज़िक्र करते हुए सलूजा ने कहा कि 2023 में एमपी में भी यही इतिहास दोहराया जायेगा, जहाँ-जहाँ मामाजी जाएँगे, वहाँ-वहाँ भाजपा की हार होगी.

भोपाल। पांच राज्यों में से 4 में बंपर जीत के बाद बीजेपी में जोश और उत्साह का माहौल है. बीजेपी अब लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को अपनी झोली में करने की तैयारी में जुट गई. लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गुजरात आदि राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. मध्यप्रदेश में बीजेपी काफी हद तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निर्भर है. सीएम शिवराज मध्यप्रदेश में 15 से अधिक सालों से सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. जाहिर है वही इस बार भी मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से मुख्य चेहरा होंगे. सीएम शिवराज ने हाल के विधासनभा चुनावों में यूपी, उत्तराखंड के अलावा गोवा में चुनाव प्रचार किया. उन्होंने कुल 18 विधानसभा सीटों पर प्रचार किया. लेकिन बीजेपी की एकतरफा जीत के बाद भी इन 18 में से केवल 8 सीटों पर जीत हासिल कर सकी.

सीएम शिवराज ने कहां- कहां चुनाव प्रचार किया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उत्तर प्रदेश में घोसी, सिकंदरपुर, हाटा, मुंगरा बादशाहपुर, जफराबाद, मधुबन, देवरिया, जखनिया और अकबरपुर. उत्तराखंड में हल्दवानी, हरिद्वार ग्रामीण, ज्वालापुर, लालकुआ, लोहाघाट, काशीपुर, थराली, पुरालो, धानोल्टी व बाजपुर और गोवा में डाबोलिम व कार्टलिम जैसी प्रमुख विधानसभा सीटों पर प्रचार करने पहुंचे थे.

यूपी की घोसी सीट पर बीजेपी की करारी हार
बीजेपी के स्टार प्रचारक शिवराज सिंह चौहान ने यूपी में बीजेपी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने के लिए चुनावी रैलियां की. मऊ जिले की घोसी सीट पर समाजवादी पार्टी की जीत हुई. इस सीट पर सपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान ने जीत दर्ज की. दारा सिंह चौहान को 1 लाख 08 हजार 430 वोट मिले. वहीं बीजेपी के विजय कुमार राजभर को 86214 वोट मिले.

योगी की राह पर शिवराज: पहली बार दिया हार्डकोर हिंदुत्व की ओर बढ़ने का संकेत, लगाये जय श्रीराम के नारे

मघुबन सीट पर बीजेपी तो जाफराबाद पर सपा गंठबंधन जीता
मधुबन विधानसभा सीट से बीजेपी नेता रामबिलास चौहान ने 4109 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के उमेश पांडेय को हराया. रामबिलास चौहान को 31104 मत मिले, जबकि उमेश पांडेय को 26995 मत मिले. जौनपुर की जफराबाद विधानसभा सीट से सुभासपा से पूर्व मंत्री और लगातार तीन बार विधायक रहे जगदीश नारायण ने भाजपा के डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह को 6292 वोटों से हराया दिया है. जगदीश नारायण को 90620 वोट मिले हैं. वहीं भाजपा के डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह को 84328 वोट मिले.

रामपुरा खारखाना सीट पर बीजेपी जीती तो मुंगरा बादशाहपुरा में सपा
रामपुर कारखाना विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुरेंद्र चौरसिया जीते. इस सीट पर सुरेंद्र 14670 वोटों से जीते हैं. सुरेंद्र को 90742 वोट मिले हैं. वहीं सपा उम्मीदवार गजाला लारी को 76072 वोट मिले हैं. जौनपुर की मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा सीट से सपा के पंकज ने भाजपा के अजय शंकर दुबे को हरा दिया है. सपा नेता पंकज ने इस सीट पर 5230 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. पंकज को 92048 मत मिले जबकि बीजेपी के अजय शंकर दुबे को 86818 मत मिले.

सिंधिया के हाथ में है सीएम शिवराज का रिमोट कंट्रोल, वीडियो में देखें क्या है मामला ?

सीएम शिवराज जिन प्रमुख सीटों पर गए, वहां इस प्रकार रहे चुनाव परिणाम

उत्तर प्रदेशः-

  1. मधुबनः भाजपा
  2. देवरियाः भाजपा
  3. जखरियाः अन्य
  4. अकबरपुरः सपा
  5. धोसीः सपा
  6. सिकंदरपुरः सपा
  7. हाटाः भाजपा
  8. मुंगरा बादशाहपुरः भाजपा
  9. जफराबादः अन्य

उत्तराखंडः-

  1. लालकुआः भाजपा
  2. लोहाघाटः भाजपा
  3. काशीपुरः भाजपा
  4. बाजपुरः कांग्रेस
  5. हरिद्वार ग्रामीणः कांग्रेस
  6. ज्वालापुरः कांग्रेस
  7. हल्दवानीः कांग्रेस

गोवाः-

  1. डाबेलिमः भाजपा
  2. कार्टलिमः अन्य

सिंधिया को सीएम बनने का आशीर्वाद, क्या एमपी की जनता चाहती है यह बदलाव ?

