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Uma Bharti on Babri Masjid: ढांचा गिराने वालों को मेरा सैल्यूट, नई पीढ़ी के लिए राम एक उच्च आदर्श

6 दिसंबर 1992 का दिन, जब बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिराया गया था. उस समय उमा भारती ने राम जन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी, इस दौरान उनका नारा था 'श्री रामलला घर आयेंगे मंदिर वहीं बनाएंगे'. उमा भारती ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि 'जब मैं आज के दिन को याद करती हूं (Uma Bharti on Babri Masjid) तो ये मेरे सिर्फ इस जीवन का ही नहीं, मेरे हजारों जीवन के सबसे गौरवशाली क्षणों में है.' उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का हमेशा आंनद रहा कि उन्होंने उस ढांचे को गिरते हुए अपनी आखों से देखा. (uma salute people who demolished babri structure)

Uma Bharti statement on Babri Masjid demolition, my salute to those who demolished the structure
उमा भारती बाबरी मस्जिद विध्वंस पर बयान, ढांचा गिराने वालों को मेरा सैल्यूट
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Published : Dec 6, 2021, 1:35 PM IST

नई दिल्ली/भोपाल। 6 दिसंबर 1992 का ही दिन था, जब बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिराया गया था. उस समय उमा भारती ने राम जन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी, इस दौरान उनका नारा था 'श्री रामलला घर आयेंगे मंदिर वहीं बनाएंगे'. आज जब राम मंदिर बन रहा है तो उमा भारती उस दिन के बारे में क्या सोचती हैं, इस बारे में उन्होंने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि 'जब मैं आज के दिन को याद करती हूं (Uma Bharti Controversial Statement) तो ये मेरे सिर्फ इस जीवन का ही नहीं, मेरे हजारों जीवन के सबसे गौरवशाली क्षणों में है.' उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का हमेशा आंनद रहा कि उन्होंने उस ढांचे को गिरते हुए अपनी आखों से देखा.

ढांचा गिराने से ही प्रधानमंत्री मोदी मंदिर का शिलान्यास कर सके: उमा भारती

उमा भारती ने कहा, 'मुझे नहीं पता, वे कौन लोग हैं, जिन्होंने वो ढांचा गिराया पर, मैं उन लोगों को सैल्यूट करती हूं. वे मेरे लिए इस मायने में भी अद्भुत और विलक्षण क्षण था, एक तो ढांचा गिरा, दूसरा उसके गिरने से ही राम मंदिर के आगे का रास्ता तैयार हुआ. न हमारे आहूत किए कारसेवक ढांचा गिराते, न ही पुरातत्व विभाग खुदाई कर पाता, न मंदिर के होने के साक्ष्य कोर्ट को पता चल पाते. उनके ढांचा गिराने से ही प्रधानमंत्री मोदी मंदिर का शिलान्यास कर सके, इसलिए जिन्होंने ये ढांचा गिराया, उनको सैल्यूट है.'

यूपी में बोलीं उमा भारती, योगी आदित्यनाथ मेरा एडवांस वर्जन हैं

उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद् के लोगों ने उनको इस राष्ट्रीय गौरव के साथ जोड़ा जो उनके लिए आत्मसम्मान का विषय है. अपनी जान की बाजी लगाकर भी राम मंदिर का निर्माण हो, इस भाव के साथ वह इस आंदोलन में उतरी थीं. उमा ने कहा, 'मैं उसे क्रिमिनल एक्टिविटी नहीं मानती क्रिमिनल एक्टिविटी के ऊपर कोई भी प्रधानमंत्री शिलान्यास नहीं कर सकता. क्रिमिनल एक्ट 500 साल पहले हुआ, हमने उस क्रिमिनल एक्ट को ठीक किया था.' कई साल तक उन पर चले मुकदमे का जिक्र करने पर उन्होंने कहा, 'हमने उस हर पल को आनंद और गौरव में जिया है और इसका आनंद मुझे पूरी जिंदगी रहेगा, इसलिए मैंने कभी इस मुकदमे को झेलने जैसा नहीं, बल्कि गौरव के रूप में लिया.'

