भोपाल(Bhopal)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में विभिन्न स्तरों पर पुलिस और सशस्त्र बल की कमी पूरी करने के लिए पुलिस विभाग (Police Department) ने एक नया रास्ता निकाला है. पुलिस विभाग होमगार्ड (Home guard) के जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दिलाकर उन्हें पुलिस बल की तरह काम पर लगाएगा. होमगार्ड कल्याण के लिए मंत्रालय में गृह विभाग के अधिकारियों की हुई बैठक में गृहमंत्री डाॅ.नरोत्तम मिश्रा ने इसका निर्णय लिया है. बैठक में बताया गया है कि आपदा प्रबंधन के लिए ही अभी प्रदेश में एसडीईआरएफ (SDERF) के पास मात्र 550 का फोर्स है, जबकि प्रदेश को लगभग 3500 के फोर्स की आवश्यकता है.
जरूरत 3500 की मौजूद 550 का फोर्स
बैठक में अपर मुख्य सचिव डाॅ. राजेश राजौरा ने बताया कि आपदा प्रबंधन में होमगार्ड के जवानों की प्राथमिक तौर पर बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. उनकी भूमिका को दृष्टिगत रखते हुए काॅडर को नियमित करने संबंधी कार्यवाही करना जरूरी है. जिससे कि वे और अधिक मुस्तैदी से कार्य कर सकें. वर्तमान में विभिन्न मोर्चों पर फोर्स की आवश्यकता महसूस की जाती रही है. ऐसी स्थिति में होमगार्ड के जवानों को प्रशिक्षित कर पुलिस के जवानों के समान कार्य लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन के लिए अभी प्रदेश में एसडीईआरएफ के पास मात्र 550 का ही फोर्स है. जबकि जरूरत 3500 के फोर्स की है.
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जबलपुर में खुलेगा SDERF सेंटर
बैठक में गृहमंत्री ने प्रदेश में एसडीईआरएफ के लिये प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने के लिये केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के लिए निर्देशित किया. बैठक में महानिदेशक होमगार्ड और सुधारात्मक सेवाएं पवन कुमार जैन ने बताया कि जबलपुर के मंगेली में विभाग के पास उपलब्ध भूमि में प्रशिक्षण का बेहतर केन्द्र बनाया जा सकता है. इससे आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में जवानों को प्रशिक्षित कर कौशल उन्नयन किया जा सकता है. प्रशिक्षण केन्द्र के बन जाने से एनडीईआरएफ के जवानों की तरह ही एसडीईआरएफ के जवानों को भी प्रशिक्षित किया जा सकेगा. बैठक में गृहमंत्री ने कहा कि विभाग के डाइंग कैडर के पुनर्जीवन के लिये सभी आवश्यक कार्यवाही करने के साथ ही काॅल ऑफ संबंधी विसंगति को दूर करें.