भोपाल। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही शिवराज सिंह चौहान एक्शन मोड में नजर आए, प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना वायरस को लेकर मंत्रालय में समीक्षा बैठक बुलाई. अब तक किए गए बचाव कार्यों को लेकर अधिकारियों से पूरा ब्योरा लिया. कोरोना वायरस से प्रशासन की ओर से किए जा रहे बचाव की तैयारियों को लेकर भी समीक्षा की गई, लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण और कर्फ्यू के बीच सरकार ने चार दिन का विधानसभा सत्र बुलाया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को कोरोना वायरस को रोकने के निर्देश दिए हैं, बैठक में मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी और सभी विभागों के प्रमुख सचिव मौजूद रहे. शिवराज सिंह चौथी बार सीएम पद की शपथ लिए, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ कि शपथ लेते ही मंत्रालय पहुंचकर अधिकारियों के साथ किसी गंभीर विषय पर समीक्षा की.
जबलपुर और भोपाल में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज सामने आने के बाद प्रदेश में डर का माहौल बना है, यही वजह है कि शिवराज सिंह ने राजभवन से सीधे मंत्रालय पहुंचना जरूरी समझा और प्रदेश में लगातार बढ़ रहे इस कोरोना वायरस को रोकने के लिए किए जा रहे बचाव और उपचार के उपायों की विस्तार से समीक्षा की है. इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने भोपाल और जबलपुर में कोरोना वायरस के प्रभाव को गंभीरता से लेते हुए पूरी तरह से लॉकडाउन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.
इस दौरान जरूरी वस्तुएं और सेवाएं ही उपलब्ध रहेंगी. लॉक डाउन के आदेश एक दिन पहले ही जिला कलेक्टर के द्वारा जारी किए गए थे. लेकिन इस लॉक डाउन का सही ढंग से लोगों द्वारा पालन ही नहीं किया जा रहा था, ऐसे में सीएम ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को सख्त लहजे में हिदायत दी है कि भोपाल और जबलपुर में आगामी आदेश तक कर्फ्यू लागू रहेगा.