भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार आनंदीबेन को दिया गया है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली आलाकमान से मुलाकात करने पहुंचे हैं, ऐसे में अब शिवराज के कैबिनेट का विस्तार होने की चर्चा तेज हो गई है. सीएम शिवराज ने दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की है, बताया जा रहा है कि उनके साथ पार्टी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत भी मौजूद हैं. खबर आ रही है कि ये सभी पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और हो सकता है कि सोमवार को मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की लिस्ट पर मोहर भी लग जाए और उसके बाद कैबिनेट का विस्तार कर दिया जाए.
प्रदेश की सत्ता में वापसी के साथ ही बीजेपी पर मंत्रिमंडल का विस्तार का दबाव पिछले 3 महीने से लगातार बना हुआ है, हालांकि सीएम ने अभी तक केवल पांच ही मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया था, लेकिन अब पूर्ण मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाना है, क्योंकि कोरोना के चलते मंत्रिमंडल विस्तार को टाल दिया गया था, लेकिन अब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लगभग अंतिम सूची बन चुकी है. केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद एक-दो दिन में ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है.
सीएम दिल्ली पहुंचे
दिल्ली दौरे पर गए सीएम शिवराज सिंह चौहान सोमवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात करेंगे, इस दौरान मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शीर्ष नेतृत्व से चर्चा की जाएगी और नाम फाइनल होने के बाद सीएम सोमवार शाम को वापस राजधानी लौट आएंगे, हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अभी तारीख तय नहीं की गई है. लेकिन, सीएम भी जल्द से जल्द मंत्रिमंडल विस्तार चाहते हैं, इसे लेकर वे कुछ दिनों पहले ही बयान भी दे चुके हैं.
देर रात केंद्रीय मंत्री तोमर से मिले सीएम
देर रात दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से इसी सिलसिले में शिवराज सिंह चौहान ने काफी देर तक चर्चा की है, क्योंकि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन सरकार की परेशानी यह है कि सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का दबाव सरकार पर है. हालांकि, अब तक सिंधिया समर्थक दो पूर्व विधायकों गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट को मंत्री बनाया जा चुका है, लेकिन अभी भी सिंधिया समर्थकों में 8 से 10 पूर्व विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, इसके अलावा बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता एवं दो बार अपने विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत चुके विधायक भी शामिल हैं, जो मंत्री बनने की कतार में खड़े हुए हैं.
दो दिनों के भीतर हो सकता मंत्रिमंडल विस्तार
कुछ समय बाद ही प्रदेश में 24 विधानसभाओं पर उपचुनाव भी होना है. ऐसी स्थिति में संगठन को मजबूत करना और अपने ही नेताओं की नाराजगी को दूर करना बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. यही वजह है कि प्रदेश संगठन की ओर से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर स्थिति साफ हो चुकी है, लेकिन शीर्ष नेतृत्व से हरी झंडी मिलना बाकी है. यही वजह है कि सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात कर मंत्रिमंडल विस्तार की लिस्ट को फाइनल करेंगे, उम्मीद की जा रही है कि एक-दो दिनों में ही राज भवन या पुरानी विधानसभा परिसर हॉल में मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. क्योंकि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार राष्ट्रपति के द्वारा सौंप दिया गया है. अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार इसलिए भी आगे खिंचता जा रहा था, क्योंकि प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन अस्वस्थ होने के चलते लखनऊ में एडमिट हैं, लेकिन अब आनंदीबेन पटेल को अतिरिक्त प्रभार मिलने से संभावना जताई जा रही है कि एक-दो दिन में ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा.