नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में शनिवार को एक मादा बाघ शावक की मौत हुई थी. मादा शावक का शव मिलने के बाद देर रात मोगरा बीट पर एसटीआर ने सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसके बाद आज फिर उसी क्षेत्र में 700 मीटर दूर एक नर बाघ के गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी प्रबंधन को लगी. प्रबंधन बाघ को तुरंत वन बिहार लेकर जा रहे थे लेकिन बाघ ने वाहन में ही दम तोड़ दिया. पोस्टमॉर्टम में बाघ के गले और आगे के दोनों पैरों पर चोट के निशान पाए गए. बाघ का एक दांत भी टूटा था.
सर्च ऑपरेशन में मिला बेहोश बाघ : सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पूर्व पचमढ़ी परिक्षेत्र के मोगरा बीट में बाघ शावक की मौत के बाद प्रबंधन ने रातों रात पार्क के सारे हाथी मोगरा बीट बुलाए थे. हांथियों के दल के साथ कर्मचारियों को अलग-अलग स्थान पर सर्चिंग के लिए रवाना किया गया था. सर्चिंग के दौरान बाघ शावक की मृत्यु वाले स्थान से लगभग 700 मीटर की दूरी पर एक नर बाघ घायल अवस्था में लेटा हुआ दिखाई दिया. जिसे बेहोश कर वन विहार भेजने का निर्णय लिया गया.
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बाघ ने पिंजरे में तोड़ा दम : बाघ के पास जाने के बाद भी बाघ ने किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं की. बाघ इतना अधिक घायल था कि उस पर दवा का भी कोई असर नहीं हुआ. वन विहार ले जाते समय उसने पिंजरे में ही दम तोड़ दिया. क्षेत्र संचालक तथा उप संचालक की उपस्थिति में वन्यप्राणी चिकित्सकों के दल द्वारा बाघ का पोस्टमार्टम NTCA के प्रोटोकोल अनुसार किया गया. पोस्टमॉर्टम में बाघ के गले और आगे के दोनों पैरों पर चोट के निशान पाए गए. बाघ का एक दांत भी टूटा था.
लड़ाई के दौरान बाघ के मृत्यु की आशंका : एनटीसीए व डब्लू.सी.टी. के प्रतिनिधि क्षेत्र संचालक एल. कृष्णमूर्ति के मुताबिक बाघ को चोट के निशान हैं. बाघों की लड़ाई के दौरान इस बाघ के मृत्यु की आशंका जताई जा रही है. बाघ को अपना इलाका बचाने के लिए कई बार दूसरे बाघों से लड़ना पड़ता हैं. पोस्टमार्टम के बाद बाघ के शव को अधिकारियों की उपस्थिति में जला दिया गया.