राम मंदिर हिंदू अस्मिता और राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक: उमा भारती

उमा भारती ने कहा (Uma Bharti Statement on Babri Masjid), 'नई पीढ़ी के लिए राम एक उच्च आदर्श हैं और राम मंदिर हिंदू अस्मिता और राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है. राम राष्ट्र के दिव्य पुरुष हैं, हमारे देश की प्राणशक्ति हिंदुत्व है और हिंदुत्व की प्राणशक्ति राम हैं, गंगा हैं और गौ हैं, इसीलिए भारत धर्मनिरपेक्ष है, क्योंकि भारत में हिंदू है और हिंदू राम को मानता है, इसलिए यहां मुसलमान सुरक्षित हैं और धर्मो के लोग सुरक्षित हैं, यही तो राम की महिमा है. राम ईशा और महमद्द से हजारों साल पहले के हैं, इसलिए मैं उन्हें सभी का पूर्वज मानती हूं. शोषित और पीड़ित वर्ग अभी भी रामराज्य का इंतजार कर रहा है, इसलिए राम मंदिर से रामराज्य की और मेरे जीवन की दिशा जाती है.'

योगी आदित्यनाथ को अपमानित करने वाले औंधे मुंह गिरेंगे, मथुरा में मेरी भूमिका पार्टी तय करेगी : उमा

उन्होंने कहा कि अभी भी समाज में विषमता है और उसे मिटाने के तरीके सरकार द्वारा निकाले जा रहे हैं. जिस प्रकार रावण को मारने में राम को 14 साल लगे थे, उसी प्रकार देश में रामराज्य लाने के लिए मोदी जी को 15 साल देने चाहिए. मोदी सरकार ने जो अधिकार कमजोर वर्ग को दिए हैं, अभी उसे उसकी जानकारी नहीं है, सरकारी स्कूल, और अस्पताल की हालत सुधारनी होगी, लोगों को अशिक्षा गरीबी बेरोजगारी से निकलना होगा, तभी असली रामराज्य आएगा और रामराज्य आएगा.

उत्तर प्रदेश के चुनाव पर राम मंदिर का प्रभाव पड़ने के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'चुनाव पर कोई प्रभाव पड़े, इसकी हमने कभी कोई कामना नहीं की। राम को कभी भी हमने अपने एजेंडा से नहीं हटाया. 6 दिसंबर की उस घटना के बाद, जब 4 राज्यों में हमारी सरकारें गिरा दी गईं और उसके बाद हम चुनाव हार गए, तब भी हमने हमेशा राम मंदिर को अपने एजेंडा में रखा और अब हम उसका निर्माण हम करने जा रहे हैं.'

इनपुट - आईएएनएस

(babri masjid demolition and uma bharti) (uma salute people who demolished babri structure)

नई दिल्ली/भोपाल। 6 दिसंबर 1992 का ही दिन था, जब बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिराया गया था. उस समय उमा भारती ने राम जन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी, इस दौरान उनका नारा था 'श्री रामलला घर आयेंगे मंदिर वहीं बनाएंगे'. आज जब राम मंदिर बन रहा है तो उमा भारती उस दिन के बारे में क्या सोचती हैं, इस बारे में उन्होंने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि 'जब मैं आज के दिन को याद करती हूं (Uma Bharti Controversial Statement) तो ये मेरे सिर्फ इस जीवन का ही नहीं, मेरे हजारों जीवन के सबसे गौरवशाली क्षणों में है.' उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का हमेशा आंनद रहा कि उन्होंने उस ढांचे को गिरते हुए अपनी आखों से देखा.

