भोपाल। मुखर नेता के तौर पर पहचान बनाने वाली मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती बड़े मंचों पर अक्सर अपनी बातें खुलकर रखती हैं. उमा भारती ने कई मुद्दों का जिक्र करते हुए एक के बाद एक लगातार 41 ट्वीट किए, जिसमें उन्होनें बताया कि गंगा मंत्रालय कैसे उनसे वापस लिया गया. किन परिस्थितियों में कौन उनके साथ रहा इस बारे में भी उन्होनें बताया है.
उमा भारती में ट्वीट में बताई व्यथा: उमा भारती ने गंगा की अविरलता को लेकर कहा कि मेरे मंत्रालय का एफिडेविट सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के विपरीत था. उन्होनें कहा कि ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल संसाधन मंत्रालय की एक कमेटी बनी, जिसको मिलाकर गंगा पर प्रस्तावित पावर प्रोजेक्ट पर एफिडेविट बनाना था. उन्होनें जिक्र करते हुए कहा कि अरबों गंगा भक्तों की आस्था दांव पर लगी थी, सबकी राय में 72 पावर प्रोजेक्ट गंगा, हिमालय एवं पूरे भारत के पर्यावरण के लिए संकट का विषय थे.
अनुशासनहीनता के कारण बदला गया था उमा भारती का विभाग: पूर्व केंद्रीय मंत्री और एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री रहीं उमा भारती इन दिनों फिर चर्चा में हैं. इसका मुख्य कारण उनके शराबबंदी अभियान को लेकर जेपी नड्डा को लिखे गए पत्र के साथ ही एक के बाद एक लगातार 41 ट्वीट किया जाना है. ट्वीट के जरिए उमा भारती ने खुले तौर पर अपनी कई पीड़ा उजागर की. उन्होने गंगा सफाई अभियान मंत्री होने के दौरान विभाग बदलने की पीड़ा को भी उन्होंने सार्वजनिक किया. उमा भारती ने ट्विटर पर मन की बात लिखते हुए कहा कि, उन्होंने गंगा की अविरलता को बचाने के लिए अनुशासनहीनता की थी. यही कारण रहा कि उनका विभाग बदल दिया गया था.
उमा भारती के मन की बात: उमा भारती ने कहा कि, मैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थी. पार्टी अनुशासन का तकाजा था कि मैं दिल्ली आकर राष्ट्रीय अध्यक्ष से अपनी आपत्ति व्यक्त करती. लेकिन मैं गंगा यात्रा पर उत्तरकाशी और गंगोत्री के बीच में थी इसलिए इतना समय नहीं था और यह व्यक्ति किराए के जहाज से दिल्ली पहुंच गया था. उमा बोली, जो रास्ता बचा था, मैंने विरोध करते हुए ट्वीट कर दिया. आपकी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने ऐसा कहा है, 'इस उल्लेख के साथ मीडिया में जो बहस का धमाका हुआ, उससे पार्टी को अपना निर्णय बदलना पड़ा'
शराब के विरोध पर दिग्विजय सिंह ने ली चुटकी: उमा भारती शराब बिक्री के खिलाफ कई बार मोर्चा खोल चुकी हैं. उन्होनें अपने ट्वीट में मध्यप्रदेश में जारी शराब के खिलाफ मुहिम पर पहले भी कई ट्वीट किए हैं. इस बार उमा भारती ने लिखा है कि, उनकी मुहिम पार्टी की नीति के अनुसार है और बीजेपी शासित राज्यों में एक जैसी शराब नीति हो, यही मेरा आग्रह है. इस पर एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुटकियाँ लेते नजर आए. दिग्विजय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'उमा पहले तो यह पता करो कि भाजपा व मोदी जी शराब बंदी के पक्ष में हैं या नहीं? साथ ही यह भी पता लगाओ कि जैसे भाजपा के कुछ नेता मानते हैं, शराब दवाई है या नशा? शिवराज सरकार ने खुले आहतों में लोगों को शराब पीने का लाइसेंस दिया, इस पर उमा भारती ने जेपी नड्डा को लिखते हुए हस्तक्षेप की मांग की है.