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'मोती-माधव' के बाद चलेगी 'शिव-ज्योति' एक्सप्रेस, आखिर क्या है इस जोड़ी का मतलब - शिवराज और सिंधिया की जोड़ी

बीजेपी से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक सभा के दौरान कहा कि अगर मध्य प्रदेश में विकास की रफ्तार को जारी रखना है, तो मोती-माधव एक्सप्रेस की तरह शिव-ज्योति एक्सप्रेस को दौड़ाना होगा. सिंधिया के इस बयान से मध्य प्रदेश के सियासत का अध्याय फिर से लोगों की जहन में आ गया है जिसे मोती माधव एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता है. देखिए ईटीवी भारत की यह स्पेशल रिपोर्ट....'शिव-ज्योति' एक्सप्रेस

BHOPAL NEWS
शिव ज्योति एक्सप्रेस
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Published : Sep 26, 2020, 7:04 PM IST

Updated : Sep 26, 2020, 7:56 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव की बयार शुरू हो चुकी है और इस समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की जोड़ी प्रदेश में प्रचार प्रसार के लिए उतरी है. ग्वालियर चंबल में हो रही सभाओं में सिंधिया यह कहते नजर आ रहे हैं कि 80 के दशक में माधवराव सिंधिया और एमपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा ने प्रदेश के विकास को रफ्तार दी थी. तब प्रदेश में 'मोती-माधव' एक्सप्रेस चलती थी. अब वर्तमान में 'शिव-ज्योति' की जोड़ी प्रदेश के विकास को और ज्यादा रफ्तार देगी.

शिव-ज्योति' एक्सप्रेस

अशोकनगर के पिपरई में सभा को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनके पिता माधवराव सिंधिया और कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा ने मिलकर प्रदेश के विकास के लिए काम किया था. आज सिंधिया और शिवराज की जोड़ी फिर से उसी तरह काम करने में लगी है.

प्रचार के दौरान शिव-ज्योति
प्रचार के दौरान शिव-ज्योति

'मोती-माधव' एक्सप्रेस

बात मध्य प्रदेश की सियासत में 1980 और 90 के दशक है. उस वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते थे. सियासी जानकार कहते हैं कि माधवराव कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह को मुख्यमंत्री नहीं बनने देना चाहते थे. इसलिए उन्होंने मोतीलाल वोरा को मुख्यमंत्री बनने में मदद की. जिसके बाद दोनों नेताओं की जोड़ी मध्य प्रदेश में साथ-साथ हर जगह पहुंचती थी. इस जोड़ी को उस वक्त 'मोती-माधव' एक्सप्रेस नाम दिया गया.

माधवराव सिंधिया
माधवराव सिंधिया

कहा जाता था कि मोतीलाल वोरा सुबह का नाश्ता ग्वालियर में करते थे और शाम का भोजन भोपाल में. वर्तमान में भी परिस्थितियां कुछ ऐसी ही हैं इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सिंधिया लगातार साथ में हवाई दौरे कर रहे हैं. सीएम शिवराज लगातार तीन दिन तक ग्वालियर में रुके और सिंधिया के साथ अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. तो सिंधिया भी लगातार भोपाल में डेरा जमाए हुए है. यही वजह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी और शिवराज सिंह चौहान की जोड़ी को 'शिव-ज्योति' एक्सप्रेस नाम दिया.

मोतीलाल वोरा
मोतीलाल वोरा

कांग्रेस ने साधा 'शिव-ज्योति' पर निशाना

'शिव-ज्योति' की जोड़ी पर कांग्रेस ने निशाना साधा. पार्टी प्रवक्ता सिद्धार्थ राजावत कहते जिस जोड़ी की बात सिंधिया कर रहे हैं. वह स्वर्गीय माधवराव सिंधिया और मोतीलाल बोरा की थी. लेकिन वे नेता उसूलों के पक्के थे जनता जनार्दन की सेवा उनके प्रमुख कर्तव्य हुआ करते थे. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सिर्फ निजी स्वार्थ के चलते 22 विधायकों को लेकर बीजेपी के साथ शामिल होकर यह बता दिया है । कि वह कितने बड़े धोखेबाज हैं. इसलिए शिव-ज्योति की जोड़ी को तो जनता आने वाले उपचुनाव में सबक सिखाएगी.

