भोपाल। 'टाइगर जिंदा है', शिवराज सिंह चौहान ने ये बात कमलनाथ सरकार के एक साल पूरा होने पर कही थी. शिवराज ने कहा था कि वो वापसी करेंगे. अपनी कही हुई बात को सच साबित करते हुए आज वे वापसी कर रहे हैं. राजनीतिक जानकार कहते हैं, जो शिवराज सिंह चौहान की राजनीति को गहराई से समझता है. वो जानता है कि, शिवराज एक लाइन में अपनी बात रखना जानते हैं. आज अगर बीजेपी मध्य प्रदेश में वापसी कर रही है, तो उसमें शिवराज का बड़ा हाथ है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद भी वो विचलित नहीं दिखे. सीएम हाउस छोड़ते वक्त शिवराज ने कार्यकर्ताओं से कहा था कि, वह प्रदेश से कहीं नहीं जाने वाले, एक दिन यहां वापसी करेंगे.
उस वक्त शिवराज सिंह चौहान की इस बात को लोगों ने शायद नजर अंदाज किया. लेकिन आज उनकी बात सबकों याद आ रही है. क्योंकि प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष भले ही गोपाल भार्गव बने हों. लेकिन कमलनाथ सरकार को हर मोर्चे पर घेरने का काम शिवराज सिंह चौहान ने ही किया. चाहे किसान कर्जमाफी हो, या फिर ओलावृष्टि की मुआवजा राशि. चाहे फिर यूरिया का मुद्दा, शिवराज हर मोर्चे पर मुखर रहे. शिवराज सिंह चौहान आज फिर सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं.
13 साल तक प्रदेश की सत्ता संभालने वाले शिवराज ने प्रदेश में अपनी लोकप्रियता बनाए रखी. वे कमलनाथ सरकार के लिए सिरदर्द बनकर उभरे. यही वजह रही लोकसभा चुनाव से लेकर ऑपरेशन लोटस तक, बीजेपी आलाकमान ने हर मोर्चे पर प्रदेश में शिवराज को ही आगे रखा. शिवराज सिंह चौहान राजनीति में जितने सादगी के लिए जाने जाते हैं, उतने ही मुखरता के लिए भी. उन्होंने प्रदेश में मामा की छवि भी बनाए रखी, तो विपक्ष में एक तेजतर्रार नेता के तौर पर मुखरता दिखाई. जिसका इनाम एक बार फिर उन्हें मिला है.