भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर तंज कसा है. कमलनाथ ट्वीट करते हुए कहा कि शिवराज जी ने तो अपनी घोषणा से “सिंगल क्लिक” का मतलब भी बदल दिया है. उन्होंने 12 फरवरी को दावा किया था कि प्रदेश के 49 लाख 85 हज़ार किसानों के खाते में फसल बीमा की 7618 करोड़ की राशि उन्होंने सिंगल क्लिक के माध्यम से उनके बैंक खातो में जमा करायी है. कमलनाथ ने कहा कि यह कैसा सिंगल क्लिक है, जो एक माह से अधिक बीत जाने के बाद भी अभी तक लाखों किसानों के खाते में राशि ही नहीं पहुंची.
सिंगल क्लिक का इंतज़ार ही कर रहे किसान
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जिन किसानों के खाते राशि पहुँची भी है, वह भी निकासी पर रोक के कारण व ऋण में समायोजित करने के कारण निकाल नहीं पा रहे. लाखों किसान तो अभी उस सिंगल क्लिक का इंतज़ार ही कर रहे हैं. अब जब 2 वर्ष बाद मिले फसल बीमा की यह स्थिति है तो खराब फसलों के मुआवजे की स्थिति को ख़ुद समझा जा सकता है. कमलनाथ ने कहा कि झूठी घोषणाएं करने में सीएम शिवराज का कोई जवाब नहीं है.
शिवराज की अब तक की घोषणाओं का हिसाब नहीं
कमलनाथ ने कहा कि बेहतर हो कि शिवराज जी पहले अपनी पुरानी अधूरी घोषणाओं को पूरा करें, फिर प्रदेश की जनता को गुमराह करने के लिए नई घोषणाएँ करें. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कहा कि, बिजली बिल और डिफाल्टर किसानों का ब्याज भरने की घोषणा तो पिछले 18 वर्षों से कर रहे हैं. क्रियान्वयन हो तो कोई बात हो.
विधानसभा में उपस्थिति के सवाल पर दिया जवाब
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज द्वारा उनकी विधानसभा में उपस्थिति पर सवाल उठाने पर कहा कि, मैं अभी छिंदवाड़ा से आ रहा हूं, अब यहां कार्यक्रम में शामिल होने आया हूं. कमलनाथ ने कहा कि, शिवराज तो चाहते हैं कि मैं बैठकर उनके झूठ और झूठी घोषणा है सुनूं, उनकी नौटंकी देखूं.
सीएम शिवराज ने विधानसभा में की कई घोषणाएं
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में घोषणा की है कि प्रदेश में कोविड काल के बिजली बिल माफ किए जाएंगे. कोरोना काल में 88 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का रु. 6,000 करोड़ का बकाया बिल माफ किया जाएगा. जिन लोगों ने बिलों का भुगतान कर दिया है, उनकी राशि अगले बिलों में समायोजित की जाएगी. वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को भी राहत देने का ऐलान किया. सीएम ने कहा कि कमलनाथ सरकार के दौरान किसानों की कर्ज माफी नहीं होने से कई किसान डिफॉल्टर हो गए. जो किसान डिफॉल्टर हो गए हैं, उनके कर्ज का ब्याज सरकार भरेगी.