ढांचा गिराने से ही प्रधानमंत्री मोदी मंदिर का शिलान्यास कर सके: उमा भारती

उमा भारती ने कहा, 'मुझे नहीं पता, वे कौन लोग हैं, जिन्होंने वो ढांचा गिराया पर, मैं उन लोगों को सैल्यूट करती हूं. वे मेरे लिए इस मायने में भी अद्भुत और विलक्षण क्षण था, एक तो ढांचा गिरा, दूसरा उसके गिरने से ही राम मंदिर के आगे का रास्ता तैयार हुआ. न हमारे आहूत किए कारसेवक ढांचा गिराते, न ही पुरातत्व विभाग खुदाई कर पाता, न मंदिर के होने के साक्ष्य कोर्ट को पता चल पाते. उनके ढांचा गिराने से ही प्रधानमंत्री मोदी मंदिर का शिलान्यास कर सके, इसलिए जिन्होंने ये ढांचा गिराया, उनको सैल्यूट है.'

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उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद् के लोगों ने उनको इस राष्ट्रीय गौरव के साथ जोड़ा जो उनके लिए आत्मसम्मान का विषय है. अपनी जान की बाजी लगाकर भी राम मंदिर का निर्माण हो, इस भाव के साथ वह इस आंदोलन में उतरी थीं. उमा ने कहा, 'मैं उसे क्रिमिनल एक्टिविटी नहीं मानती क्रिमिनल एक्टिविटी के ऊपर कोई भी प्रधानमंत्री शिलान्यास नहीं कर सकता. क्रिमिनल एक्ट 500 साल पहले हुआ, हमने उस क्रिमिनल एक्ट को ठीक किया था.' कई साल तक उन पर चले मुकदमे का जिक्र करने पर उन्होंने कहा, 'हमने उस हर पल को आनंद और गौरव में जिया है और इसका आनंद मुझे पूरी जिंदगी रहेगा, इसलिए मैंने कभी इस मुकदमे को झेलने जैसा नहीं, बल्कि गौरव के रूप में लिया.'

राम मंदिर हिंदू अस्मिता और राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक: उमा भारती

उमा भारती ने कहा (Uma Bharti Statement on Babri Masjid), 'नई पीढ़ी के लिए राम एक उच्च आदर्श हैं और राम मंदिर हिंदू अस्मिता और राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है. राम राष्ट्र के दिव्य पुरुष हैं, हमारे देश की प्राणशक्ति हिंदुत्व है और हिंदुत्व की प्राणशक्ति राम हैं, गंगा हैं और गौ हैं, इसीलिए भारत धर्मनिरपेक्ष है, क्योंकि भारत में हिंदू है और हिंदू राम को मानता है, इसलिए यहां मुसलमान सुरक्षित हैं और धर्मो के लोग सुरक्षित हैं, यही तो राम की महिमा है. राम ईशा और महमद्द से हजारों साल पहले के हैं, इसलिए मैं उन्हें सभी का पूर्वज मानती हूं. शोषित और पीड़ित वर्ग अभी भी रामराज्य का इंतजार कर रहा है, इसलिए राम मंदिर से रामराज्य की और मेरे जीवन की दिशा जाती है.'

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उन्होंने कहा कि अभी भी समाज में विषमता है और उसे मिटाने के तरीके सरकार द्वारा निकाले जा रहे हैं. जिस प्रकार रावण को मारने में राम को 14 साल लगे थे, उसी प्रकार देश में रामराज्य लाने के लिए मोदी जी को 15 साल देने चाहिए. मोदी सरकार ने जो अधिकार कमजोर वर्ग को दिए हैं, अभी उसे उसकी जानकारी नहीं है, सरकारी स्कूल, और अस्पताल की हालत सुधारनी होगी, लोगों को अशिक्षा गरीबी बेरोजगारी से निकलना होगा, तभी असली रामराज्य आएगा और रामराज्य आएगा.

उत्तर प्रदेश के चुनाव पर राम मंदिर का प्रभाव पड़ने के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'चुनाव पर कोई प्रभाव पड़े, इसकी हमने कभी कोई कामना नहीं की। राम को कभी भी हमने अपने एजेंडा से नहीं हटाया. 6 दिसंबर की उस घटना के बाद, जब 4 राज्यों में हमारी सरकारें गिरा दी गईं और उसके बाद हम चुनाव हार गए, तब भी हमने हमेशा राम मंदिर को अपने एजेंडा में रखा और अब हम उसका निर्माण हम करने जा रहे हैं.'

इनपुट - आईएएनएस

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