शिवराज-सिंधिया की जोड़ी हो रहे खूब चर्चे
शिवराज-सिंधिया की जोड़ी

बीजेपी का पलटवार

कांग्रेस के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरीके से प्रदेश का विकास किया है और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आने के बाद यह विकास की गाड़ी और स्पीड से चलेगी. कमलनाथ ने ग्वालियर चंबल को अपने हाल पर छोड़ दिया था ऐसे में अब सिंधिया और शिवराज मिलकर इस क्षेत्र में विकास की गंगा बहाएंगे.

शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश

कितना कमाल दिखाएगी 'शिव-ज्योति' एक्सप्रेस

वही राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटेरिया का कहना है कि मध्य प्रदेश के सियासी फलक पर 80 - 90 के दौर में जिस तरीके से मोती माधव एक्सप्रेस चलती थी. आज ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज की जोड़ी काम कर रही है. निश्चित तौर पर दो बड़े नेताओं का एक बड़ा गठबंधन साफ दिखाई दे रहा है. लेकिन तब कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी और अर्जुन सिंह के खिलाफ माहौल बनाने के लिए 'मोती-माधव' की जोड़ी बनी थी. हालांकि उस समय दोनों नेताओं ने कांग्रेस में अपने लिए माहौल खड़ा कर अर्जुन सिंह के स्थान पर मोतीलाल वोरा को स्थापित किया था. लेकिन आज लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस की है. इसलिए सिंधिया और शिवराज कितनी कामयाब होती है यह 28 विधानसभा के उपचुनाव के परिणाम बताएंगे. जिसमें खासतौर से 17 सीटें ऐसी है जो सिंधिया के प्रभाव वाली सीटें मानी जाती है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सांसद
ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सांसद

अब देखना यह होगा क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की यह, शिव-ज्योति एक्सप्रेस आने वाले विधानसभा के उपचुनाव में कितना कारगर साबित होती है. क्योंकि 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव 16 सीटें ऐसी हैं जो सिंधिया परिवार के प्रभाव क्षेत्र की मानी जाती हैं. ऐसे में देखना यह दिलच्सप होगा की सिंधिया शिव-ज्योति एक्सप्रेस के दम पर फिर कमल खिला पाते हैं या नहीं.

भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव की बयार शुरू हो चुकी है और इस समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की जोड़ी प्रदेश में प्रचार प्रसार के लिए उतरी है. ग्वालियर चंबल में हो रही सभाओं में सिंधिया यह कहते नजर आ रहे हैं कि 80 के दशक में माधवराव सिंधिया और एमपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा ने प्रदेश के विकास को रफ्तार दी थी. तब प्रदेश में 'मोती-माधव' एक्सप्रेस चलती थी. अब वर्तमान में 'शिव-ज्योति' की जोड़ी प्रदेश के विकास को और ज्यादा रफ्तार देगी.

शिव-ज्योति' एक्सप्रेस

अशोकनगर के पिपरई में सभा को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनके पिता माधवराव सिंधिया और कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा ने मिलकर प्रदेश के विकास के लिए काम किया था. आज सिंधिया और शिवराज की जोड़ी फिर से उसी तरह काम करने में लगी है.

प्रचार के दौरान शिव-ज्योति
प्रचार के दौरान शिव-ज्योति

'मोती-माधव' एक्सप्रेस

बात मध्य प्रदेश की सियासत में 1980 और 90 के दशक है. उस वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते थे. सियासी जानकार कहते हैं कि माधवराव कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह को मुख्यमंत्री नहीं बनने देना चाहते थे. इसलिए उन्होंने मोतीलाल वोरा को मुख्यमंत्री बनने में मदद की. जिसके बाद दोनों नेताओं की जोड़ी मध्य प्रदेश में साथ-साथ हर जगह पहुंचती थी. इस जोड़ी को उस वक्त 'मोती-माधव' एक्सप्रेस नाम दिया गया.

