भोपाल। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने एक बार फिर प्रदेश में शराबबंदी का समर्थन किया है. उन्होंने सरकार को क्रमिक (धीरे-धीरे) शराबबंदी की तरफ बढ़ने को लेकर कुछ सुझाव भी दिए हैं. एक के बाद एक ट्वीट करते हुए उन्होंने सीएम शिवराज से हुई अपनी बातचीत को लेकर, समाज के हित में कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले को उनकी महानता बताते हुए इस बात का जिक्र भी किया कि नशा राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक विषय है इस पर बोलने का सबको हक है.
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2. शराब एवं नशा यह राजनीतिक विषय नहीं हैं, सामाजिक विषय हैं। इस पर सबको बोलने का अधिकार है एवं ऐसे विषय पर फैसले लेते समय सामाजिक परामर्श लेना बहुत जरूरी होता है।
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पाटन विधायक का किया समर्थन: एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए उन्होने ट्विटर पर लिखा कि मैं अभी दिल्ली में हूं, एक समाचार पत्र के माध्यम से मुझे यह जानकारी मिली है कि मेरे भाई और जबलपुर की पाटन विधानसभा से बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने भी खुलेआम नई शराब नीति का विरोध किया है. उन्होंने इसे लेकर सख्त बयान भी जारी किया है. उमा ने ट्वीट किया कि नशा राजनीतिक नहीं सामाजिक विषय है इस पर बोलने का सबको अधिकार है.
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4. अभी 5 दिन पहले मेरी एवं शिवराज जी की एक घंटे आमने-सामने बैठकर बातचीत हुई है। मैंने उन्हें सुझाव दिया कि पूर्ण शराबबंदी का आग्रह हम नहीं कर रहे हैं बल्कि क्रमिक शराबबंदी से फिर पूर्ण शराबबंदी की ओर बढ़ना चाहिए।
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5.3. घर में 11 बोतल ले जाने की अनुमति एवं एक के बदले में एक मुफ्त बोतल दिए जाने की नीति से तो घर, गली, मोहल्ला, शराब से सराबोर हो जाएंगे तथा खुले में बैठकर सामूहिक रूप से शराब पीने के अहाते तो आबादी से बहुत दूर कहीं एकांत स्थानों पर होना चाहिए।
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पूर्ण नहीं क्रमिक शराबबंदी की बात: शराबबंदी पर एक बार फिर अपनी बात रखते हुए उमा भारती ने हाल ही में सीएम शिवराज सिंह से हुई उनकी बातचीत का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमारी 1 घंटे तक बातचीत हुई है. जिसमें मैंने उन्हें कई सुझाव दिए हैं.
- मैंने उन्हें सुझाव दिया कि हम पूर्ण शराबबंदी का आग्रह हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि क्रमिक शराबबंदी के जरिए धीरे धीरे पूर्ण शराबबंदी की ओर बढ़ना चाहिए.
- मैंने उनसे कहा है कि शराबखोरी के खिलाफ प्रदेश की महिलाएं और सामाज के प्रबुद्ध लोग इतना ही तो चाहते ही हैं कि मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, जिनालय, बौद्ध मंदिर किसी भी धार्मिक स्थान के 500 मीटर के दायरे में कोई भी शराब की दुकान या अहाता नहीं होना चाहिए.
- स्कूल, अस्पताल, शिक्षण संस्थान इन से भी 500 मीटर की दूरी के अलावा, जब तक यह संस्थान खुले हैं तब तक, कोई भी शराब की दुकान व अहाता वहां संचालित नहीं होना चाहिए.
-घर में 11 बोतल ले जाने की अनुमति एवं एक के बदले में एक मुफ्त बोतल दिए जाने की नीति से तो घर, गली, मोहल्ला, शराब से सराबोर हो जाएंगे. इसे बदला जाना चाहिए.
- खुले में बैठकर सामूहिक रूप से शराब पीने के अहाते आबादी से बहुत दूर एकांत स्थानों पर होना चाहिए.
- शराब पीकर गाड़ी चलाना या सड़क पर पैदल चलना, दंडनीय अपराध हो. सरकार पहले इतने कदम सरकार उठाए, फिर हम समीक्षा करते हुए धीरे-धीरे शराबबंदी की ओर बढ़ें. मौजूदा नई शराब नीति से खासकर महिलाएं एवं लड़कियां भौंचक्के हैं, वे हमसे इस तरह की अपेक्षा नहीं रखते हैं. उमा ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस विषय पर आवश्यक परामर्श करके वे कोई उचित निर्णय लेंगे।
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7. शिवराज जी ने कहा कि वह इस विषय पर आवश्यक परामर्श करके कोई निर्णय लेंगे। इस नई शराब नीति से खासकर महिलाएं एवं लड़कियां भौंचक्के हैं, वह हमसे इस तरह की अपेक्षा नहीं रखते हैं।
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पीएम मोदी का भी किया जिक्र: समाज के हित में कदम उठाने और ऐसे कानून को वापस लेने या उसमें बदलाव करने को लेकर उमा भारती ने पीएम मोदी का भी जिक्र किया. उन्होंने लिखा कि समाज से जुड़े मुद्दों पर फैसले लेते समय सामाजिक परामर्श लेना बहुत जरूरी होता है. केंद्र सरकार के कृषि कानून वापस लिए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि मोदी जी ने अपना बडप्पन दिखाया और किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि कानून वापस लिए यह उनकी महानता की जीत थी.
नई शराब नीति का विरोध कर रही हैं उमा भारती: उमा भारती मप्र में शराबबंदी को लेकर काफी सक्रिय हैं. वे सरकार की नई शराबनीति का विरोध करते हुए उग्र प्रदर्शन भी कर चुकीं है और भोपाल में एक शराब दुकान पर पत्थर भी फेंक चुकीं है. प्रदेश में शराबबंदी कराने की मांग को लेकर उमाजी कई बार कांग्रेसियों के भी निशाने पर रही हैं. यही वजह है कि वे सरकार की मजबूरियों को समझते हुए फिलहाल कोई बीच का रास्ता निकालने पर ज्यादा जोर दे रही हैं.