एमपी में अगले साल चुनाव, सीएम शिवराज की साख दांव पर
मध्यप्रदेश में बीते 15 से अधिक सालों से मुख्यमंत्री पद संभाल रहे शिवराज सिंह चौहान की अगले साल अग्निपरीक्षा होगी. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सीएम शिवराज ही बीजेपी का मुख्य चेहरा होंगे. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सामने पस्त हुई भाजपा सरकार बनाने में नाकाम रही थी. करीब डेढ़ साल बाद ही भाजपा नेताओं ने कांग्रेस में तोड़-फोड़ कर फिर से अपनी सरकार बना ली थी. कांग्रेस से नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी टीम लेकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. तब से मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार काबिज है. अगले साल होने वाले चुनाव में सीएम शिवराज की साख दांव पर होगी.

मध्यप्रदेश में बीजेपी को कितनी टक्कर देगी कांग्रेस
अगले साल मध्यप्रदेश में होने वाले चुनाव को लेकर बीजेपी व कांग्रेस अपने-अपने दावे करती रहती है. गत विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने से कांग्रेस का उत्साहित होना स्वाभाविक है. उस समय कमलनाथ व सिंधिया की जोड़ी ने कमाल दिखाकर बीजेपी को सत्ता से हटा दिया था. लेकिन अब सियासी हालात बदले हुए हैं. सिंधिया अब प्रदेश बीजेपी का प्रमुख चेहरा हैं. सिंधिया गुट के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस की ताकत कमजोर पड़ चुकी है. इसके साथ ही प्रदेश में कांग्रेस संगठन मृतशैय्या पर पड़ा है. सभी जिलों में कांग्रेस संगठन नाम के लिए है. कांग्रेस कार्यकर्ता हताश और निराश हैं. कमलनाथ अपने पास विपक्ष के नेता का पद रखे हैं और वही प्रदेशाध्यक्ष भी हैं. पार्टी में सामंजस्य नाम की चीज नहीं है. ऊपर से गुटबाजी व असंतोष व्यापक स्तर पर है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार ने नेताओं को और हताश कर दिया है. इन हालातों में बड़ा सवाल यह है कि बेहद मजबूत संगठन वाली बीजेपी से कैसे मुकाबला करेगी.

सीएम शिवराज की राह में रोड़ा बन सकते हैं सिंधिया
इसमें कोई शक नहीं कि सीएम शिवराज को सियासी पटकनी देना बेहद कठिन है. गत विधासनभा चुनाव में कांग्रेस से पराजित होने के बाद बीजेपी हल्कों में खबरें तैरी थीं कि अब शिवराज सिंह प्रदेश में बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा नहीं होंगे. कांग्रेस तोड़कर जब फिर से बीजेपी की सरकार बनने वाली थी, तब सियासत के जानकारों ने कहा कि अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह नहीं बनेंगे. लेकिन सारे कयासों को किनारे कर सीएम का पद शिवराज के खाते में ही आया. तब से अब तक हरेक दो माह में खबर उड़ती है कि मध्यप्रदेश में सीएम का चेहरा बदलेगा. लेकिन हर बार ये अफवाह साबित होती है. शिवराज के लिए सबसे बड़ी व कड़ी टक्कर सिंधिया से मिल रही है. सियासी गलियारों में अक्सर ये बात तैरकर आती है कि पीएम मोदी व अमित शाह ने ये तय कर लया है कि मध्यप्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव में सिंधिया मुख्य चेहरा होंगे. सियासत के जानकार यह भी कहते हैं कि इसके बावजूद मोदी व शाह के लिए शिवराज सिंह से पार पाना आसान नहीं है.

कभी दुश्मन, अब दोस्त: कभी सिंधिया को गद्दार बताने वाले पवैया अब महाराज के दरबार में लगा रहे हाजिरी

मध्यप्रदेश का सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं शिवराज
मध्यप्रदेश की राजनीति में आज भी सीएम शिवराज सिंह चौहान सबसे बड़ा चेहरा हैं. प्रदेश में उनसे लोकप्रिय चेहरा बीजेपी के पास कोई और नहीं है. लंबे समय से मुख्यमंत्री रहने के बावजूद शिवराज सिंह चौहान संवेदनशील, सरल और सहज हैं. हालात कैसे भी हों, उन्हें क्रोध नहीं आता. इसके अलावा प्रदेश बीजेपी में वह इकलौते नेता हैं, जो सूबे के कोने-कोने से वाकिफ हैं. प्रदेश के कोने-कोने का वह कई बार दौरे कर चुके हैं. यही कारण है कि हर विधासनभा सीट पर उनके लोग मौजूद हैं. हर विधानसभा सीट में कम से कम 20 लोगों को वह नाम से जानते हैं.

सीएम शिवराज पर कांग्रेस का तंज
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी की जीत पर मामाजी यानी सीएम शिवराज काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. लेकिन उन्हें यह भी बताना चाहिए कि जिन सीटों पर वे प्रचार करने गए थे, उनका परिणाम क्या रहे. सलूजा ने कहा कि 2023 में मध्यप्रदेश में यही इतिहास दोहराया जाएगा. सलूजा ने तंज कसते हुए कहा कि जहाँ-जहाँ पैर पड़े संतन के, तहाँ-तहाँ बँटाधार. आगामी विधानसभा चुनावों का ज़िक्र करते हुए सलूजा ने कहा कि 2023 में एमपी में भी यही इतिहास दोहराया जायेगा, जहाँ-जहाँ मामाजी जाएँगे, वहाँ-वहाँ भाजपा की हार होगी.

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