माधवराव सिंधिया
माधवराव सिंधिया

कहा जाता था कि मोतीलाल वोरा सुबह का नाश्ता ग्वालियर में करते थे और शाम का भोजन भोपाल में. वर्तमान में भी परिस्थितियां कुछ ऐसी ही हैं इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सिंधिया लगातार साथ में हवाई दौरे कर रहे हैं. सीएम शिवराज लगातार तीन दिन तक ग्वालियर में रुके और सिंधिया के साथ अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. तो सिंधिया भी लगातार भोपाल में डेरा जमाए हुए है. यही वजह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी और शिवराज सिंह चौहान की जोड़ी को 'शिव-ज्योति' एक्सप्रेस नाम दिया.

मोतीलाल वोरा
मोतीलाल वोरा

कांग्रेस ने साधा 'शिव-ज्योति' पर निशाना

'शिव-ज्योति' की जोड़ी पर कांग्रेस ने निशाना साधा. पार्टी प्रवक्ता सिद्धार्थ राजावत कहते जिस जोड़ी की बात सिंधिया कर रहे हैं. वह स्वर्गीय माधवराव सिंधिया और मोतीलाल बोरा की थी. लेकिन वे नेता उसूलों के पक्के थे जनता जनार्दन की सेवा उनके प्रमुख कर्तव्य हुआ करते थे. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सिर्फ निजी स्वार्थ के चलते 22 विधायकों को लेकर बीजेपी के साथ शामिल होकर यह बता दिया है । कि वह कितने बड़े धोखेबाज हैं. इसलिए शिव-ज्योति की जोड़ी को तो जनता आने वाले उपचुनाव में सबक सिखाएगी.

शिवराज-सिंधिया की जोड़ी हो रहे खूब चर्चे
शिवराज-सिंधिया की जोड़ी

बीजेपी का पलटवार

कांग्रेस के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरीके से प्रदेश का विकास किया है और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आने के बाद यह विकास की गाड़ी और स्पीड से चलेगी. कमलनाथ ने ग्वालियर चंबल को अपने हाल पर छोड़ दिया था ऐसे में अब सिंधिया और शिवराज मिलकर इस क्षेत्र में विकास की गंगा बहाएंगे.

शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश

कितना कमाल दिखाएगी 'शिव-ज्योति' एक्सप्रेस

वही राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटेरिया का कहना है कि मध्य प्रदेश के सियासी फलक पर 80 - 90 के दौर में जिस तरीके से मोती माधव एक्सप्रेस चलती थी. आज ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज की जोड़ी काम कर रही है. निश्चित तौर पर दो बड़े नेताओं का एक बड़ा गठबंधन साफ दिखाई दे रहा है. लेकिन तब कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी और अर्जुन सिंह के खिलाफ माहौल बनाने के लिए 'मोती-माधव' की जोड़ी बनी थी. हालांकि उस समय दोनों नेताओं ने कांग्रेस में अपने लिए माहौल खड़ा कर अर्जुन सिंह के स्थान पर मोतीलाल वोरा को स्थापित किया था. लेकिन आज लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस की है. इसलिए सिंधिया और शिवराज कितनी कामयाब होती है यह 28 विधानसभा के उपचुनाव के परिणाम बताएंगे. जिसमें खासतौर से 17 सीटें ऐसी है जो सिंधिया के प्रभाव वाली सीटें मानी जाती है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सांसद
ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सांसद

अब देखना यह होगा क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की यह, शिव-ज्योति एक्सप्रेस आने वाले विधानसभा के उपचुनाव में कितना कारगर साबित होती है. क्योंकि 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव 16 सीटें ऐसी हैं जो सिंधिया परिवार के प्रभाव क्षेत्र की मानी जाती हैं. ऐसे में देखना यह दिलच्सप होगा की सिंधिया शिव-ज्योति एक्सप्रेस के दम पर फिर कमल खिला पाते हैं या नहीं.

Last Updated : Sep 26, 2020, 7:56 PM IST
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