नर्मदापुरम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती के बीच आई तल्खी को लेकर उन्होंने सफाई दी है. उमा भारती ने कहा है कि वे प्रदेश सरकार की शराब नीति के खिलाफ हूं (Uma Bharti on mp new liquor policy) सरकार या शिवराज सिंह के नहीं. सोमवार को इटारसी से नागपुर जाते समय इटारसी में मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि मैं सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि शराब नीति के खिलाफ हूं. हालांकि उन्होंने कहा है कि वे नई (Uma Bharti On Cm) शराब नीति में संशोधन कर रहे हैं. (Uma Bharti Shivraj Tussle)
पिछली बार हमसे नहीं किया था परामर्थ: प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हाल ही में शराब नीति को लेकर एक बयान दिया था. इसमें उन्होंने नई शराब नीति में संशोधन किए जाने पर विचार की बात कही थी. उमा भारती का कहना है कि पिछली शराब नीति लागू करने से पहले हमसे परामर्श नहीं लिया था. सरकारी अधिकारियों ने शराब नीति बनाकर दे दी थी और उसका परिणाम पूरे प्रदेश में शिवराज सिंह को देखना पड़ा. उमा ने सफाई देते हुए कहा कि जन भावनाओं को देखते हुए मुझे भी शराब नीति के विरोध की जरूरत महसूस हुई और मैने इसका विरोध किया.
शिवराज के नेतृत्व में हार गए थे 2018 का चुनाव: 2018 में बीजेपी के चुनाव हार जाने को लेकर उन्होंने कहा कि उस चुनाव में हम कुछ सीटों पर पीछे रह गए थे. चुनाव में मैने भी कई सीटों पर कैंपेन किया था, लेकिन सीट बंटबारे में हुई चूक और कुछ नेताओं की नाराजगी के चलते हम शिवराज के नेतृत्व में चुनाव हार गए थे. इसका फायदा कांग्रेस को मिला था. हालांकि कुछ दिनों बाद ही इसका फायदा फिर से हमें मिला और लोगों ने 18 महीने का कांग्रेस नेतृत्व का स्वाद भी चख लिया.
लोगों को समझ आ गया कांग्रेस से तो शिवराज ही अच्छे हैं:
उन्होंने कहा कि लोगों को हम लोग और बीजेपी अच्छी लगने लगी है. उन्होनें कांग्रेस की 18 महीने की सरकार को लेकर कहा कि जैसे कुछ दिन के लिए पत्नी मायके चली जाती है. जिससे बाद में पति पत्नी के आपस के संबंध ठीक-ठाक हो जाते हैं. उसी तरह बीजेपी थोड़े दिन के लिए मायके चली गई थी, लेकिन इन दिनों में लोग समझ चुके थे कि कांग्रेस से तो शिवराज ही अच्छे हैं. (Uma Bharti Shivraj Tussle) (Uma Bharti on mp new liquor policy)