भोपाल। अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरों की मदद के लिए आगे आने वाले बहादुर लोगों को सरकारी योजना का विशेष लाभ दिए जाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय की महिला सुरक्षा शाखा ने प्रस्ताव तैयार किया है जिसे शासन को भेजा जा रहा है. इसमें ऐसे लोग जो अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरों की मदद के लिए आगे आते हैं उन्हें सरकारी नौकरी से लेकर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में लाभ दिया जाएगा.
सीएम 17 मामलों में कर चुके ऐसे लोगों को सम्मानित
अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरों की मदद करने वाले प्रदेश के ऐसे करीब 17 मामले हैं जिन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. ऐसे ही एक मामले में सागर की श्रीबाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मानित किया था. श्रीबाई ने एक महिला को 3 दुष्कर्मियों से बचाया था. घटना के वक्त तीन आरोपी दुष्कर्म के बाद बचकर भागी महिला को पकड़ने के लिए दौड़ रहे थे, तभी खेत में काम कर रही श्रीबाई ने आरोपियों का सामना कर उन्हें खदेड़ दिया था और महिला को बचाने में कामयाबी पाई थी.
इसी तरह के रीवा रतलाम सतना में दो-दो, जबलपुर, छिंदवाड़ा, बड़वानी, छतरपुर, विदिशा, धार, मुरैना और भोपाल में इस तरह के मामले सामने आए थे. इन मामलों में सीएम ने बहादुरों को सम्मानित किया था. पुलिस मुख्यालय की महिला सुरक्षा शाखा की एडीजी प्रज्ञा अनुज श्रीवास्तव के मुताबिक अपनी जान की परवाह न करते हुए दूसरों की मदद करने वाले ऐसे लोगों को सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता मिल सके इसको लेकर योजना बनाई गई है और इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है. पुलिस अधिकारी के मुताबिक इस तरह की डॉक्यूमेंट्री का मकसद लोगों को दूसरों की मदद के लिए आगे लाना है.
2 मार्च को ऐसे बहादुर लोगों की दिखाई जाएगी डॉक्यूमेंट्री
पुलिस मुख्यालय की महिला शाखा ने ऐसे ही 3 मामलों को लेकर तीन डॉक्यूमेंट्री भी तैयार कराई है. यह डॉक्यूमेंट्री घरेलू शोषण, सामाजिक अपराध के मामलों में लोगों की मदद करने वाले घटनाक्रम से जुड़ी है. डॉक्यूमेंट्री को एक सागर की ग्रामीण श्रीबाई द्वारा दिखाई गई बहादुरी को लेकर बनाई गई है. इसके अलावा एक अन्य डॉक्यूमेंट्री रतलाम की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बरखा खंडाला और संविदा पर्यवेक्षक एहतेशाम अंसारी पर बनाई गई है जिन्होंने 13 साल की बच्ची को दुष्कर्मी जीजा के चंगुल से बचाया था.